Rajasthan

कैसे होती है कमर्शियल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री? एक्सपर्ट से जानें पूरी प्रक्रिया और धोखाधड़ी से बचने के जरूरी टिप्स

करौली. किसी नई प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराना या रजिस्ट्री की प्रक्रिया से गुजरना आम लोगों के लिए अक्सर एक चुनौतीपूर्ण काम होता है. ऐसे में खासकर व्यवसायिक प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है. आज हम आपको कमर्शियल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री प्रक्रिया से जुड़ी कुछ आसान और उपयोगी टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप बिना किसी धोखाधड़ी के अपनी प्रॉपर्टी को सुरक्षित तरीके से रजिस्टर्ड करा सकेंगे. आइए जानते हैं एक्सपर्ट से कि रजिस्ट्री से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कौन-कौन से दस्तावेज आवश्यक होते हैं.

करौली के रजिस्ट्री एक्सपर्ट एडवोकेट धनंजय भारद्वाज बताते हैं कि किसी भी व्यवसायिक संपत्ति की रजिस्ट्री से पहले खरीदार को प्रॉपर्टी के सभी दस्तावेजों की गहराई से जांच करनी चाहिए. इसके लिए खरीदार चाहे तो किसी अच्छे वकील की मदद ले सकता है. साथ ही संबंधित रजिस्टार कार्यालय और स्थानीय निकाय (Local Body) से भी दस्तावेजों की पुष्टि करवा लेनी चाहिए.

7 दिनों के भीतर दर्ज करा सकते हैं प्रॉपर्टी को लेकर आपत्ति

कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने से पहले खरीदार अखबार में NOC से संबंधित एक विज्ञप्ति भी प्रकाशित करवा सकता है. इससे यदि किसी व्यक्ति को प्रॉपर्टी पर कोई आपत्ति हो तो वह 7 दिनों के भीतर आपत्ति दर्ज करा सके. यह कदम भविष्य में होने वाली कानूनी दिक्कतों से बचाता है. इन सभी प्रक्रियाओं के बाद यदि प्रॉपर्टी पर कोई आपत्ति नहीं आती है, तो खरीदार विक्रेता से एडवांस एग्रीमेंट कर सकता है. इस एग्रीमेंट को नोटरी पब्लिक से रजिस्टर्ड करवाना चाहिए, ताकि धोखाधड़ी की संभावना कम हो.

रजिस्ट्री कराते समय ध्यान रखने योग्य बातें

एक्सपर्ट के अनुसार, रजिस्ट्री कराते समय भी कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए. जिसमें प्रॉपर्टी का DLC रेट निकलवाकर उसी के आधार पर E-Grass या ई-पेमेंट सिस्टम के माध्यम से भुगतान करें. इससे धोखाधड़ी की संभावना नहीं रहती. किसी अनुभवी वकील से डील (Sale Deed) तैयार करवाएं. डील तैयार होने के बाद उसे E-पंजीयन (E-Registration) की साइट पर फीड करवाएं. रजिस्ट्री फीस का पूरा भुगतान भी ऑनलाइन माध्यम से ही करें. वहीं ऑनलाइन भुगतान पूरा होने के बाद संबंधित रजिस्टार कार्यालय में जाकर दस्तावेज जमा करें.

रजिस्ट्री में जरूरी दस्तावेज

कमर्शियल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में DLC रेट भुगतान के बाद खरीदार और विक्रेता दोनों पक्षों के कई दस्तावेज आवश्यक होते हैं. इसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, दोनों पक्षों के दो-दो गवाह, जिनके आधार कार्ड भी साथ रखना आवश्यक है. दस्तावेज सत्यापन के बाद रजिस्टार द्वारा रजिस्ट्री जारी कर दी जाती है. खरीदार चाहें तो बाद में रजिस्ट्री की नकल (Certified Copy) भी निकलवा सकते हैं.

रजिस्ट्री के बाद नामांतरण करवाना न भूलें

रजिस्ट्री एक्सपर्ट भारद्वाज बताते हैं कि कमर्शियल प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के बाद खरीदार को संबंधित स्थानीय निकाय में प्रॉपर्टी का नामांतरण ( नाम ट्रांसफर) भी करवा लेना चाहिए. इससे भविष्य में किसी भी तरह की कानूनी समस्या नहीं आती और प्रॉपर्टी पर खरीदार का पूरा अधिकार सुरक्षित रहता है.

कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने के लिए महत्वपूर्ण बिंदू

कमर्शियल प्रॉपर्टी खरीदने से पहले दस्तावेजों की वकील द्वारा जांच जरूरी.

अखबार में 7 दिन का NOC नोटिस प्रकाशित करके आपत्ति आमंत्रित की जा सकती है.

रजिस्ट्री के दौरान DLC रेट के आधार पर ई-पेमेंट और सेल डीड की लीगल तैयारी अनिवार्य.

आधार, पैन और गवाहों के दस्तावेज रजिस्ट्री में आवश्यक.

रजिस्ट्री के बाद स्थानीय निकाय में नामांतरण करवाना न भूलें, ताकि भविष्य में कानूनी समस्या न हो.

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