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दीपिका पादुकोण की ओब्सेसिव सोच वाली बीमारी कितनी गंभीर? क्या आप तो नहीं हैं शिकार, अभी चेक कर लें

Last Updated:May 19, 2025, 16:58 IST

Deepika Padukone OCD: क्या आपको दीपिका पादुकोन की मानसिक बीमारी के बारे में पता है. यह सोच की बीमारी है. अगर किसी को हो जाए तो यह बेहद खतरनाक हो जाती है. आखिर कितनी गंभीर है यह बीमारी.दीपिका पादुकोण की ओब्सेसिव सोच वाली बीमारी कितनी गंभीर? क्या आप तो नहीं

ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसॉर्डर.

Deepika Padukone OCD: आपको याद होगा कि कुछ साल पहले दीपिका पादुकोन ने गंभीर मानसिक बीमारी के बारे में जिक्र किया था. उन्होंने खुले तौर पर कहा था कि वे ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसॉर्डर की गंभीर परेशानी से जूझ रही हैं और इसके लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ती है. ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसॉर्डर को ओसीडी कहा जाता है. यह सोच से संबंधित एक बीमारी है जिसमें मरीज किसी एक ही चीज पर इतना सोचता है कि वह इससे उबर नहीं पाता है और हमेशा इसी चिंता में डूबा रहता है. यह गंभीर मानसिक बीमारी है जिसमें मरीज के जीवन की गुणवत्ता बहुत खराब हो जाती है. अब फिल्म निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर की बेटी और अभिनेत्री-गायिका कावेरी कपूर ने भी कबूल किया है कि वह भी ओसीडी की गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं.

किस तरह की बीमारी है ओसीडी इस बीमारी से जूझ रहीं कावेरी ने बताया कि ओसीडी में रहकर जीना सामान्य बात नहीं है. इस बीमारी में एक सोच मन में आ गई तो वो आसानी से जाती नहीं. यही सोच बार-बार में मन में आती रहती है और परेशान करती रहती है. जैसे आपके मन में यह बात आ गई कि घर के टेबल पर गुलदान सही से सेट नहीं है तो बार-बार यही ख्याल आएगा और वह ठीक भी रहेगा तो आपके मन में होगा कि वह ठीक नहीं है. इसी तरह आपके मन में आ गया कि गीले कपड़े जहां सुखा रहे हैं वह तार गंदी है तो बार-बार आपका उसी पर ध्यान अटका रहेगा और साफ रहने के बाद भी बार-बार उसे साफ करने की कोशिश करेंगे. इस बीमारी में किसी दुखद घटना के बारे में कुछ बातें मन में आ जाएगी तो बार-बार आप उसी के बारे में सोचेंगे. आप उस सोच से उबर नहीं पाते हैं. कहने का मतलब कि किसी सोच पर आपकी सूई अटकी रहेगी और आप चिंता में डूबे रहेंगे. इसमें आपके मन में हमेशा बेचैनी रहेगी कि ऐसा नहीं होता. आप हमेशा घबराए हुए रहेंगे. इसमें मन में बार-बार एक ही विचार आते हैं, जिसके कारण बेचैनी होती है. जैसे कि दरवाजे में कुंडी लगाना, हाथ धोना या ताला लगाना आदि. ये काम कुछ भी हो सकता है. इससे पीड़ित लोग एक ही तरह के व्यवहार को दोहराते हैं, यदि वे ऐसा न करें तो मन बेचैनी और घबराहट भी होती है. पीड़ित के मन में चलता रहता है कि उसने किसी काम को सही तरह से पूरा किया है या नहीं. आसान शब्दों में कहें तो ओसीडी का मतलब किसी काम को बार-बार करना है चाहे वह हुआ है या नहीं.

कैसे करें इसका उपचार इसके उपचार में आमतौर पर मनोचिकित्सक से सलाह और दवा शामिल होती है. समय के साथ यह बढ़ता जाता है. डॉक्टरों का मानना है कि तनाव, चिंता या जेनेटिक भी इसके पीछे की वजह हो सकती है. जितनी जल्दी ओसीडी के बारे में पता चल जाए, उतना बेहतर होता है. इसके उपचार से बेहतर परिणाम मिलता है. कावेरी कपूर ने बताया कि यदि आप ओसीडी के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, तो बता दूं कि यह ज्यादा चिंतन या विशेष मानसिक स्थितियों की वजह से होता है. इसमें एक ही विचार बार-बार मन में उठते हैं. मैं सोचती रहती हूं कि क्या मैंने लाइट बंद कर दी है या गीजर बंद कर दिया है, भले ही मुझे पता हो कि मैंने ऐसा किया है. फिर भी मैं इसकी जांच करती रहती हूं और इसके बारे में चिंता करती रहती हूं. इसके साथ ही कावेरी ने यह भी बताया कि वह इसे दूर कैसे भगाती हैं. उन्होंने बताया, मैं ज्यादा से ज्यादा पॉजिटिव रहने की कोशिश करती हूं और विचार आने पर अपना मन दूसरी चीजों पर लगाती हूं. हालांकि ओसीडी का सामना करने वाले सितारों की लिस्ट में केवल कावेरी कपूर का ही नाम शामिल नहीं है. एक इंटरव्यू के दौरान अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने बताया था कि उन्हें ओसीडी है. हालांकि उन्हें इससे परेशानी नहीं होती है.

इलाज में समय लेकिन घबराएं नहीं अभिनेत्री विद्या बालन ने भी एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया था कि वह साफ-सफाई के बारे में बहुत सोचती हैं और उन्हें ओसीडी है. बालन ने बताया कि वह थेरेपी की सहायता से खुद को ठीक करने की कोशिश करती हैं. क्लीवलैंड क्लिनिक में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, ओसीडी एक डिसऑर्डर है, जिसका इलाज संभव है. हालांकि इसमें समय लग सकता है. साइकोलॉजिस्ट मरीज से बैठकर बात करते हैं और फिर उसके बैकग्राउंड के साथ ही जीवन में चल रही खास बातों को जानने की चेष्टा करते हैं. इसके साथ ही तनाव कम करने और दिमाग को आराम देने वाली कुछ दवाइयों का भी इस्तेमाल करते हैं. (इनपुट-आईएएनएस)

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Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i…और पढ़ें

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दीपिका पादुकोण की ओब्सेसिव सोच वाली बीमारी कितनी गंभीर? क्या आप तो नहीं

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