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How to become free from Pitru Dosh on Hariyali Amavasya

अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव

हिंदू कैलेंडर में हर माह आने वाली अमावस्या को कई मायनों में विशेष माना जाता है। दरअसल हर माह में आने के कारण साल में कुल 12 अमावस्या होती हैं, जिनमें हर अमावस्या का अलग अलग नाम होता है। इनमें से श्रावण माह की अमावस्या को श्रावणी या हरियाली अमावस्या भी कहते हैं।

ऐसे में इस साल यानि साल 2021 में यह अमावस्या 08 अगस्त को रहेगी। वहीं शास्त्रों में अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव माने जाते है। इस कारण इस दिन पितृ दोष से मुक्ति के लिए पितृ शांति के उपाय भी किए जाते हैं।

ऐसे में इस हरियाली अमावस्या को आप व हम क्या कर सकते हैं? आइये जानते हैं:

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: जानकारों के अनुसार हरियाली अमावस्या के दिन पौधा रोपण का बहुत महत्व माना जाता है।अत: इस दिन पीपल, आंवला, वटवृक्ष, नीम और आम के पौधों को रोपने विशेष माना गया है। मान्यता के अनुसार पौधरोपण से ग्रह नक्षत्र और पितृदोष शांत हो जाते हैं।

: वहीं सावन मास होने के कारण इस दिन महादेव के पूजन खास माना गया है, ऐसे में हरियाली अमावस्या के दिन खास तौर से भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि महादेव पूजन से पितृदोष शांत होता हैं।

: हरियाली अमावस्या का व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि ऐसे में हर तरह के रोग और शोक मिटाने के लिए भी इस दिन विधिवत रूप से व्रत रखा जाता है।

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sawan amavasya 2021 Pooja Date Time

इसके साथ ही ये भी मान्यता है कि पितरों के निमित्त वृत करने से पितृदोष शांत होते हैं, साथ ही इस दिन ब्राह्मण भोज अवश्य कराना चाहिए।

: धर्म के जानकरों के अनुसार इस दिन पितरों के देव अर्यमा और भगवान विष्णु का आह्‍वान करते हुए अपने पितरों के निमित्त तर्पण, पिंडदान आदि कार्य करने चाहिए। वहीं यदि पितरों का पिंडदान नहीं हुआ है, तो इस दिन पिंडदान कर सकते हैं।

: इन सब कार्यों के अलावा इस दिन पितृसूक्त पाठ, गरुड़ पुराण, गीता पाठ, गजेंद्र मोक्ष पाठ, पितृ कवच का पवित्र पाठ अथवा पितृ देव चालीसा और आरती करनी चाहिए।

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 Amavasya 2021

IMAGE CREDIT: patrika

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