सीबीएसई या अन्य बोर्ड के रिकॉर्ड में अपना नाम कैसे बदलें? समझ लें पूरी प्रक्रिया

नई दिल्ली (How to Change Name, General Knowledge). ज्यादातर ऑफिशियल डॉक्यूमेंट्स की शुरुआत 10वीं से होती है. 10वीं का प्रमाण पत्र ही आगे चलकर कॉलेज एडमिशन, सरकारी नौकरी, पासपोर्ट और पैन कार्ड आदि के लिए आधार बनता है. अगर किसी छात्र को अपना नाम बदलवाना हो (वर्तनी की गलती हो, न्यूमरोलॉजी के कारण हो या व्यक्तिगत पहचान बदलने की इच्छा हो) तो यह प्रक्रिया 10वीं में ही पूरी कर लेनी चाहिए. एक बार 10वीं के रिकॉर्ड में नाम सही हो जाने पर भविष्य के सभी डॉक्यूमेंट्स में यह ऑटोमैटिकली सही हो जाता है. इस बदलाव की शुरुआत स्कूल या बोर्ड से नहीं, बल्कि कानूनी प्रक्रिया से होती है.
नाम बदलवाने की प्रक्रिया को 3 मुख्य स्टेप्स में पूरा करना होता है: शपथ पत्र बनवाना, अखबारों में सूचना प्रकाशित करना और सरकारी राजपत्र (Gazette) में नोटिफिकेशन जारी करवाना. इनमें से सरकारी राजपत्र की नोटिफिकेशन सबसे महत्वपूर्ण और कानूनी रूप से मान्य डॉक्यूमेंट है. इसके बिना कोई भी शिक्षण संस्थान या सरकारी विभाग आपके नाम परिवर्तन को स्वीकार नहीं करता है. 10वीं में नाम बदलवाने के लिए छात्रों और उनके माता-पिता को कई कानूनी चरण पूरे करने होते हैं. उसके बाद रिकॉर्ड में स्थायी सुधार के लिए बोर्ड के नियमों के तहत आवेदन कर सकते हैं.
नाम बदलवाने की कानूनी प्रक्रिया क्या है?
नाम बदलवाने के लिए सबसे पहले कानूनी मान्यता प्राप्त करना जरूरी है:
1. शपथ पत्र (Affidavit) बनवाना: किसी स्थानीय नोटरी या एसडीएम ऑफिस में जाकर एक शपथ पत्र तैयार करवाएं. इसमें आपका पुराना नाम, नया नाम, आपके पिता का नाम और नाम बदलने का कारण स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए. इसे नोटरी से वेरिफाई करवाना अनिवार्य है.
2. अख़बारों में प्रकाशन: नाम बदलने की सूचना को 2 प्रमुख अखबारों में प्रकाशित करवाएं- एक स्थानीय (क्षेत्रीय भाषा) और एक अंग्रेजी/हिंदी दैनिक अखबार में. विज्ञापन में पुराना नाम, नया नाम और पूरा पता स्पष्ट रूप से उल्लेखित होना चाहिए.
3. सरकारी राजपत्र में अधिसूचना (Gazette Notification): यह सबसे महत्वपूर्ण स्टेप है. आपको नाम बदलने की आधिकारिक घोषणा भारत के राजपत्र में प्रकाशित करवानी होगी. इसके लिए गृह मंत्रालय के प्रकाशन विभाग में आवेदन करें, जहां शपथ पत्र और अखबार की कटिंग जमा की जाती है. नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही नाम कानूनी रूप से बदला हुआ माना जाता है.
सीबीएसई/बोर्ड रिकॉर्ड में नाम बदलवाने के लिए क्या करें?
कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको बोर्ड (जैसे CBSE) के पास आवेदन करना होगा:
आवेदन: छात्र को अपने स्कूल के जरिए सीधे बोर्ड कार्यालय में औपचारिक आवेदन जमा करना होगा.
डॉक्यूमेंट: इस आवेदन के साथ सरकारी राजपत्र की प्रति, स्कूल रिकॉर्ड और माता-पिता का सहमति पत्र संलग्न करना अनिवार्य है.
समय सीमा: बोर्ड आमतौर पर 10वीं/12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद एक सीमित अवधि (जैसे 5-7 वर्ष) तक ही नाम परिवर्तन की अनुमति देते हैं.
नाम बदलवाते समय किन बातों का ध्यान रखें?
नाम बदलवाने की प्रक्रिया लंबी खिंच सकती है. इस दौरान कई बातों का ध्यान रखना चाहिए:
वेरिफिकेशन: शपथ पत्र और राजपत्र अधिसूचना में अपने नए नाम की स्पेलिंग को 100% सही लिखें. एक भी गलती भविष्य में समस्या बन सकती है.
जागरूकता: स्कूल प्रशासन और माता-पिता के साथ एक्टिव रूप से बातचीत करें. इससे उन्हें पूरी प्रक्रिया की जानकारी रहेगी.
एकाग्रता: कानूनी प्रक्रिया के दौरान अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान बनाए रखें क्योंकि यह प्रक्रिया कुछ हफ्तों का समय ले सकती है.
किन डॉक्यूमेंट्स में नाम बदलवाना होगा?
10वीं बोर्ड सर्टिफिकेट (सबसे पहले)
12वीं बोर्ड सर्टिफिकेट
आधार कार्ड
पैन कार्ड
पासपोर्ट
बैंक अकाउंट के डॉक्यूमेंट
अगर आप नाम बदलवाना चाहते हैं तो 10वीं बोर्ड परीक्षा शुरू होने से पहले प्रक्रिया पर फोकस करना जरूरी है.



