How to detect Thyroid Primary Symptoms|ये 5 संकेत बताते हैं कि थायरायड की शुरुआत हो चुकी है

Last Updated:July 26, 2025, 21:12 IST
Thyroid Primary Symptoms: थायरॉयड में कई चीजें आती हैं. सामान्य तौर पर यह एक ग्रंथि है जिससे कई तरह के थायरॉयड हार्मोन रिलीज होते हैं. थायरॉयड का मुख्य काम मेटाबोलिज्म के स्पीड को कंट्रोल करना है. मेटाबोलिज्म यानी हम जो चीजें खाते हैं उससे पोषक तत्वों का निकालकर इस पोषक तत्वों से जो एनर्जी बनती है और जो एनर्जी खर्च होती है, उसे नियंत्रित करना है. यानी एक तरह से पूरे शरीर के सिस्टम को नियंत्रित करने का काम थायरॉयड का है. इसलिए इसका बढ़ना भी नुकसानदेह है और घटना भी नुकसानदेह है. ऐसे में इसके पहले संकेत को पहचानना बहुत जरूरी है.
हॉर्मोन हमारे शरीर में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन हॉर्मोनों में किसी भी तरह का छोटा सा बदलाव भी हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है. इन्हीं जरूरी हॉर्मोनों में से एक हैं T3 (ट्रायोडोथायरोनिन) और T4 (थायरॉक्सिन). ये थायरॉयड ग्रंथि से बनते हैं जो गर्दन में एक तितली के आकार की होती है. ये शरीर के मेटाबॉलिज्म में अहम भूमिका निभाते हैं. इन हॉर्मोनों की कमी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है.
थायरॉयड के काम-थायरॉयड ग्रंथि गर्दन के नीचे, स्वरयंत्र (लैरिंक्स) के नीचे स्थित होती है. T3 और T4 हार्मोन शरीर की हर कोशिका पर प्रभाव डालते हैं. ये भोजन को ऊर्जा में बदलने, शरीर का तापमान बनाए रखने और दिल की धड़कन जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करते हैं. जब थायरॉयड हॉर्मोन के निर्माण में उतार-चढ़ाव होता है, तब शरीर की मेटाबॉलिक दर (Metabolic Rate) में भी बदलाव आता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं. थायरॉयड की समस्याएं मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं:
हाइपोथायरॉयडिज़्म (Hypothyroidism) — जब थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन कम होता है. हाइपरथायरॉयडिज़्म (Hyperthyroidism) — जब थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन अधिक होता है. आइए जानते हैं थायरॉयड से जुड़ी समस्या होने पर शरीर में कौन-कौन से लक्षण दिखाई देते हैं.
वजन में बदलाव: अगर किसी को थायरॉयड की समस्या होती है, तो अचानक वजन घट भी सकता है या बढ़ भी सकता है. हाइपरथायरॉयडिज़्म की स्थिति में थायरॉयड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हॉर्मोन बनाने लगती है, जिससे शरीर की मेटाबॉलिक दर (चयापचय दर) बढ़ जाती है. ऐसे में भोजन सामान्य से ज्यादा तेज़ी से ऊर्जा में बदल जाता है. इसका परिणाम यह होता है कि भोजन की आदतों में बदलाव या कसरत न करने के बावजूद भी व्यक्ति का वजन तेजी से कम हो सकता है.
हाइपोथायरॉयडिज़्म की स्थिति में थायरॉयड हॉर्मोन का उत्पादन कम हो जाता है. यह धीरे-धीरे शरीर की मेटाबॉलिक दर (चयापचय की गति) को प्रभावित करता है. भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और डाइट में कोई बदलाव न होने के बावजूद वजन तेजी से बढ़ सकता है. अगर आपके वजन में अचानक और असामान्य बदलाव देखने को मिले, तो थायरॉयड की जांच करवाना बेहतर होगा.
लगातार थकान: हाइपोथायरॉयडिज़्म का एक मुख्य लक्षण है हर समय थका हुआ महसूस करना. जब आपके शरीर में थायरॉयड हॉर्मोन की कमी होती है तो पर्याप्त नींद लेने के बाद भी आप थकान और ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं. यह केवल शारीरिक थकान तक सीमित नहीं होती बल्कि कई हाइपोथायरॉयडिज़्म से पीड़ित मरीज मानसिक थकान और भूलने जैसी समस्याओं का भी अनुभव करते हैं. अक्सर यह लक्षण हाइपोथायरॉयडिज़्म के शुरुआती संकेतों में से एक होता है. ऐसी थकान को नजरअंदाज न करें.
त्वचा और बालों में बदलाव: ब थायरॉयड कार्य में गड़बड़ी होती है तो त्वचा, बाल और नाखूनों में भी बदलाव दिखाई देने लगते हैं. हाइपोथायरॉयडिज़्म में थायरॉयड हॉर्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिससे त्वचा की कोशिकाओं का पुनर्जनन धीमा हो जाता है. इसका असर यह होता है कि त्वचा सूखी और खुजली वाली हो जाती है,बाल रूखे हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं. नाखून भी जल्दी टूटने लगते हैं. वहीं हाइपरथायरॉयडिज़्म में बाल नरम और पतले हो सकते हैं और त्वचा अत्यधिक चिकनी और मुलायम हो जाती है. अगर आप अपनी त्वचा या बालों में अचानक कोई बदलाव महसूस करते हैं, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए और जरूरत हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
नींद में बदलाव:दोनों प्रकार की थायरॉयड समस्याओं में नींद से जुड़ी परेशानियाँ देखी जा सकती हैं. हाइपरथायरॉयडिज़्म से पीड़ित व्यक्ति अक्सर रोग संबंधी जटिलताओं के कारण नींद नहीं ले पाते. रात के समय अत्यधिक पसीना आना भी नींद में बाधा उत्पन्न कर सकता है. वहीं, हाइपोथायरॉयडिज़्म से पीड़ित लोगों में अलसकता और अत्यधिक नींद आने की समस्या देखी जाती है.
हाइपोथायरॉयडिज़्म से ग्रस्त लोगों में, थायरॉयड हॉर्मोन का कम उत्पादन पाचन तंत्र में बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ देता है, जिससे बैक्टीरिया की अत्यधिक वृद्धि हो सकती है. यह स्थिति “स्मॉल इंटेस्टाइनल बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (SIBO)” कहलाती है.अनुमान है कि हाइपोथायरॉयडिज़्म से पीड़ित आधे से अधिक लोग SIBO से प्रभावित होते हैं. SIBO के कारण व्यक्ति को भूख कम लगना, पेट दर्द, मितली (उल्टी जैसा महसूस होना), दस्त और पेट फूलने जैसी समस्याएँ हो सकती हैं.
homelifestyle
पिछले 30 दिनों के भीतर यदि आपने ये लक्षण महसूस किए हैं तो आपको थायरॉयड है, तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क