आप विश्वास करने के लिए कारण कैसे नहीं देंगे… केजरीवाल केस में ED से SC का सख्त सवाल, सिंघवी को भी दिए 15 मिनट
नई दिल्ली. दिल्ली शराब घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच कर रही थी. इस दौरान जस्टिस खन्ना ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) से मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों के मामले को कैसे अलग करते हैं? केजरीवाल, सिसोदिया, संजय सिंह सभी एक ही केस में आरोपित हैं, लेकिन केजरीवाल और सिंह अभी अंतरिम जमानत पर बाहर हैं.
सुप्रीम कोर्ट में ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट के सवालों का जवाब देते हुए, घोटाले में मनीष सिसोदिया की शराब घोटाले में उनकी भूमिका के बारे में कई बातों का उल्लेख किया. एएसजी ने गोवा चुनाव में उपयोग हुए पैसों और शराब कंपनियों से नकदी रकम की उगाही का भी जिक्र किया. राजू ने कहा कि हमारे पास प्रमाण हैं कि हवाला के जरिए पैसों का लेनदेन हुआ. ईडी ने बताया कि हम सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर रहे हैं, इसमें आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल भी आरोपी हैं.
सबूत हैं, तो सामने लाइयेईडी ने जब शीर्ष कोर्ट को पैसों के लेन देन के बारे में बताया तो जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि अगर आपके पास सबूत हैं, तो उसे सामने लाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि आम तौर पर जांच अधिकारी को तब तक गिरफ़्तारी नहीं करनी चाहिए जब तक उसके पास ‘दोषी’ साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत न हों और यहीं मानक होना चाहिए. जब ईडी ने अपनी दलील बंद की, तब अरविंद केजरीवाल की ओर से अभिषेक सिंघवी ने दलील रखनी शुरू की.
कोर्ट ने पूछे सख्त सवालशीर्ष कोर्ट ने सिंघवी को उमनी बात रखने के लिए 15 मिनट का समय दिया. इस दौरान उन्होंने ईडी की तरफ से एएसजी राजू की दलीलों का विरोध किया. उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी के पास गिरफ्तारी के आधार के कोई सबूत नहीं हैं, तो इस बात पर एएसजी राजू ने अपनी आपत्ति जाहिर की. इसके अलावा कोर्ट ने ईडी से तीखे सवाल पूछे. बेंच ने पूछा कि क्या गिरफ्तारी के लिए लिखित रूप में दर्ज “विश्वास करने के कारणों” में इनका उल्लेख किया गया था, लेकिन, ”हमने विश्वास करने के कारण नहीं बताए हैं.” यह बात सुनते हीं बेंच ने इसपर आश्चर्य व्यक्त किया. राजू ने कहा कि इन पहलुओं को बताने की कोई आवश्यकता नहीं है. तब न्यायमूर्ति खन्ना ने पूछा कि आप विश्वास करने के लिए कारण कैसे नहीं देंगे तो उन कारणों को चुनौती कैसे देंगे?’
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FIRST PUBLISHED : May 17, 2024, 20:27 IST