Rajasthan

हौसले को सलाम: 22 बार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, अब बने CRPF में सब-इंस्पेक्टर

मनमोहन सेजू / बाड़मेर: कहते हैं कि संघर्ष में तपकर ही सोना कुंदन बनता है. बाड़मेर के राहुल गवारिया ने इसी कथन को सच साबित कर दिखाया है. 22 प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने के बावजूद राहुल ने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करते रहे. उनकी मेहनत का नतीजा यह हुआ कि अब उनकी सफलता की चर्चा हर जगह हो रही है. बाड़मेर के रहने वाले इस युवा ने हाल ही में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में सब-इंस्पेक्टर की परीक्षा पास की और अपना सपना पूरा किया.

असफलताओं से नहीं मानी हारराहुल गवारिया का सफर आसान नहीं था. बार-बार की असफलताओं के बावजूद उन्होंने अपने हौसले को कमजोर नहीं होने दिया. वह बताते हैं कि उनकी मां, जो फुटपाथ पर चूड़ियां बेचकर परिवार का गुजारा करती थीं, उन्होंने हमेशा उन्हें सिखाया कि असफलता को कमजोरी नहीं बनाना चाहिए. राहुल ने राज्य स्तरीय 22 प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता का सामना किया, लेकिन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की भर्ती परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर इतिहास रच दिया.

फुटपाथ से लेकर सफलता तक का सफरराहुल के माता-पिता, जो आर्थिक रूप से कमजोर थे, हर हाल में उन्हें पढ़ाया-लिखाया और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. राहुल की मां कमला देवी अनपढ़ हैं, जबकि उनके पिता जालाराम सिर्फ आठवीं कक्षा तक पढ़े हैं. वे ताने सहते हुए भी अपने बेटे को पढ़ाई के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते रहे. उनकी मेहनत और संघर्ष का परिणाम है कि आज उनका बेटा CRPF में सब-इंस्पेक्टर के पद पर पहुंच गया है.

NCC से मिली प्रेरणाराहुल ने 12वीं कक्षा साइंस-मैथ्स से पास की और फिर बाड़मेर के पीजी कॉलेज से बीएससी की. इस दौरान उन्होंने एनसीसी (NCC) ज्वाइन की, जिसके चलते उन्हें 2019 में गणतंत्र दिवस पर दिल्ली परेड में हिस्सा लेने का मौका मिला. इसके साथ ही उन्हें एनसीसी के दौरान ‘बेस्ट कैडेट’ का अवार्ड भी मिला, जो उनके हौसले और मेहनत का प्रतीक था.

परिवार ने दी हमेशा प्रेरणाराहुल ने लोकल18 से खास बातचीत में बताया कि जब भी वे किसी परीक्षा में असफल होते थे, उनके घरवाले उन्हें दुगनी मेहनत के साथ फिर से कोशिश करने के लिए प्रेरित करते थे. इसी प्रेरणा और मेहनत की बदौलत आज वे CRPF में सब-इंस्पेक्टर के पद पर काबिज हैं. उनके कंधों पर सितारे और शरीर पर खाकी वर्दी उनकी सफलता की कहानी बयां करती है. राहुल गवारिया की यह कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो संघर्षों से घबराते नहीं, बल्कि उन्हें अपनी ताकत बनाकर आगे बढ़ते हैं.

Tags: Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : October 7, 2024, 20:32 IST

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