Rajasthan

Hundreds of bones are waiting for their loved ones here after their death

बाड़मेर:- कहते हैं कि कोई कितना भी गरीब क्यों ना हो, वह अपनों की मौत के बाद उनकी अस्थियों को हरिद्वार ले जाकर गंगा नदी में जरूर प्रवाहित करता है. लेकिन इन बातों से परे भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर में सैकड़ों अस्थियां अपनों का इंतजार कर रही हैं. एक तरफ जहां श्राद्ध पक्ष में लोग अपने दिवंगत के लिए श्राद्ध कर रहे हैं, जबकि बाड़मेर में 156 दिवंगत अपनों का इंतजार अस्थियों के रूप में कर रहे हैं.

बाड़मेर जिला मुख्यालय स्थित सार्वजनिक श्मशान घाट में 156 लॉकर में यह अस्थियां बरसों से अपनों की राह देख रही है. लेकिन उनके अपने श्मशान की तरफ मुंह तक नहीं कर रहे हैं. इस पूरे मामले में सबसे चौकाने वाली बात यह है कि श्मशान घाट में एक दर्जन के करीब अलग-अलग अलमारियों के जिन-जिन लॉकर में अस्थियों को रखा गया है, उनपर ताले उनके परिजनों के इंतजार में लगाए हुए हैं, जिसके चलते श्मशान विकास समिति यह भी पता नहीं कर पा रही है कि यह अस्थियां आखिर किसकी हैं.

पुरखों की अस्थियां वंशजों का कर रहीं इंतजारसनातन धर्म में माना जाता है कि तर्पण और श्राद्ध से पितृ खुश होकर अपने वंशजों को सुख, समृद्धि और संतान के सुख का आशीर्वाद देते हैं. लेकिन मान्यता के ठीक उलट, सरहदी बाड़मेर जिले के सार्वजनिक श्मशान घाट के लॉकरों में बंद पुरखों की अस्थियां तर्पण के लिए बरसों से वंशजों का इंतजार कर रही हैं. आलम यह है कि हरिद्वार में उन अस्थियों को प्रवाहित करना तो दूर, लोग इन अस्थियों को अपने घर तक नहीं ले जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें:- 17 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन, तब जाकर बोरवेल से निकली 2 साल की बच्ची, चारों तरफ बजने लगीं तालियां

फुल हो गए अस्थियों के लॉकरशमशान विकास समिति के सयोंजक भैरोसिंह फुलवरिया ने लोकल18 से बातचीत करते हुए बताया कि कोविड 19 की दूसरी लहर के बाद अब पहली बार अस्थियों से श्मशान घाट के लॉकर फुल हो चुके हैं. समिति ने लोगो से अपील की है कि जिनके परिवार के लोगों की अस्थियां हैं, वह इसे यहां से ले जाएं और उसका विसर्जन कर दें. फुलवरिया के मुताबिक, एक तरफ जहां श्राद्ध पक्ष में लोग अपने दिवंगत अपनों के लिए श्राद्ध कर रहे हैं, जबकि बाड़मेर में 156 दिवंगत अपनों का इंतजार अस्थियों के रूप में कर रहे हैं.

Tags: Barmer news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 17:16 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj