IAF की ताकत से घबराए चीन और पाकिस्तान, सीमा पर लगाया रडार और एयर डिफेंस का जमावड़ा
नई दिल्ली. चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी तब से और तेज हो गई जब अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान में अपने सभी ऑपरेशन को समेटकर वापस चला गया. पाकिस्तान के लिए आर्थिक और सामरिक दृष्टि से ये एक बड़ी चोट थी. पाकिस्तान को इस बारे में एहसास था कि अमेरिका एक ना एक दिन अफ़ग़ानिस्तान से निकल जाएगा और इसी को ध्यान में रखते हुए उसने अपनी रोज़ी रोटी और भारत से लोहा लेने के मकसद से चीन के साथ अपने रिश्तों को मज़बूत करना शुरू कर दिया था.
हालात ये है कि अब चीन भारत से निपटने के लिए पाकिस्तान से एयर वॉरफेयर ट्रेनिंग ले रहा है, तो वहीं चीन पाकिस्तान को फाइटर एयरक्रफ्ट दे रहा है. भारतीय वायुसेना के सालाना प्रेस कॉन्फ़्रेंस में न्यूज18 इंडिया की तरफ से चीन और पाकिस्तान के गठबंधन से जुड़े सवाल पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा, “चीन-पाकिस्तान के बीच ट्रांसफ़र ऑफ़ टेक्नोलॉजी हो गई है. JF-17 पाकिस्तान में ही बनाया जा रहा है. 25 J-10C का कॉन्ट्रैक्ट चीन के साथ है और लगभग 15 से ज़्यादा एयरक्राफ्ट पाकिस्तान को मिल भी चुके हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “हम इस ट्रेंड को देख रहे हैं और हमें ये भी जानकारी है कि चीन और पाकिस्तान एक साथ ट्रेनिंग भी करते हैं. उनका हाल ही में एक संयुक्त अभ्यास ‘शाहीन’ हुआ था. पाकिस्तान की रणनीति इन अभ्यास के ज़रिए चीन को मिलती होगी. जहां तक हम तकनीक का सामना तकनीक के साथ कर सकते है कोशिश करेंगे और जहां पर ऐसा नहीं हो सकता है, वहां हमारी ट्रेनिंग और नई रणनीति हमेशा बदलती रहती है.”
एयर चीफ मार्शल ने बताया कि जैसे ही हमें पता चला कि दोनों तरफ एक तरह की क्षमता है, तो हमारे टैक्टिस में भी बदलाव आया है. यही नहीं, वायुसेना प्रमुख ने तो चीन और पाकिस्तान के भारतीय वायुसेना से निपटने के लिए उनकी तैयारियों का भी कच्चा चिट्ठा खोल दिया.
भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता से डरे चीन और पाकिस्तान
वायुसेना प्रमुख के मुताबिक़ पिछले कुछ समय में चीन ने पूर्वी लद्दाख के दूसरी ओर अपने एयर डिफेंस सिस्टम और रडार की तैनाती को बढ़ाया है. इसी तरह की बढ़ी हुई तैनाती नॉर्दर्न बॉर्डर यानी की पाकिस्तान फ़्रंट पर भी देखी गई है. वायुसेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद पर साफ़ किया कि टकराव वाले शेष स्थानों से (दोनों देशों के) सैनिकों को पीछे हटाए जाने तक क्षेत्र में सीमा पर वायुसेना की तैनाती बनी रहेगी.
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल वी. आर. चौधरी ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के मौजूदा हालातों पर कहा, “हम लगातार सीमाओं की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. हम वहां हो रहे निर्माण कार्यों पर ध्यान देते हैं और उसके लिहाज से अपनी रणनीति में बदलाव कर देते हैं. जहां हम संख्या के लिहाज से प्रतिद्वंद्वी का मुक़ाबला नहीं कर सकते, तो वहां हम रणनीति बदल देंगे.”
बहरहाल, भले ही चीन और पाकिस्तान भारत के खिलाफ कितनी भी लामबंदी और जुगलबंदी दिखा दे, लेकिन भारत अपनी रणनीति से दोनों को मज़ा चखाने के लिए कमर कस के बैठा है.
.
Tags: China, Indian air force
FIRST PUBLISHED : October 4, 2023, 05:16 IST