IAS Couple Story: राजस्थान के IAS कपल की अनकही दास्तान, जब सपनों की जोड़ी विवादों की वजह बन गई

जयपुर. राजस्थान के प्रशासनिक गलियारों में एक समय जहां आईएएस अधिकारी भारती दीक्षित और आशीष मोदी की जोड़ी को ‘पावर कपल’ के रूप में जाना जाता था, वहीं आज वही रिश्ता घरेलू हिंसा, अपहरण और तलाक की धमकियों के आरोपों से घिरा हुआ है. 2014 बैच के इस दंपति ने एक-दूसरे के साथ न केवल करियर में कदम मिलाया, बल्कि एक-दूसरे के सपनों को साकार करने में भी साथ दिया. लेकिन अब भारती ने आशीष के खिलाफ जयपुर के एसएमएस थाने में दर्ज एफआईआर में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह शादी ही भावनात्मक ब्लैकमेल का नतीजा थी. अब दोनों का नीजी जीवन विवादों के केंद्र में है.
भारती दीक्षित का जन्म 4 सितंबर 1987 को दिल्ली में एक शिक्षक दंपति के घर हुआ. बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहीं भारती ने मेडिकल साइंस में ग्रेजुएशन पूरा किया और 2012 में यूपीएससी संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा में एआईआर 13 हासिल कर न्यू दिल्ली म्युनिसिपल काउंसिल (एनडीएमसी) में मेडिकल ऑफिसर के रूप में सेवा शुरू की. लेकिन उनका असली सपना था आईएएस बनना. पहले ही प्रयास में 2013 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में एआईआर 5 प्राप्त कर उन्होंने इतिहास रच दिया. वह उस साल टॉप 5 में एकमात्र महिला थीं.
भारती ने कलेक्टर के रूप में किया उतकृष्ट कार्य
राजस्थान कैडर आवंटित होने के बाद भारती ने विभिन्न जिलों में कलेक्टर के रूप में उत्कृष्ट कार्य किया. वर्तमान में वह वित्त विभाग (व्यय-1) में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं. उनकी सादगी, कड़ी मेहनत और महिलाओं के सशक्तिकरण पर फोकस ने उन्हें कई अवॉर्ड्स दिलाए. 2018 में आईवीएफ के माध्यम से उनकी एक बेटी का जन्म हुआ, जिसे वे अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा सहारा मानती हैं. लेकिन अब भारती का कहना है कि करियर की चमक के पीछे छिपी थी एक दर्द भरी निजी जिंदगी.
आशिष मोदी को नगालैंड कैडर हुआ था आवंटित
आशीष मोदी का प्रोफाइल भी कम प्रेरणादायक नहीं है. 2014 बैच के आईएएस अधिकारी आशीष ने यूपीएससी परीक्षा में अच्छा रैंक हासिल कर प्रशासनिक सेवा में प्रवेश किया. शुरू में उन्हें नगालैंड कैडर आवंटित हुआ, लेकिन शादी के बाद केंद्र सरकार के मैरिज ग्राउंड पर राजस्थान कैडर में ट्रांसफर हो गया. आशीष ने जैसलमेर और भीलवाड़ा जैसे जिलों में कलेक्टर के रूप में सेवा दी, जहां उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान 75 बेड का अस्पताल स्थापित कर प्रशंसा कमाई. वर्तमान में वे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में निदेशक हैं, जहां वे वंचित वर्गों के कल्याण पर काम कर रहे हैं. आशीष को एक कुशल प्रशासक माना जाता है, लेकिन हाल की घटनाओं ने उनकी छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं. भारती के आरोपों के अनुसार, आशीष शराब के आदी हैं, आपराधिक तत्वों से जुड़े हैं और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करते हैं.
ट्रेनिंग के दौरान दोनों की हुई थी मुलाकात
2014 बैच के इन दो अधिकारियों की मुलाकात प्रशिक्षण के दौरान हुई. आशीष, जो मूल रूप से नगालैंड कैडर के थे, राजस्थान में भारती से मिले. दोनों की साझा महत्वाकांक्षा ने उन्हें करीब लाया. लेकिन भारती के अनुसार, यह प्रेम नहीं, बल्कि भावनात्मक शोषण था. 2014 में जब भारती के पिता कैंसर से जूझ रहे थे, आशीष ने उनकी असहाय स्थिति का फायदा उठाया. उन्होंने खुद को राजस्थान कैडर का अधिकारी बताकर शादी का प्रस्ताव रखा, जबकि वास्तविकता में उनका कैडर नगालैंड था. भारती के अनुसार, आशीष ने कहा कि शादी से मेरा ट्रांसफर राजस्थान में हो जाएगा, और हम साथ रह सकेंगे. परिवार के दबाव और पिता की बीमारी के कारण भारती मान गईं.
शादी 2015 में जयपुर के एक फार्महाउस में धूमधाम से हुई. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह एक भव्य समारोह था, जिसमें बैंड-बाजा-बारात के साथ विभिन्न रस्में निभाई गईं. भारती के चाचा, डीआईजी आनंद वर्धन शुक्ला ने कहा था कि जयपुर अब इस कपल का घर है. दोनों यहां तैनात हैं, इसलिए शादी यहां ही करना सही लगा. उस समय यह जोड़ी आईएएस सर्कल में चर्चा का विषय बनी. दो होनहार अधिकारियों का संगम. शादी के बाद आशीष का ट्रांसफर राजस्थान में हो गया, जो भारती के आरोपों के अनुसार, शादी का मुख्य मकसद था.
भारती ने 2018 में आईवीएफ के जरिए बेटी ने लिया जन्म
शुरुआती साल खुशहाल बीते. दोनों ने एक-दूसरे के करियर को सपोर्ट किया. 2018 में बेटी के जन्म ने खुशियां दोगुनी कर दीं. लेकिन भारती के अनुसार, यहीं से सब बिगड़ना शुरू हो गया. शादी के बाद आशीष का व्यवहार बदल गया. वे अक्सर घर से गायब रहते, शराब पीकर लौटते और सवाल करने पर मारपीट करते. भारती ने आरोप लगाया कि आशीष के कई महिलाओं से अवैध संबंध हैं और वे बार-बार तलाक के लिए दबाव बनाते हैं.
14 अक्टूबर 2025 को तो हद पार हो गई आशीष और उनके सहयोगी सुरेंद्र विश्नोई व आशीष शर्मा ने सरकारी वाहन से भारती का अपहरण कर एक सुनसान फ्लैट में बंधक बनाया. वहां शराब के नशे में मारपीट की गई, पिस्तौल दिखाकर तलाक के कागजात साइन करने को मजबूर किया गया. इतना ही नहीं, पिता से फोन पर झूठ बोलने को कहा गया. भारती ने जासूसी कैमरा लगाने और फोन हैक करने जैसे आरोप भी लगाए.
बेटी की सुरक्षा की मांग कर रही है भारती
7 नवंबर 2025 को एसएमएस थाने में दर्ज एफआईआर में भारती ने बीएनएस और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत शिकायत की. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, जिसमें सीसीटीवी, फोन रिकॉर्ड्स और गवाहों की पड़ताल हो रही है. भारती ने अपनी और बेटी की सुरक्षा की मांग की है. आशीष ने मीडिया से कि मामला जांचाधीन है. मैं पूरा सहयोग दूंगा. एफआईआर के समय (4-7 नवंबर) मैं बिहार दौरे पर था. लेकिन भारती का दावा है कि यह बहाना है.



