Rajasthan

IAS raised questions on which 1 crore scam in that project | Senior IAS ने जिस पर उठाए सवाल, उस प्रोजेक्ट में 1 करोड़ का घोटाला…पढें कैसे हुआ भ्रष्टाचार

SCAM in JDA

जयपुर

Published: March 03, 2022 08:06:38 pm

भवनेश गुप्ता
जयपुर। वरिष्ठ आईएएस संदीप वर्मा ने जेडीए के जिन कार्यों में आरटीपीपी एक्ट की अवहेलना का दावा किया, उनमें से एक मामले में बड़ी गड़बड़ी सामने आ गई है। ट्रेफिक सिग्नल फ्री प्रोजेक्ट के तहत लक्ष्मी मंदिर तिराहे और बी-2 बायपास पर बनने वाले अण्डरपास-फ्लाईओवर के टेंडर से बाहर हुई कंपनी को फायदा पहुंचाने से जुड़ा है। इन दोनों प्रोजेक्ट में कंपनी पर 50-50 लाख रुपए का आर्थिक दंड लगाने की बजाय उसे आसानी से बाहर कर दिया गया। विधि शाखा की जांच में यह सामने आया है। इससे उन अफसरों में खलबली मची हैं, जिन्होंने कंपनी को उपकृत करने काम किया। इस मामले में सरकार ने भी रिपोर्ट मांगी है।

Senior IAS ने जिस पर उठाए सवाल, उस प्रोजेक्ट में 1 करोड़ का घोटाला...पढें कैसे हुआ भ्रष्टाचार

Senior IAS ने जिस पर उठाए सवाल, उस प्रोजेक्ट में 1 करोड़ का घोटाला…पढें कैसे हुआ भ्रष्टाचार

यह है ममाला 1. निविदा शर्त : दोनों प्रोजेक्ट की निविदा शर्ते के तहत शपथ पत्र मांगा गया कि कंपनी का वित्त से जुड़ा कोई भी मामला कानूनी प्रक्रिया में नहीं है। गलत जानकारी देने पर प्रोजेक्ट लागत की 2 प्रतिशत पेनल्टी लगाने का प्रावधान किया गया। कंपनी एआरएएस इन्फ्रास्ट्रक्चर भी ने ऐसा ही शपथ पत्र दे भी दिया।
2. हकीकत : कंपनी का एक मामला 11 अगस्त 2021 को ही एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में चल रहा था, यह जानकारी छिपाई गई। जबकि, टेंडर 30 नवम्बर 2021 को जारी किया गया।
3. यूं किया उपकृत : जेडीए अफसरों ने तर्क दिया कि टेंडर में शामिल होने के बाद एनसीएलटी का फैसला आया और कंपनी को दीवालिया घोषित किया। कंपनी ने भी यह स्थिति बताते हुए निविदा से बाहर होने का पत्र दिया। इसलिए इसे बिना पेनल्टी लगाई बाहर किया जा सकता है।
4. जांच में हकीकत सामने : मामला खुलने लगा तो एकाएक हरिराम नाम व्यक्ति के नाम से एक शिकायती पत्र पहुंचा। इस पत्र के आधार पर जेडीसी ने जांच के लिए कहा। विधि शाखा से जांच में सामने आया कि कंपनी को निविदा प्रक्रिया में ही कानूनी प्रक्रिया की जानकारी देनी चाहिए थी, लेकिन यह छिपाया गया। टेंडर 1 अक्टूबर को खुला, जबकि एनसीएलटी में मामला 11 अगस्त को ही दायर हो चुका था। इसलिए यह कृत्य आरटीपीपी एक्ट के खिलाफ है।

यह बन रही पेनल्टी
-लक्ष्मी मंदिर प्रोजेक्ट 65.34 करोड़ रुपए का है और 2 प्रतिशत के आधार पर पेनल्टी 1.30 करोड़ रुपए बनी।
-बी 2 बायपास प्रोजेक्ट की लागत 148 करोड़ रुपए है और दो प्रतिशत के आधार पर 2.96 करोड़ रुपए पेनल्टी बनी।
-चूंकि, ऐसे मामले में प्रति प्रोजेक्ट अधिकतम पेनल्टी राशि 50 लाख रुपए तय हैं। ऐसे में दोनों प्रोजेक्ट के तहत अधिकतम कुल 1 करोड़ रुपए पेनल्टी राशि होगी।

जिम्मेदारी इनकी
इसमें इंजीनियरिंग शाखा और वित्त शाखा के अधिकारियों ने अपने स्तर ही तय कर लिया। विधि विशेषज्ञोंसे राय ही नहीं ली।

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