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IAS Tina Dabi Yojana namo barmer Many families became happy

Last Updated:March 24, 2025, 13:22 IST

भारत पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर में जब चंचल के कृत्रिम पैर लगाया गया, तो सात साल बाद जिंदगी में पहली बार वह अपने पैरों पर चल पड़ी. अपनी बेटी को पहली बार अपने पैरों पर खड़ा होकर चलते देख पिता हिम्मत जांगिड़ और मा…और पढ़ेंX
चंचल
चंचल अपने पैरो पर चलती हुई

हाइलाइट्स

चंचल 7 साल बाद पहली बार अपने पैरों पर चली.माता-पिता की आंखें खुशी से भर आईं.बाड़मेर में दिव्यांग सहायता शिविर का आयोजन.

बाड़मेर:- अपनी मां की कोख में आंख खोलने के बाद बाद से ही अपने पिता की गोद से हर काम करने वाली 7 साल की चंचल ने अपनी एक पैर की जिंदगी को खुद के लिए दाग मान लिया था. लेकिन उसने कभी नहीं सोचा था कि वह अपने पैरों पर खड़ी हो पाएगी. भारत पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर में जब चंचल के कृत्रिम पैर लगाया गया, तो सात साल बाद जिंदगी में पहली बार वह अपने पैरों पर चल पड़ी. अपनी बेटी को पहली बार अपने पैरों पर खड़ा होकर चलते देख पिता हिम्मत जांगिड़ और मां दरिया देवी की आंखें भर आईं. दोनो ने रुंधे गले से कहा कि कभी सपने में नहीं सोचा था कि बेटी कभी अपने पैरों पर चल पाएगी.

नवो बाड़मेर योजनामुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुरूप बाड़मेर जिले में जिला कलेक्टर टीना डाबी के निर्देशन में चलाए जा रहे नवो बाड़मेर समन्वित प्रयास सशक्त समाज अभियान के तहत तीन दिवसीय सेवा सदन बाड़मेर में विशेष दिव्यांग सहायता शिविर आयोजित किया जा रहा है. श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के बाड़मेर शाखा, जिला प्रशासन बाड़मेर एवं श्री भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति जयपुर के सहयोग से आयोजित हो रहे शिविर में व्हील चेयर, ट्राईसाइकिल, बैसाखी, कान की मशीन, कैलीपर्स, कृत्रिम अंग, वॉकर और ब्लाइंड स्टिक सरीखे सहायता उपकरण निःशुल्क वितरित किए जा रहे हैं.

7 साल बाद अपने पैरों पर खड़ी हुई चंचललाभार्थियों का चयन यूडीआईडी कार्ड एवं दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर किया जा रहा है. 7 साल की चंचल जांगिड़ का भी चयन नए पैर के लिए किया गया और वह अपने पैरों पर खड़ी हो पाई है. जिला प्रशासन बाड़मेर एवं भगवान महावीर विकलांग समिति जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में बाड़मेर मुख्यालय पर तीन दिवसीय दिव्यांग सहायता शिविर की विभिन्न माध्यम से जानकारी मिलने के बाद चंचल के पिता हिम्मत सुथार उसे लेकर यहां पहुंचे थे, जहां विशेषज्ञों के प्रयास के बाद उसकी जिंदगी बदल गई है.


Location :

Barmer,Rajasthan

First Published :

March 24, 2025, 12:31 IST

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7 साल बाद पहली बार जब अपने पैरों पर खड़ी हुई चंचल, माता-पिता की भर आई आंखें

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