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IC 814 Hijack: ‘रेड बैग’ और ‘न्‍यू ईयर गिफ्ट’ का अजीत डोभाल से कनेक्‍शन, रहस्‍य खुलने पर मची थी खलबली – IC 814 Plane Hijack Mystery of Red Bag and New Year Gift Ajit Doval Connection Revelation Shocked

नई दिल्ली. आईसी-814 के बंधक कंधार में 8 दिनों तक आतंक के खौफ का सामना करने के बाद जब वापस लौटने वाले थे, तब एक हाईजैकर्स ने तत्कालीन मुख्य वार्ताकार और मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल को चुपके से यह बताया था कि विमान में नये साल का एक तोहफा छोड़ा गया है. इस्लामाबाद में नियुक्त रहे भारतीय डिप्‍लोमेट एआर घनश्याम कंधार गए थे और अपहरणकर्ताओं से बातचीत की शुरुआत की थी. उन्होंने अपनी पत्नी और पूर्व राजनयिक रुचि घनश्याम द्वारा लिखित किताब ‘एन इंडियन वुमन इन इस्लामाबाद’ के एक अध्याय में इस बारे में विस्तार से बताया है.

OTT प्‍लेटफॉर्म नेटफ्लिक्‍स पर ‘आईसी-814: द कंधार हाईजैक’ ने 24 दिसंबर-31 दिसंबर 1999 के विमान अपहरण की घटना के प्रति एक बार फिर से लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. विमान अपहरण के कारण भारत को बंधकों की जान के बदले में 3 आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था. एआर घनश्याम उस समय इस्लामाबाद स्थित इंडियन हाईकमीशन में तैनात थे. उन्हें सूचना मिली कि विमान में कुछ ऐसा रखा हुआ है, जिसमें आधी रात को विस्फोट कर दिया जाएगा. किताब में लिखा है, ‘अपहरणकर्ताओं में से एक ने चुपके से डोभाल को बताया था कि आईसी-814 विमान में भारत सरकार के लिए नए साल का तोहफा छोड़ा गया है. मैं पायलट और चालक दल के सदस्यों की जान जोखिम में नहीं डाल सकता था. विमान को 8 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया था. लाल बैग का रहस्य भी था. यह लाल बैग क्या था? इसका मालिक कौन था?’

दो साल बाद खुला रहस्‍यकिताब के अनुसार, लाल बैग का रहस्य दो साल बाद ही खुल सका, जब साल 2001 में तालिबान की हार के बाद तत्कालीन तालिबानी विदेश मंत्री वकील अहमद मुत्तावकील को अमेरिका ने गिरफ्तार कर लिया. घनश्याम ने पुस्तक में बताया है कि लाल बैग अपहरणकर्ताओं में से एक का था. इसमें विस्फोटक और संभवतः असली पासपोर्ट भी थे. जल्दबाजी में वे (अपहरणकर्ता) इसे विमान के होल्ड में भूल गए थे. इसे लेने के लिए उनके वापस आने तक बंधकों को रिहा कर दिया गया था. उन्होंने लिखा है, ‘एक दूसरे विमान से एक-एक कर उतारे गए तीनों कैदियों को तालिबान के प्रतिनिधियों ने अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया. अपहरणकर्ता भी तीनों कैदियों के पास गए, जिसके बाद वे सभी वहां से चले गए। फिर, थक कर चूर हो चुके यात्रियों ने बदबू भरे विमान से बाहर निकलने पर राहत की कुछ सांस ली.’

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कंधार में रुकना पड़ा थाघनश्याम को अपहरण किये गए विमान में ईंधन भरवाने की व्यवस्था करने और उसे वापस लाने के लिए कंधार में ही रूकने को कहा गया था. एक फ्लाइट इंजीनियर और दो पायलट सहित चालक दल के 13 सदस्य, इंडियन एयरलाइंस के उप प्रबंध निदेशक कैप्टन जेआरडी राव और कैप्टन सूरी भी कंधार में ही रुक गए थे. घनश्याम ने बताया कि उन्हें यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई थी कि चालक दल और दो राहत कैप्टन विमान के आस-पास न जाएं और वे रेड बैग को और उसमें रखी चीजों को देखने खुद से न जाएं. हालांकि, उनका दावा है कि यह मुत्तावकील ही था जिसने अवैध काम किया, हमारे भरोसे को तोड़ा और जबरदस्ती होल्ड खुलवाया और सभी लाल बैग बाहर निकलवाए.’ उन्हें याद है कि तालिबान अधिकारी वहां फंसे विमान में ईंधन भरने में देरी कर रहे थे और अपहरणकर्ताओं से संबंधित एक बैग को बाहर निकालने को इच्छुक थे.

लाल बैग की तलाशउन्होंने किताब में कहा है कि मिस्टर मुत्तावकील अब भी हवाई अड्डे पर थे और मैं कैप्टन सूरी के साथ उनके पास गया और उन्हें समस्या से अवगत कराया. उनसे अनुरोध किया कि वे अधिकारियों को विमान के शीघ्र उड़ान भरने में सहायता करने की सलाह दें. किताब के अनुसार, ‘तालिबान अधिकारी अभी भी होल्ड को देखने और अपहरणकर्ताओं के लाल सूटकेस की तलाश करने की कोशिश कर रहे थे. मैंने यह बात विदेश सचिव और संयुक्त सचिव ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान (आईपीए) के संज्ञान में लाई, जो यात्रियों और प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ नयी दिल्ली पहुंच चुके थे.’ घनश्याम ने कंधार में मुत्तावकील द्वारा इस्तेमाल की गई लाल रंग की एक पजेरो के बारे में भी विस्तार से बताया है, जो होल्ड के ठीक सामने खड़ी थी, जबकि अन्य लोग लाल बैग के लिए विमान की तलाशी ले रहे थे.

Tags: National News, NSA Ajit Doval

FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 21:00 IST

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