एशिया की ग्रेनाइट राजधानी और रोजी पत्थर की पहचान. – हिंदी

Last Updated:May 21, 2025, 16:30 IST
जालोर, राजस्थान एशिया की सबसे बड़ी ग्रेनाइट मंडियों में से एक है. ‘रोजी’ ग्रेनाइट यहां की पहचान है, जिसकी मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है. ग्रेनाइट उद्योग ने हजारों लोगों को रोजगार दिया है.
जालोर: ग्रेनाइट की एशियाई राजधानी… राजस्थान का जालोर शहर न केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से मशहूर है, बल्कि यह एशिया की सबसे बड़ी ग्रेनाइट मंडियों में से एक है. यहां हर रोज़ हजारों टन पत्थरों की खरीद-फरोख्त होती है.
‘रोजी’ पत्थर: जालोर की पहचान… जालोर से लगभग 10-15 किलोमीटर दूर की खदानों से निकाला जाने वाला ‘रोजी’ ग्रेनाइट यहां की सबसे बड़ी पहचान बन चुका है. इसका गुलाबी-काला रंग और चमक इसे खास बनाते हैं.
अंतरराष्ट्रीय मांग में सबसे आगे… रोजी ग्रेनाइट की मजबूती और टिकाऊपन के कारण इसकी मांग अमेरिका, खाड़ी देशों, यूरोप और एशिया के कई देशों में है. यह पत्थर भवन निर्माण, फर्श और सजावटी कार्यों में उपयोग होता है.
रोज़गार का बड़ा स्रोत… ग्रेनाइट उद्योग ने जालोर में हजारों लोगों को रोजगार दिया है. खुदाई, कटिंग, पॉलिशिंग और एक्सपोर्ट—हर चरण में बड़ी संख्या में श्रमिक और तकनीकी विशेषज्ञ कार्यरत हैं.
टेक्नोलॉजी और परंपरा… जालोर में आधुनिक मशीनों के साथ-साथ पारंपरिक तरीकों से भी ग्रेनाइट तैयार किया जाता है. यह परंपरा और तकनीक का खूबसूरत संगम है, जो इसे विशेष बनाता है.
पत्थर नहीं, पहचान है… यह ग्रेनाइट अब केवल पत्थर नहीं रहा, बल्कि जालोर की पहचान और गौरव बन चुका है. ‘रोजी’ पत्थर ने जालोर को वैश्विक नक्शे पर एक नई ऊंचाई दी है.
भविष्य में ग्रेनाइट उद्योग… सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से जालोर का ग्रेनाइट उद्योग लगातार विस्तार कर रहा है. आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र और भी बड़ी ऊंचाइयों को छू सकता है.
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जालोर की धरती से निकला अनोखा पत्थर, जो बदल रहा है ग्रेनाइट उद्योग की तस्वीर