Identify Fake Mangoes Avoid Calcium Carbide Ripened Mangoes | नकली आम की पहचान: कैल्शियम कार्बाइड से पकाए आम से बचें

Last Updated:April 25, 2025, 17:31 IST
अभी तक 70% किसानों ने तो पेड़ से अपना आप तोड़ा ही नहीं है, क्योंकि आम का सीजन तो अभी शुरू ही हुआ है. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि बाजार में इतना पीला-रसीला और पका हुआ आम कहां से आ रहा है? एक्सपर्ट से जानें इ…और पढ़ें
लोग कैल्सियम कार्बाइड जैसे केमिकल से आम पकाकर उन्हें बाजार में बेच रहे हैं.
हाइलाइट्स
कैल्शियम कार्बाइड से पके आम स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं.नकली आम कम जूस वाले और पानी में तैरते हैं.आम खरीदते समय रंग, बनावट और गंध पर ध्यान दें.
How to identify Fake Mango: गर्मियां आई नहीं कि फलों के राजा आज का साम्राज्य हर ठेले पर, हर फलों की दुकान और सुपरमार्केट में नजर आ रहा है. मीठे-मीठे रसीले आमों के लोग इतने शौकीन होते हैं कि सीजन शुरू होते ही आम की बिक्री शुरू हो गई है. बाजार में इतना पका और मीठा-पीला आम मिल रहा है कि अभी तक तो आप भी एक-दो बार खा ही चुके होंगे. लेकिन कहीं आप आम के धोखें में अपने घर पर ‘पीला जहर’ तो नहीं जा रहे! दरअसल कई आम के बागों के मालिकों का ये कहना है कि अभी तक 70% किसानों ने तो पेड़ से अपना आप तोड़ा ही नहीं है, क्योंकि आम का सीजन तो अभी शुरू ही हुआ है. तो फिर बाजार में इतना पीला पका आम कहां से आ रहा है? ये सब महरबानी है कैल्सियम कार्बाइड जैसे कैमिकल की. आइए बताते हैं क्या है पूरा माजरा.
दरअसल थोड़े से लालच और बाजार में आम की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए कई लोग कैल्सियम कार्बाइड जैसे केमिकल से आम पकाकर उन्हें बाजार में बेच रहे हैं. ये आम ऊपर से तो देखने में पीले और रसीले लग रहे हैं. लेकिन असलियत ये है कि ये मिठास स्वाद नहीं बल्कि आपकी सेहत के लिए किसी जहर से कम नहीं है. प्रसिद्ध ऑर्थोपेडीशियन डॉ. मानव वोरा का कहना है कि ये केमिकल सरकार ने बैन कर रखा है. फिर भी कई व्यापारी आमों को समय से पहले पकाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. लेकिन ये केमिकल हमारे शरीर के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. लंबे समय तक इस तरह का केमिकल शरीर में जाने से अल्सर, उल्टियां, सांस से जुड़ी परेशानियां, लिवर में दिक्कत तक हो सकती है.
खरीदने से पहले चैक करें रंग, बनावट, गंधभारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अनुसार, जब भी आप आम खरीदें तो ये बहुत ही जरूरी है कि आम खरीदते समय उनके रंग, बनावट, गंध और गुणवत्ता पर ध्यान दें, और रासायनिक रूप से पकाए गए आमों को खरीदने से बचें. आम को पकाने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले केमिकल कैल्सियम कार्बाइड में आर्सेनिक और फॉफोरस जैसे हानिकारक तत्व होते हैं. यहीं वजह है कि ऐसे केमिकल से पकाए गए आम खाने के बाद कई लोगों को चक्कर आना, सिर भारी होना, उल्टी या कई बार लंबी बीमारियां हो सकती हैं.
कैसे पहचाने नकली और असली आम
– नकली आमों में बहुत ही कम जूस होता है. तो अगर आपके आम के साथ भी ऐसा है, तो आपका आम नकली है.– अगर आप आम को लाकर घर में किसी पानी से भरे बर्तन में डालेंगे तो नकली आम पानी में तैरने लगेगा. जबकि असली पका हुआ आम पानी में डूब जाएगा.– सिंथैटिक या केमिकल से पकाए हुए आम में खुशबू कम आती है.– नकली आम काफी पिलपिला और नर्म होता है.– बहुत ही ज्यादा चमकीले और पीले आम देखने में भले ही अच्छे लगें, पर चांसेस हैं कि ये नकली हों. प्राकृतिक रूप से पके हुए आम थोड़े धब्बेदार होते हैं.
First Published :
April 25, 2025, 17:31 IST
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