If Construction Not Done Plot Allotment Canceled Before 2 October – भूखंड पर निर्माण नहीं किया तो 2 अक्टूबर से पहले आवंटन होगा निरस्त

नगरीय विकास विभाग ने पालना के दिए आदेश
भवनेश गुप्ता
जयपुर। भूखंडधारी को अब निर्धारित अवधि में भूखंड पर निर्माण करना ही होगा। ऐसा नहीं करने वालों के भूखंड का आवंटन निरस्त होगा। इनमें नीलामी से आवंटित, चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आवंटित कराए गए भूखंडों और नियमन शिविर के जरिए लिए गए पट्टेशुदा भूखंड शामिल है। नगरीय विकास विभाग ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए, जिसमें ऐसे मामलों में आवंटन निरस्त करने के प्रभावी प्रावधान की अब सख्ती से पालना के लिए निर्देशित किया गया है। संबंधित निकायों को प्रशासन शहरों के संग अभियान 2 अक्टूबर से पहले आवंटन निरस्तीकरण की कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे मामले जिन पर फैसला राज्य सरकार स्तर पर होगा, उन्हें 31 अगस्त तक सरकार को भेजना होगा। इसके लिए तत्काल सर्वे शुरू किया जाएगा।
पहले सर्वे, बाद में नोटिस, फिर निरस्त
शहरी निकाय सभी इलाकों में ऐसे भूखंडों का सर्वे करेगा। इस आधार पर पर निरस्त करने वाले भूखंडों की सूची बनेगी,जिसके बाद नोटिस जारी किए जाएंगे। नोटिस के जरिए भूखंडधारी की आपत्ति-सुझाव सुनने के बाद निरस्तीकरण होगा।
मकसद : अभियान में आंकड़ा बढ़ाना
इस आदेश के पीछे प्रशासन शहरों के संग अभियान में काम का ज्यादा से ज्यादा आंकड़ा जुटाना भी है। खाली भूखंड पर निर्माण होंगे तो निर्माण स्वीकृति, लीज राशि जमा कराने से लेकर कई प्रक्रिया अपनानी होगी। ऐसी सारी प्रक्रिया अभियान का भी हिस्सा है।
अभी यह है निर्माण अवधि
-नीलामी से आवंटित भूखंड पर निर्माण अवधि 5 वर्ष है (कब्जा लेने के दिन से)
-पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट, इंस्टीट्यूशन या अन्य संस्थानों को आवंटित भूखंड मामले में 4 वर्ष
-कृषि से अकृषि उपयोग के लिए भूउपयोग परिवर्तन नियम के तहत जमीन का पट्टा जारी होने की तिथि से 4 वर्ष
(पेनल्टी के साथ अधिकतम 10 वर्ष तक छूट का प्रावधान है यानि दस साल के भीतर निर्माण कर सकते हैं)