NATO पर मंडराया खतरा तो यूरोप ने कसी कमर, EU चीफ ने बनाया डोनाल्ड ट्रंप की काट का प्लान

Last Updated:March 03, 2025, 06:37 IST
डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से ही सबसे बड़े ग्लोबल डिसरप्टर (उथल-पुथल मचाने वाला) साबित हुए हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ तीखी बहस हो या फिर नाटो की फंडिंग को ल…और पढ़ें
यूक्रेन और नाटो को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों ने पूरे यूरोप की धड़कन बढ़ा दी है.
हाइलाइट्स
यूरोप ने सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया है.यूरोप को तुरंत हथियारबंद होने की जरूरत बताई गई.यूरोप अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने पर जोर दे रहा है.
यूक्रेन संकट के बीच यूरोप ने अपनी सुरक्षा को लेकर कमर कस ली है. यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयन ने रविवार को साफ शब्दों में कहा कि यूरोप को ‘तुरंत दोबारा हथियारबंद’ (Rearmament) होने की जरूरत है. उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब डोनाल्ड ट्रंप के बयानों से नाटो की एकजुटता पर सवाल उठने लगे हैं.
लंदन में यूरोपीय नेताओं की आपात बैठक के दौरान वॉन डेर लेयन ने कहा कि वह 6 मार्च को होने वाले ईयू शिखर सम्मेलन में ‘व्यापक योजना’ पेश करेंगी, जिसमें यूरोप की रक्षा क्षमताओं को बड़े पैमाने पर बढ़ाने की रणनीति होगी. उन्होंने दो टूक कहा, ‘अब समय आ गया है कि हम रक्षा खर्च में तेजी से इजाफा करें और सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहें.’
ट्रंप की नाटो नीति और यूरोप की चिंताएंडोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि अगर यूरोपीय देश अपने रक्षा खर्च में इजाफा नहीं करते हैं, तो अमेरिका उनकी सुरक्षा की गारंटी नहीं देगा. इस बयान ने नाटो की स्थिरता को लेकर गंभीर चिंताएं बढ़ा दी हैं. ट्रंप का यह रुख न केवल यूरोपीय नेताओं के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि इससे रूस को भी आक्रामक नीति अपनाने का संकेत मिल सकता है.
यही वजह है कि यूरोप अब अमेरिका पर पूरी तरह निर्भर रहने के बजाय अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने पर जोर दे रहा है. वॉन डेर लेयन ने इस संदर्भ में कहा, ‘हम अमेरिका के साथ मिलकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी देश अपने पड़ोसी पर आक्रमण न कर सके, उसे धमका न सके, या बलपूर्वक सीमाओं को न बदले.’
एलन मस्क ने बढ़ाई टेंशनइस पूरे घटनाक्रम में टेक दिग्गज एलन मस्क की भी अप्रत्यक्ष भूमिका दिखती है. उनकी कंपनी स्टारलिंक पहले ही यूक्रेन युद्ध में अहम भूमिका निभा चुकी है, लेकिन हाल ही में मस्क ने भी नाटो की अमेरिकी फंडिंग रोकने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने कुछ दिनों पहले साफ किया था कि उनकी तकनीक को सैन्य उद्देश्यों के लिए अनियंत्रित तरीके से उपयोग नहीं किया जा सकता. इससे पश्चिमी देशों के भीतर यह बहस छिड़ गई है कि क्या निजी कंपनियों पर रक्षा क्षेत्र में अत्यधिक निर्भरता सुरक्षित है.
यूरोप की नई रणनीतियूरोपीय संघ अब अमेरिका पर निर्भरता घटाने और अपने सैन्य बजट को बढ़ाने की दिशा में सक्रिय हो गया है. वॉन डेर लेयन का यह बयान स्पष्ट संकेत देता है कि आने वाले समय में यूरोप अपनी सुरक्षा नीतियों में बड़े बदलाव करेगा.
ट्रंप की नीतियों की काट के रूप में यूरोपीय संघ अब सामूहिक रक्षा को प्राथमिकता देने और नाटो से अलग अपनी स्वतंत्र सुरक्षा रणनीति बनाने पर विचार कर रहा है. यह रणनीति न केवल रूस को रोकने के लिए बल्कि भविष्य में किसी भी संभावित अमेरिकी राजनीतिक अस्थिरता से बचने के लिए भी अहम होगी.
नाटो के सामने इस वक्त दोहरी चुनौती है- एक तरफ रूस का बढ़ता खतरा, तो दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का अप्रत्याशित रुख… राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से ट्रंप सबसे बड़े ग्लोबल डिसरप्टर (उथल-पुथल मचाने वाला) साबित हुए हैं. ऐसे में यूरोपीय नेताओं ने अब अपनी सुरक्षा को लेकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. आने वाले दिनों में यूरोप का रक्षा बजट बढ़ सकता है और नाटो से इतर नई सुरक्षा व्यवस्थाएं उभर सकती हैं. वॉन डेर लेयन की पहल इसी दिशा में पहला बड़ा कदम मानी जा रही है.
First Published :
March 03, 2025, 06:35 IST
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