If the bride doesn’t have a father or brother, the eunuch pretends to be her brother and earns money worth lakhs. – हिंदी

नरेश पारीक/चूरू. चूरू जिले के तारानगर तहसील की महंत सुनीता किन्नर ने तारानगर के वार्ड एक में बिना बाप-भाई की बेटी अंजना का भात भरकर सामाजिकता की मिसाल पेश की है. सुनीता किन्नर समय-समय पर सामाजिक काम करती रहती है अब तक वे एक दर्जन से अधिक जरूरतमंद और आर्थिक रूप से कमजोर बिना मां, बाप की बेटियों की शादी में भात भर चुकी हैं. सुनीता किन्नर बताती हैं कि उन्हें सूचना मिली की कस्बे की बेटी अंजना के भाई व पिता नहीं हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है. जिसके बाद सुनीता किन्नर अपने साथी किन्नरों के साथ गाजे-बाजे के साथ भाई बनकर भात भरने उनके घर पहुंची. इस दौरान महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाए गए और बेटी अंजना को आशीर्वाद दिया गया.
सुनीता किन्नर की ओर से भात में 21 हजार रुपये नगद और एक लाख के सोने-चांदी के आभूषण दिए गए. उन्होंने बताया कि भात में सात सोने व 21 चांदी के आभूषण सहित अनेक घरेलू सामान दिया गया. भात में सुनीता के साथ उनकी टीम के सदस्य भी मौजूद रहे. इससे पहले भी सुनीता किन्नर ने रावतसर की बिना मां-बाप की बेटी काजल, नेठवा की सुमन, राजपुरा की पिंकी, सिधमुख की ललिता, राजगढ़ की एक बेटी की शादी में भात व छुछक की रस्म अदा कर चुकी हैं.
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धूम धाम से होगी गरीब बेटी की शादीकिन्नर सुनीता कहती हैं कि मैंने समाज से ही लिया है और समाज को ही देने का काम कर रही हूं. मेरा कुछ भी नहीं है सब समाज का ही है. आगे भी मैं इसी प्रकार से जरूरतमंद परिवारों के लिए काम करती रहूंगी. मुझे खुशी है कि मैं जरूरतमंद की सहायता कर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रही हूं, मुझे इतनी खुशी हो रही है जिन्हें मैं शब्दों में बया नहीं कर पा रही हूं. सुनीता बाई द्वारा किए गए आर्थिक सहयोग को देख के लगता है कि सभ्य समाज में उपेक्षित किन्नर भी कभी ऐसा काम कर जाते है जो उन्हें महान बना देता है. किन्नर की दरियादिली के चलते आर्थिक रूप से कमजोर मां का कुछ बोझ हल्का होगा और एक जरूरतमंद परिवार की बेटी की शादी धूम धाम से होंगी.
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FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 13:33 IST