If The Government Reduces GST On Coaching, Then Studies Should Be Chea – सरकार कोचिंग पर जीएसटी कम करें तो सस्ती हो पढ़ाई: चौधरी

डिजिटल बाल मेले के जोगाराम का डॉक्टर बनने का सपना होगा पूरा
सीएलसी निदेशक ने किया वादा

जयपुर। देश में पढ़ाई महंगी होने के पीछे कई कारण है और उसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं। इसका एक बड़ा कारण जीएसटी भी हैं। वर्तमान में कोचिंग संस्थानों को 18 फसदी जीएसटी देना पड़ रहा है। सरकार को चाहिए कि वो इस स्लैब को कम करें ताकि कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई सस्ती और आम स्टूडेंट की पहुंच में हो सके। दरअसल यह बात सीएलसी इंस्टीटयूट के निदेशक श्रवण चौधरी ने फ्यूचर सोसायटी, एलआईसी और आईडीबीआई बैंक की ओर से आयोजित किए जा रहे डिजिटल बाल मेला में नीट.जेईई की पढ़ाई, क्यों भारी इन पर महंगाई? विषय पर संवाद करते हुए कही। सेशन में बच्चों ने सवाल किया था कि डॉक्टर.इंजीनियर बनना इतना महंगा क्यों हैं? इस सवाल के जवाब में सीएलसी निदेशक श्रवण चौधरी ने यह बात कही।
डिजिटल बाल मेले में संवाद के दौरान 12वीं साइंस के बाड़मेर के छात्र जोगाराम ने कहा कि जब डॉक्टर बनने के लिए बहुत पैसा चाहिए तो क्या उस जैसे ग्रामीण बच्चे कभी डॉक्टर नहीं बन सकेंगे? इस सवाल के जवाब में चौधरी ने जोगाराम को सीएलसी में बिना फीस पढ़ाने की घोषणा करते हुए उसके डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने की बात कही। चौधरी ने जोगाराम को कहा कि वह केवल बाड़मेर से बस का किराया देकर सीकर आ जाए और बाकी काम सीएलसी पर छोड़ दें।
वहीं, जयपुर की जाह्नवी शर्मा ने श्रवण चौधरी से पूछा कि क्या डिजिटल बाल मेले का हर बच्चा सीएलसी में कोचिंग कर सकता है? इस पर चौधरी ने कहा कि अगर बच्चा नीट.जेईई को लेकर सीरियस है और उनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है तो वह सीएलसी से संपर्क करें। ऐसे बच्चों की मदद की जाएगी। करीब डेढ़ घंटे चले संवाद में आज का लीडर बाड़मेर के जोगाराम को चुना गया।