घर में है बगीचा और पालतू जानवर तो हो जाएं सावधान! हो सकती है ये गंभीर बीमारी, जानिए बचाव के उपाय
करौली. मौसम के बदलाव के बाद अब मौसमी बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया हैं. जिले के सामान्य अस्पताल में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ हैं. लेकिन इस बदलते मौसम में एक खतरनाक बीमारी स्क्रब टायफस से भी लोगों को जूझना पड़ रहा हैं. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश चंद मीणा के अनुसार, स्क्रब टायफस बचाव एवं नियंत्रण हेतु भारत सरकार ने अभी हाल ही में नवीन सीडी अलर्ट जारी किया है. उन्होंने बताया कि जिले में वर्तमान में मानसून के दौरान स्क्रब टायफस रोगियों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही हैं.
इस बीमारी के बढ़ते खतरे और समय पर जांच और चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए CMHO दिनेश चंद मीणा ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी करौली, उपजिला चिकित्सालय करौली, हिण्डौन, मंडरायल, समस्त खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला करौली, समस्त चिकित्सा अधिकारी प्रभारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को निर्देशित किया हैं.
हरियाली वाली जगह से बढ़ता है इस बीमारी का खतरा एक्सपर्ट के अनुसार स्क्रब टायफस का खतरा बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा रहता हैं. यह जानलेवा बीमारी झाड़ियों, चारागाह, जंगल में कीड़ों के पनपने से फैलती है. अगर यही कीड़े लोगों में चिपक जाए तो चिपकने के बाद यें इंसान का खून चूस कर बाहर निकल जाते हैं. सबसे खास बात यह है कि इस कीड़े के काटने के बाद 40% लोगों की ही बॉडी पर निशान देखे जाते हैं. जिससे लोगों को पता तक नहीं चल पाता है कि उन्हें इस कीड़े ने काटा है या नहीं.
स्क्रब टायफस का टेस्ट कराना चाहिएस्क्रब टायफस के लक्षणों की बात करें तो इसमें सबसे पहले व्यक्ति को बुखार और हल्की ठंड लगती है. और साथ में सभी में मांसपेशियों और शरीर के अंगों में तेज दर्द भी होने लगता है. इसके अलावा गले में सूजन आना और प्लेटलेट्स का अचानक से कम होना भी इसकी गंभीर बीमारी के लक्षण है. CMHO डॉ दिनेश चंद्र मीणा ने बताया कि अगर जंगल या फिर हरियाली वाली जगह पर जाने के बाद आप को बुखार होता है तो डॉक्टर को यह बात जरूर बतानी चाहिए. और समय रहते ही स्क्रब टायफस का टेस्ट कराना चाहिए.
जानिए क्या है इस बीमारी से बचाव डॉ दिनेश चंद मीणा ने बताया कि जनसामान्य को स्क्रब टायफस रोग के बचाव व नियंत्रण के लिए पुरे कपडे पहनना, घर से बाहर जाते समय जुते मोजे पहनना, घर के आस-पास घास -फूस की सफाई, चुहों से बचाव, पालतु जानवरों को स्वस्थ रखना, चिकित्सक की देखरेख में दवाई लेने के आमजन को दिशा निर्देश दिये. उन्होंने बताया कि इससे बचने के लिये घरों के आसपास झाडियां नहीं उगने दें, उंची घास वाले जंगल क्षेत्रों में नहीं जायें एवं घर के बगीचों में गंदगी नहीं होने दें जिससे की आगामी समय में स्क्रब टायफस बीमारी से बचाव किया जा सके.
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 13:23 IST