If There Is No Rain In 7 Days, The Power Crisis Deepen Even In Sept. – ऊर्जा विभाग ने चेताया— सात दिन में बारिश नहीं तो सितम्बर में भी गहराएगा बिजली संकट

संकट के बीच ऊर्जा महकमे का परेशान करने वाला बयान

जयपुर। बिजली प्रबंधन में फेल हुआ ऊर्जा महकमा अब डेमेज कंट्रोल में जुट गया है। अफसरों ने बिजली संकट के लिए बारिश और कोयला सप्लाई में कमी को मुख्य कारण बताते हुए फिर से केन्द्र सरकार से दखल देने की जरूरत जता दी। साथ ही साफ कर दिया कि यदि आगामी सात दिन में बारिश नहीं होती है तो सितम्बर में भी बिजली संकट के हालात बनेंगे। बिजली मांग में औसत 700 से 800 लाख यूनिट की बढ़ोतरी हुई है। खास यह है कि सामान्यतया अगस्त में औसत 2000 लाख यूनिट प्रतिदिन विद्युत की मांग रहती आई है, जो इस वर्ष बढ़कर 3100 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। कोयले की कमी से 3400 मेगावॉट बिजली उत्पादन नहीं हो रहा है। 9 इकाइयां बंद पड़ी है। वहीं कोटा की छह यूनिट में भी 70 फीसदी ही काम हो रहा है।
अडानी पावर की एक यूनिट भी है बंद
-सूरतगढ़ की 6 यूनिट (250 मेगावॉट प्रत्येक) 25-26 अगस्त को बंद हुई।
-कालीसिंध प्लांट में 2 यूनिट (600 मेगावॉट) में से एक 11 अगस्त और दूसरी 15 अगस्त को हुईबंद।
-अडानी के थर्मल प्लांट की एक यूनिट (600 मेगावॉट) 24 अगस्त से बंद है।
-कोटा प्लांट की 6 यूनिट भी पूर्ण क्षमता की बजाय 70 प्रतिशत क्षमता पर ही कार्य कर रही है।
उधारी का जिक्र नहीं
उत्पादन निगम की 3240 मेगावाट की यूनिट के लिए कोयले की आपूर्ति कोल इंडिया (एनसीएल एवं एसईसीएल) से होती है। सीआईएल से 170 लाख मीट्रिक टन वार्षिक कोयले की आपूर्ति के लिए अनुबंध है, जो 11.5 रैक प्रतिदिन है। हालांकि, वर्तमान में 3 रैक प्रतिदिन की आपूर्ति हो रही है। इसके लिए अफसरों ने उधारी के कारण भी कोयला सप्लाई कम होने का जिक्र नहीं किया। इस बीच राज्य को ग्रिड से बिजली को ओवर ड्रा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।