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अगर आपके साथ भी हो रहा है ऐसा तो समझ जाइए किडनी हो चुकी है कमजोर, बैठे रहने से अच्छा है डॉक्टर के पास जाना, लक्षण समझिए

Symptoms of weak Kidney: पेट के अंदरुनी भाग में उपर की ओर दोनों तरफ बींस के आकार की दो किडनियां होती हैं. इससे गुर्दा कहा जाता है. ये बहुत छोटे होते हैं लेकिन इनका काम बड़ा अनमोल है. छोटी सी किडनी हमारे शरीर में हर पल पहुंचे जहर या विषाक्त पदार्थों को छानकर शरीर से बाहर कर देती है. हमारे शरीर में मौजूद सभी खून एक दिन में कम से कम 40 बार किडनी के फिल्ट्रेशन में पहुंचता है और हर बार उसमें से हानिकारक चीज को किडनी छान लेती है और पेशाब के रास्ते उसे बार कर देती है. जरा सोचिए, यदि किडनी नहीं होती तो हमारे शरीर में बन रहे विषाक्त पदार्थों का क्या होता. अगर शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगे तो इंसान कितने दिनों तक जीवित रहेगा. इसलिए किडनी का मजबूत होना बहुत जरूरी है. किडनी अगर मजबूत हो तो कई बीमारियों का जोखिम अपने आप खत्म हो जाएगा. इसलिए हम यहां आपके लिए कुछ ऐसे संकेत के बारे में बता रहे हैं जिनसे यह पता चल जाएगा आपकी किडनी कितनी ताकतवर है.

किडनी के कमजोर होने के संकेत

1. पेशाब संबंधी दिक्कतें -मायो क्लिनिक के मुताबिक पेशाब संबंधी दिक्कतें किडनी कमजोर होने का सबसे पहला संकेत है. दरअसल, अगर पेशाब करने में दिक्कत हो, पेशाब का रंगी, उसकी मात्रा, उसका टेक्सचर आदि में परिवर्तन होने लगे तो समझ जाइए कि किडनी कमजोर होना शुरू हो गया है. अगर पेशाब से प्रोटीन निकलने लगे तो इससे पेशाब करने पर झाग जैसा बन जाता है. वहीं पेशाब से गंध आना भी खराब संकेत हैं. ये सब लक्षण किडनी संबंधी कई बीमारियों के संकेत हैं. इसका सीधा मतलब है कि किडनी किसी न किसी तरह से कमजोर हो रहा है.

2. पैरों का फूलना– जब किडनी सही से काम नहीं कर पाता है तो पानी नसों में जाने लगता है इससे पैरों में सूजन होने लगती है. किडनी के कमजोर होने पर खून से चीजों को सही से निकाल नहीं पाता. इससे खून में हीमोग्लोबिन का बैलेंस बिगड़ जाता है और इस कारण.पैरों में सूजन होने लगती है. पैरों के अलावा चेहरों और आंखों के नीचे भी सूजन दिखने लगती है.

3. छाती में पेन- किडनी में परेशानी होने पर पेट के उपरी हिस्सों में दर्द होना स्वभाविक है लेकिन अगर छाती में दर्द हो तो यह सिर्फ हार्ट में ही परेशानी का कारण नहीं है बल्कि जब किडनी खून को सही से छान नहीं पाता है तो यह हार्ट की लाइनिंग के पास जमा होने लगता है जिससे छाती में दर्द हो सकता है.

4. हाई बीपी-हाई बीपी का मतलब है कि हार्ट संबंधी परेशानी लेकिन जब हाई ब्लड प्रेशर होता है तो यह किडनी पर भी असर डालता है. इससे किडनी कमजोर होने लगती है. हाई ब्लड प्रेशर धीरे-धीरे किडनी पर अतिरिक्त प्रेशर बढ़ा देता है और किडनी संबंधी कई तरह की बीमारियां हो सकती है.

5. दम फूलना – जब सांस लेने में दिक्कत हो और हमेशा सांस फूलने लगे तो यह किडनी संबंधी दिक्कतों के कारण भी हो सकता है. दरअसल, खून का जब बैलेंस बिगड़ता है तब लंग्स में वेस्ट मैटेरियल जमा होने लगता है जिससे लंग्स में सूजन होने लगती है और सांस फूलने लगता है.

6. भूख कम लगना-कमजोर किडनी के कारण भूख बहुत कम लगती है. हालांकि कई बीमारियों में भूख कम लगती है लेकिन अगर पेशाब में दिक्कत के साथ भूख कम लगे तो समझना चाहिए कि किडनी कमजोर हो चुकी है. अगर किडनी शरीर की गंदगी को बाहर नहीं निकालेगी तो यह गंदगी शरीर के अंदरुनी हिस्सों में जमा होने लगेगी. इससे उल्टी और जी मितलाने जैसी समस्याएं सामने आ सकती है. इससे भूख कम लगेगी और वजन कम होने लगेगा. साथ ही पेट में दर्द भी होगा.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : July 24, 2024, 09:47 IST

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