Rajasthan

If want to enjoy the delicious rusk fan and desi biscuit come in Al haj bakery rada

(डॉ. रामेश्वर दयाल)
Ballimaran rusk, fan and biscuits famous shop: नामी शायर मिर्जा गालिब बल्लीमारान में रहते थे. रात को वह क्या ‘खाते-पीते’ थे, इसकी जानकारी उनके चाहने वालों को है. लेकिन सुबह के वक्त रोज नाश्ते में वह रात के भीगे हुए बादाम और मिसरी जरूर खाते थे. इस आदत को उन्होंने जीवन भर बनाए रखा. पुरानी बातें थी, अब जमाना बदल गया है. बल्लीमारान के लोग अब शायद नाश्ते में बादाम-मिसरी नहीं खाते होंगे. लेकिन नाश्ता तो जरूरी है न. इसके लिए 50 साल से अधिक पुरानी दुकान मौजूद हैं. जहां, रस्क (पापे), फैन और हाथ से बने देसी बिस्कुटों की भरमार है. कभी इस दुकान पर सिर्फ रस्क बनते और बेचे जाते थे, अब तो नाश्ते के लिए ढेरों वैरायटी हैं.

नाश्ते के लिए 150 तरह के आइटम मौजूद हैं
चांदनी चौक मेन बाजार से गुजरेंगे तो बाएं हाथ पर बल्लीमारान है. अंदर जाएंगे तो दाएं हाथ पर गली कासिम जान में गालिब की हवेली पड़ेगी. थोड़ा आगे चलेंगे तो बायीं ओर बड़ी सी अल-हज बेकरी (AL-HAJ BAKERY) नाम की बड़ी दुकान है. जब भी जाएंगे तो इस दुकान पर लोग खरीदारी करते हुए नजर आएंगे. इस दुकान पर नाश्ते के लिए करीब 150 तरह की वेरायटी का सामान मिलता है. पुराने वक्त से चला आ रहे रस्क से लेकर गोल रस्क, फैन, समोसा (खारी), नमकीन व मीठे बिस्कुट तो मिलेंगे ही अब नए जमाने के चलन के साथ डेजर्ट, पेस्ट्री, रंग-बिरंगे केक, कई प्रकार की मट्ठी व देसी व गुजराती नमकीन भी इफरात में मिल रहे हैं.

60 तरह के हैंडमेड बिस्कुट तो 4 तरह के शुगर फ्री
दुकान पर 60 प्रकार के बिस्कुट मिलते हैं. ये सभी हैंड मेड हैं. इनमें आम बिस्कुटों के अलावा ओट्स, मल्टीग्रेन, हनी ओट्स आदि बिस्कुट शामिल हैं. चूंकि आजकल बच्चों व युवाओं को जिम जाने का शौक ज्यादा है, इसलिए उनके लिए भी पीनट चॉकलेट बिस्कुट की भी कई वैरायटी है. और तो और दुकान पर चार प्रकार के शुगर फ्री बिस्कूटों के अलावा रस्क भी मिलते हैं. चूंकि ठेठ पुरानी दिल्ली का इलाका है, इसलिए कीमत को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है. अगर आप पैकेट चाहते हैं तो वह भी मिल जाएगा और अगर आपको दो-चार बिस्कुट, रस्क आदि की जरूरत है तो वह भी बहुत सस्ते में मिल जाएंगे. मोटे तौर पर अधिकतर आइटम 100 रुपये से लेकर 300 रुपये के बीच में है. इनके ड्राई फ्रूट्स व मगज वाले बिस्कुट तो लाजवाब हैं. कोई भी आइटम खाएंगे, सबका स्वाद अलग ही होगा. कुरकुरेपन में तो ये जबर्दस्त हैं.

वर्ष 1967 से चल रही है दुकान, शुरू में रस्क ही बेचते थे
इस दुकान को वर्ष 1967 में हाजी मेंहदी हसन ने शुरू किया था. वह आज भी दुकान पर बैठते हैं. उनका कहना है कि शुरू में हमनें रस्क से काम शुरू किया. काम चल निकला तो वेरायटी बढ़ाते गए. दुकान पर आज भी पुरानी भट्टी मौजूद है. अब इस काम को साथ में उनके बेटे मोइनुद्दीन (गुड्डू) भी संभाल रहे हैं. उनका कहना है कि आज भी हम यीस्ट (खमीर) खुद ही बनाते हैं, जिससे उनके उत्पादों में अलग ही स्वाद उभरता है. हमारे बिस्कुट और अन्य सामान आज भी हाथ से तैयार किए जाते हैं, बस सेंकने के लिए मशीनें लगा ली हैं. अलसुबह दुकान खुल जाती है और रात 10 बजे तक काम जारी रहता है. अवकाश कोई नहीं है.

नजदीकी मेट्रो स्टेशन: चांदनी चौक

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj