किसान का 2 रुपए वाला देसी जुगाड़, फसल को छू भी नहीं पाएंगे कीड़े-मकोड़े, बस करना होगा ये काम

Last Updated:March 19, 2025, 10:46 IST
Dausa News: किसान का कहना है कि इस देसी जुगाड़ से महंगे फेरोमैन ट्रैप की आवश्यकता नहीं पड़ी है. बेर के पेड़ों पर केमिकल का स्प्रे भी नहीं करना पड़ रहा है, क्योंकि बोतल के जरिए ही कीट नष्ट किए जा रहे है.
किसान नरेंद्र शर्मा ने यह देसी जुगाड़ बनाया.
हाइलाइट्स
किसान ने 2 रुपए में देसी जुगाड़ बनाया.फेरोमैन ट्रैप की जगह देसी उपाय से कीट नष्ट.बोतल और पीली टेप से कीड़े आकर्षित होते हैं.
दौसाः राजस्थान के दौसा जिले के एक किसान ने गजब का देसी जुगाड़ बनाया. सिर्फ 2 रुपए के खर्च में कीड़े-मकोड़े फसल के आस-पास भी नहीं भटकेंगे. किसान ने देसी अंदाज में एक उपाय कर रखा है और उसे उपाय के माध्यम से बेर की फसल में किसी भी प्रकार का नुकसान भी नहीं होता है. कई बेर खराब होने लगते हैं, लेकिन किसान ने जो उपाय कर रखा है. उसकी वजह से बेर में किसी प्रकार के कीड़े भी नहीं लगते हैं. किसान यह जुगाड़ किसी बाजार से लेकर नहीं आया है, जबकि किसान ने खुद तैयार किया है. जो चुम्बक की तरह कीटो को कैप्चर करता है और उनको खत्म कर देता है.
गीजगढ़ के किसान नरेंद्र शर्मा बताते हैं कि फेरोमैन ट्रैप अगर बाजार से लेकर आते हैं, तो बाजार में इसकी कीमत 180 रुपए के लगभग होती है. लेकिन किसानों के पास इतना पैसा नहीं होता है, क्योंकि एक खेतों में कम से कम 50 फेरोमैन ट्रैप की आवश्यकता होती है. इसे में दौसा के किसान नरेंद्र ने देशी फेरोमैन ट्रैप तैयार की है. इस किसान के खेत में करीब 50 फैरोमैन ट्रैप लगे हुए हैं, जिससे किसान को आर्थिक रूप से फायदा भी हुआ है. किसान नरेंद्र शर्मा ने बताया कि बाजार से 180 रुपए की कीमत में मिलने वाली फैरोमैन ट्रैप के बजाय किसान देशी जुगाड़ से फैरोमैन ट्रैप जैसा जुगाड़ तैयार किया जा सकता है. इससे बचत पैसे की होगी और अपने स्तर पर भी यह बन सकता है.
किसान नरेंद्र ने 1 रूपए में जो पानी या कोल्डड्रिंग की बोतल ली. इसके बाद एक पतली लोहे की रॉड को आग से गर्म किया और बोतल में कई जगह छेद कर दिए और बोतल के ऊपर पीली टेप लगा दी गई. पीली टेप लगाने से कीड़े या फ्रूट फ्लाई आकर्षित हो जाते हैं और रात के समय में पीली टेप ज्यादा आकर्षित करती है, जिसके चलते कीड़े बोतल पर छिद्रों के माध्यम से बोतल के अंदर चले जाते हैं. बोतल के अंदर कीटनाशक दवा लगी रहती है, जैसे ही ये कीट बोतल में जाते हैं तो कीटनाशक दवा से उनकी मौत हो जाती है और फसल सुरक्षित रहती है.
पेड़ों पर कीड़े-मकोड़े नहीं लगते हैं और फसल सुरक्षित बनी रहती है. इतना ही नहीं इस प्रकार के देसी जुगाड़ से कीटनाशक खत्म करने के कारण किसानों को केमिकल युक्त कीटनाशक पेड़ों पर छिड़काव नहीं करने पड़ रहे हैं. जिसके कारण पेड़ों से उत्पादित हो रहे बेर भी बिना केमिकल युक्त है. इस देसी जुगाड़ से एक और तो किसानों को पेड़ों पर कीटनाशक का स्प्रे नहीं करना पड़ रहा है, जिसके कारण मेहनत भी नहीं हो रही है. साथ ही बोतल के माध्यम से कीटनाशक को कैप्चर करने से बेर के पेड़ पर फल पर कोई केमिकल भी नहीं लगता है.
Location :
Dausa,Rajasthan
First Published :
March 19, 2025, 10:46 IST
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किसान का 2 रुपए वाला देसी जुगाड़, फसल को छू भी नहीं पाएंगे कीड़े-मकोड़े