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होली की अग्नि के समक्ष नहीं लिए फेरे तो शादी रह जाती है अधूरी! जानें कहां निभाई जाती है यह परंपरा

Last Updated:March 15, 2025, 16:03 IST

Pratapgarh News : राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य प्रतापगढ़ जिले के बारावरदा इलाके में नव विवाहित दूल्हा दुल्हन के लिए होली की अग्नि के समक्ष फेरे लेना जरुरी होता है. यह शादी की संपूर्णता का प्रतीक है. माना जाता है…और पढ़ेंपरंपरा : होली की अग्नि के समक्ष नहीं लिए फेरे तो शादी रह जाती है अधूरी!

होली की अग्नि के समक्ष सात फेरे लेने के लिए बैठे आदिवासी दूल्हे.

हाइलाइट्स

प्रतापगढ़ में होली की अग्नि के समक्ष फेरे लेना जरुरी.यह परंपरा बारावरदा इलाके में निभाई जाती है.गैर नृत्य को देखने दूर-दूर से आते हैं लोग.

प्रतापगढ़. होली सिर्फ रंगों और मस्ती का त्योहार नहीं है बल्कि कुछ जगहों पर यह शादी की पूर्णता का प्रतीक भी है. राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के आदिवासी क्षेत्र में होलिका दहन के बाद उसकी अग्नि के सात फेरे लिए जाते हैं. यह परंपरा बारावरदा में निभाई जाती है. इस साल भी यह अनोखी परंपरा निभाई गई. यहां नवविवाहित जोड़ों ने होली की अग्नि के सात फेरे लेकर अपने रिश्ते को और मजबूत किया.

आदिवासी क्षेत्र की अपनी अलग मान्यताएं हैं. उन्हें यह समुदाय सैकड़ों बरसों से निभाता आ रहा है. प्रतापगढ़ जिले में आदिवासी समुदाय में यह मान्यता है कि होलिका दहन की अग्नि के सात फेरे लिए बिना विवाह अधूरा माना जाता है. इसी वजह से यहां हर साल नवविवाहित जोड़े इस परंपरा को निभाने के लिए आते हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि इससे वैवाहिक जीवन सुखी और समृद्ध रहता है.

पति-पत्नी का रिश्ता जन्म-जन्मांतर तक बना रहता हैस्थानीय लोगों का कहना है कि यह परंपरा उनके पूर्वजों से चली आ रही है. होली की अग्नि के समक्ष सात फेरे लेने से शादी का बंधन और मजबूत होता है. पति-पत्नी का रिश्ता जन्म-जन्मांतर तक बना रहता है. इतना ही नहीं होलिका दहन के साथ ही आदिवासी समुदाय का फसली उत्सव भी शुरू होता है. अपनी खुशी जाहिर करने के लिए आदिवासी समुदाय पारंपरिक गैर नृत्य करता है. हाथों में लाठियां, तलवारें और भाले लेकर बुजुर्ग से लेकर युवा तक गैर नृत्य करते हैं. पूरा माहौल रंग-बिरंगा और सांस्कृतिक धरोहर की झलक पेश करता है.

गैर नृत्य को देखने दूर-दूर से आते हैं लोगलगभग 15 दिनों तक यह गैर नृत्य का उत्सव चलता रहता है और आदिवासी समुदाय इसका भरपूर आनंद उठाता है. ऐसा माना जाता है कि आदिवासी समुदाय अपनी फसल अच्छी होने की खुशी में गैर नृत्य कर अपनी खुशी का इजहार करता है. इस गैर नृत्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग दूर-दराज के क्षेत्रों से भी आते हैं.


Location :

Pratapgarh,Pratapgarh,Rajasthan

First Published :

March 15, 2025, 16:03 IST

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परंपरा : होली की अग्नि के समक्ष नहीं लिए फेरे तो शादी रह जाती है अधूरी!

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