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भाई हो तो ऐसा ! बड़े भाई ने किडनी देकर बचाई छोटे भाई की जान, सोशल मीडिया पर जमकर हो रही तारीफ

Last Updated:November 26, 2025, 20:30 IST

Sikar News Hindi : सीकर जिले के रूपगढ़ गांव में भाईचारे की अनोखी मिसाल देखने को मिली है. बड़े भाई जगदीश प्रसाद सीरावता ने अपने छोटे भाई सीताराम की बिगड़ती हालत देखकर बिना देर किए अपनी किडनी दान कर दी. डॉक्टरों की टीम ने सफल ट्रांसप्लांट किया और अब दोनों स्वस्थ हैं. इस त्याग की कहानी पूरे क्षेत्र में प्रेरणा बन गई है.दोनों भाई

सीकर : कहते हैं कि भाई से बड़ा कोई अपना नहीं होता है, इस कहावत को सीकर जिले के छोटे से गांव रूपगढ़ के जगदीश प्रसाद सीरावता ने चरितार्थ कर दिखाया है. इन्होंने भाईचारे और मानवीय संवेदनाओं की एक अनोखी मिसाल पेश करते हुए अपने छोटे भाई सीताराम को किडनी को किडनी देकर जान बचाई है. इसको लेकर हर कोई जगदीश प्रसाद के इस नेक काम की सराहना कर रहा है.

बड़ा भाई

जहां आज अक्सर रिश्तों में दूरियां बढ़ने की बातें सुनने को मिलती हैं, वहीं सीरावता परिवार ने यह साबित कर दिया कि सच्चा प्यार और अपनापन आज भी जिंदा है. परिवार के बड़े बेटे जगदीश प्रसाद सीरावता ने अपने छोटे भाई सीताराम को किडनी दान देकर न केवल उसकी जान बचाई, बल्कि समाज को भी रिश्तों की नई परिभाषा समझा दी. किडनी ट्रांसप्लांट के बाद दोनों की स्थिति ठीक है.

छोटा भाई

जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ समय से सीताराम की तबीयत खराब चल रही थी. नियमित जांचों में पता चला कि उसकी किडनी पर्याप्त रूप से काम नहीं कर रही हैं. धीरे-धीरे स्थिति गंभीर होने लगी और डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा कि मरीज को जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है, वरना हालात बिगड़ सकते हैं. यह सुनते ही परिवार में चिंता बढ़ गई, लेकिन जब बड़े भाई जगदीश प्रसाद को इस बात का पता चला, तो उन्होंने तुरंत अपनी किडनी देने का फैसला कर लिया.

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दोनों भाई

घरवालों और रिश्तेदारों ने शुरुआत में चिंता जताई, लेकिन जगदीश प्रसाद अपने निर्णय पर अडिग रहे. उनकी जांच की गई तो पाया गया कि उनकी किडनी ट्रांसप्लांट के लिए बिल्कुल उपयुक्त है. इसके बाद जयपुर स्थित अस्पताल में पूरे मेडिकल प्रोटोकॉल और परीक्षणों के बाद ऑपरेशन की तारीख तय की गई. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूरी की गई. ऑपरेशन के बाद दोनों भाइयों की हालत सामान्य बताई जा रही है तथा डॉक्टरों ने कहा कि आने वाले दिनों में दोनों पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे.

किडनी ट्रांसप्लांट

छोटे भाई सीताराम ने भावुक होते हुए कहा कि उसके लिए यह सिर्फ ऑपरेशन नहीं बल्कि दूसरा जन्म है. मेरा भाई मेरे लिए भगवान से कम नहीं. जब सभी रास्ते बंद हो रहे थे, तभी भैया ने आगे बढ़कर मेरी जिंदगी बचा ली. वहीं, बड़े भाई जगदीश प्रसाद ने बड़ी सहजता से कहा कि भाई-भाई के रिश्ते का यही धर्म है अगर मेरी वजह से मेरे भाई की जिंदगी बचती है, तो इससे बड़ा सुख कोई नहीं.

सोशल मीडिया पोस्ट

सोशल मीडिया पर भी बड़े भाई जगदीश प्रसाद सीरावता के द्वारा छोटे भाई सीताराम को किडनी देने के इस नेक काम की सराहना कर रहे हैं. कई यूजर दोनों भाइयों को राम लक्ष्मण की जोड़ी बता रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना समाज में भाईचारे, प्रेम और त्याग की मिसाल बनेगी. रूपगढ़ में सीरावता परिवार की यह कहानी आज सभी के लिए प्रेरणा का बन गई है. जब रिश्तों में स्वार्थ की बातें सामने आती हैं, ऐसे समय में एक भाई का दूसरे भाई के लिए जीवनदान देना समाज को नई दिशा और नई सोच प्रदान करता है.

First Published :

November 26, 2025, 20:30 IST

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बड़े भाई ने किडनी देकर बचाई छोटे भाई की जान, सोशल मीडिया कर रहा सलाम

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