बुढ़ापे में हो जोड़ों का दर्द तो…यह पौधा है दर्द की राहत, इसकी पत्तियों में छिपा है शांति का राज, जानिए कैसे करें उपयोग

Last Updated:November 14, 2025, 10:48 IST
मोरपंख पौधा औषधीय, धार्मिक और घरेलू दृष्टि से बेहद खास है, यह पौधा घर के आंगन या गमले में लगाया जाए तो पूरे वर्ष हरा-भरा रहता है. इसकी सुगंधित पत्तियां वातावरण को ताजगी देती हैं और घर की शोभा बढ़ाती हैं. लोग इसे बुरी नजर से बचाव और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए भी लगाते हैं. इसके धार्मिक और औषधीय गुण इसे विशेष रूप से महत्वपूर्ण बनाते हैं.
मोरपंख का पौधा आयुर्वेदिक गुणों का खजाना होता है, इसके अनेकों धार्मिक महत्व भी हैं. इसे स्थानीय भाषा में ‘थूजा’ भी कहा जाता है. इसकी खासियत यह है कि यह पौधा कई दशकों तक जीवित रह सकता है, यह पौधा हरे-भरे बगीचे की शोभा बढ़ाता है और वातावरण को शुद्ध बनाए रखता है.

मोरपंख से तैयार शैम्पू बालों के लिए बेहद लाभकारी होता है, यह बालों को प्राकृतिक चमक और मजबूती प्रदान करता है. नियमित उपयोग से बालों का झड़ना कम होता है और रूसी जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है, इसे एक प्राकृतिक हेयर-केयर औषधि माना जाता है.

आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि इस थूजा के पत्तों और तेल में औषधीय गुण पाए जाते हैं. यह सांस संबंधी रोग, त्वचा की समस्याओं और जोड़ों के दर्द में लाभकारी माना जाता है. इसकी सुगंध मच्छरों और कीटों को दूर रखने का भी काम करती है, आयुर्वेद में इसे औषधीय खजाना कहा जाता है.

यह पौधा घर के आंगन या गमले में लगाया जाए तो पूरे वर्ष हरा-भरा रहता है. इसकी सुगंधित पत्तियां वातावरण को ताजगी देती हैं और घर की शोभा बढ़ाती हैं. लोग इसे बुरी नजर से बचाव और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए भी लगाते हैं. इस प्रकार मोरपंख यानी थूजा पौधा औषधीय, धार्मिक और घरेलू दृष्टि से बहुत खास है.
First Published :
November 14, 2025, 10:48 IST
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जानिए मोरपंख पौधा थूजा के आयुर्वेदिक गुण, धार्मिक महत्व और घरेलू फायदे



