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शेयर के चार्ट पर दिखे गर्भवती कैंडल तो समझना पलटने वाली है चाल, मिलेगा पैसा बनाने का मौका!

How to choose right stocks : किसी भी शेयर की चाल समझने में कैंडलस्टिक पैटर्न बड़े कारगर साबित होते है. ज्यादातर टेक्निकल एनालिस्ट इन्हीं पैटर्न के सहारे निवेश करते हैं. ऐसा ही एक कैंडलस्टिक पैटर्न है – हरामी. दो कैंडल्स को मिलकर बनने वाला यह पैटर्न बेयरिश (Bearish) भी हो सकता है और बुलिश (Bullish) भी. इस कैंडलस्टिक पैटर्न का नाम सुनने में गाली जैसा जरूर प्रतीत होता है, मगर यह गाली नहीं है. यह अपने आप में एक अर्थ लिए हुए है.

चलिए पहले हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न का मतलब समझ लेते हैं. जापान में ट्रेडिंग की विधा दुनिया में सबसे पुरानी है. कैंडलस्टिक का पूरा तामझाम जापान से ही दुनिया तक पहुंचा है. इसी का एक पैटर्न है हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न. हरामी (Harami) शब्द का इस्तेमाल जापानी भाषा में गर्भवती (Pregnant) महिला के लिए किया जाता है. तो इस पैटर्न को समझने के लिए आपको पहले ये समझ लेना चाहिए कि गर्भवती महिला कैसी दिखती है- महिला सीधी खड़ी होती है और उसके पेट में बच्चा होता है. बच्चा, महिला के पूरे शरीर से अलग और उभरा हुआ नजर आता है. यह पैटर्न भी बिलकुल ऐसा ही दिखता है. इस पैटर्न में पहली कैंडल एक लम्बी कैंडल होती है और उसके बाद बनने वाली दूसरी कैंडल छोटी होती है. दोनों कैंडल को मिलाकर देखने पर यह हरामी पैटर्न बनता है.

bulish harami candlestick pattern
इस तस्वीर में ‘टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स’ का चार्ट नजर आ रहा है. एक लंबी गिरावट के बाद नीचे ‘बुलिश हरामी पैटर्न’ बना है. उसके बाद भाव ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

किधर जाएगा शेयर? ये पैटर्न बताएगाहरामी पैटर्न को समझने के लिए आपको बेसिक कैंडलस्टिक्स का ज्ञान होना चाहिए. यदि आप बेसिक जानते हैं तो आपको हरामी कैंडलस्टिक पैटर्न खोजना होगा. शेयर की मूवमेंट इस बात पर निर्भर करेगी कि हरामी पैटर्न कहां पर बना है. यदि शेयर के टॉप पर ऐसा पैटर्न बनता है तो यह गिरने का इशारा हो सकता है. इसके उलट यदि यह चार्ट के बॉटम में बनता है तो वहां से शेयर ऊपर की तरफ भाग सकता है.

कैसे पहचानें सही-सही बुलिश पैटर्न

एक लंबी गिरावट के बाद एक बड़ी लाल रंग की कैंडल बनी हो. इसे पैटर्न की पहली कैंडल कहा जाएगा.

दूसरी कैंडल हरे रंग की हो और वह पिछली लाल कैंडल के बिलकुल बीचोंबीच बनी हो. कुछ ऊपर नहीं हो सकता है.

दूसरी कैंडल (हरे रंग वाली) का साइज पहली कैंडल से छोटा होना चाहिए. ऐसा दिखे कि महिला के पेट में बच्चा हो.

दूसरी कैंडल का हाई और लो (High and Low) प्राइस पहली कैंडल (लाल) के प्राइस (हाई और लो) के अंदर ही होना चाहिए.

दूसरी कैंडल की विक (शेडो) भी पहली कैंडल के प्राइस रेंज से बाहर न हो.

पहली कैंडल बड़ी होगी, मगर दूसरी कैंडल एक डोजी कैंडल भी हो सकती है.

सबसे ऊपर दी गई तस्वीर में कैंडल के हाई-लो का जिक्र किया गया है.

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कहां पर इनवैलिड हो जाएगा ये पैटर्नऐसा नहीं है कि जहां भी यह पैटर्न बनेगा, वह काम करेगा ही. एक लंबी रैली (बढ़त) के बाद यदि पैटर्न बनेगा तो इसके काम करने के अच्छे चांस हैं. इसी तरह यदि शेयर में एक लंबी गिरावट के बाद यह पैटर्न बने तो शेयर रिवर्स हो सकता अथवा गिरावट थम सकती है. गिरावट थमने के बाद शेयर में बढ़त का सिलसिला शुरू हो सकता है. इन दोनों के बीच, यदि चार्ट के बीच में कहीं भी यह पैटर्न बनता है तो वह इनवैलिड हो जाएगा.

मसलन, यह चार्ट में बिना किसी गिरावट के बने या फिर बिना किसी रैली के बने तो उसे वैध नहीं माना जाना चाहिए. इन्वेस्टोपीडिया (Investopedia) के अनुसार, बुलिश हरामी पैटर्न (Bullish Harami) एक बेयर ट्रेंड अथवा गिरावट के बाद बनता है. जहां यह पैटर्न दिखेगा वहां से प्राइस कुछ उछलने के चांस होंगे.

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इंजीनियरिंग इंडिया के शेयर में बेयरिश हरामी कैंडल का एक उदाहरण है. पीले रंग में मार्क किया गया पैटर्न बबने के बाद भाग काफी गिर गया था.

Investopedia के ही अनुसार, यदि यह पैटर्न सपोर्ट (Support) या रेसिस्टेंस (Resistance) के पास बने तो काम कर सकता है. सपोर्ट और रेसिस्टेंस के बारे में यदि आप नहीं जानते हैं तो आपको इसके बेसिक की जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए.

क्या है हरामी पैटर्न की साइकोलॉजीलंबी गिरावट के बाद, पिछले दिन की कैंडल मान लीजिए कि 100 रुपये पर बंद हुई है. उससे पहले भाव लगातार गिर रहा था. अगले दिन, जबकि भाव 100 रुपये या उससे नीचे खुलना चाहिए था (क्योंकि गिरावट चल रही है), मगर ऐसा होता नहीं और भाव कल के क्लोजिंग से ऊपर खुलता है. मान लीजिए 101 रुपये पर. चूंकि यह शेयर बेयर्स (Bears) की गिरफ्त में है, तो बेयर्स इसे गिराने की तमाम कोशिश करेंगे, लेकिन दिन की क्लोजिंग तक भाव कल के निम्नतम स्तर के नीचे नहीं जा पाता, बल्कि 102 या 103 पर बंद होता है. यह सीन बताता है कि बेयर्स में अब पावर नहीं रही या फिर बुल्स ने उनकी पूरी पावर सोख ली है. मतलब जितना भी बेचा गया, पूरा खरीद लिया गया. यहां से बुल्स यदि और पावर दिखाएंगे तो प्राइस पलट सकता है.

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कब लगाना चाहिए पैसायहां एक बात जो आपको विशेष तौर पर नोट कर लेना चाहिए, वह यह कि केवल बुलिश हरामी पैटर्न देखकर ही पैसा नहीं लगाना चाहिए. टेक्निकल एनालिस्ट हमेशा पैटर्न की पहली कैंडल (गिरती हुई लाल बड़ी कैंडल) के हाई के ऊपर प्राइस बंद होने के बाद ही पैसा लगाने के बारे में सोचते हैं. यदि प्राइस लाल कैंडल के भाव के ऊपर बंद हो जाए तो ही उसमें पैसा डाला जाना सुरक्षित माना जाता है. इसी लाल कैंडल का लो (Low) स्टॉपलॉस रखा जाता है.

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‘टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स’ के चार्ट को यदि जूम करके देखा जाए, तो हाइलाइट की गई जगह पर ‘बुलिश हरामी पैटर्न’ बना था. इस पैटर्न की लाल कैंडल के हाई पर खरीदारी हो सकती है और उसी कैंडल का नीचला स्तर स्टॉपलॉस की तरह काम करेगा.

मतलब इस पैटर्न को न मानते हुए यदि फिर से भाव गिरने लगे और लाल कैंडल के नीचे चला जाए तो थोड़ा-सा नुकसान लेकर निकल जाना चाहिए. क्योंकि यहां जो बुल्स आए थे, उनकी पावर को बेयर्स ने सोख लिया है और भाव आगे और भी गिर सकता है.

(Disclaimer: यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है. यदि आप किसी भी शेयर में पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्‍टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके लाभ या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.)

Tags: Investment tips, Money Making Tips, Share market, Stock market

FIRST PUBLISHED : February 20, 2024, 14:21 IST

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