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Study Abroad: पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना है तो नोट कर लें काम की 5 बातें, आराम से हो जाएंगे सेटल

नई दिल्ली (Study Abroad in Australia). भारतीयों के लिए ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करना किसी सपने से कम नहीं है. वहां शानदार यूनिवर्सिटी हैं, मौसम बेहतरीन रहता है और भारत की तुलना में लाइफस्टाइल भी काफी कूल है. हर भारतीय स्टूडेंट कभी न कभी विदेश में बसने का सपना देखता है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया की में शिफ्ट होने की नई पारी को सिर्फ अच्छे मार्क्स या फर्राटेदार इंग्लिश से ही नहीं जीता जा सकता है. भारत से ऑस्ट्रेलिया जाना सिर्फ जगह बदलना नहीं है, यह अपनी जिंदगी जीने के तरीके को पूरी तरह से बदलना है.

कई अन्य देशों की तरह ऑस्ट्रेलिया में भी आपको अपने सारे काम खुद करने होंगे. कॉलेज की पढ़ाई तो जरूरी है ही, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी हैं कुछ लाइफ स्किल्स, जो आपको वहां का ‘देसी बॉस’ बना सकती हैं. ऑस्ट्रेलिया का एजुकेशन सिस्टम थोड़ा अलग है. वहां टीचर आपको बस गाइड करते हैं, वे आपसे उम्मीद करते हैं कि आप अपना दिमाग खुद लगाएं, उनसे सवाल पूछें और उनके साथ अपने आइडियाज शेयर करें. आपको यह दिखाना होगा कि आप सिर्फ किताबी कीड़ा नहीं हैं, बल्कि स्मार्ट और इंडिपेंडेंट इंसान हैं.ऑस्ट्रेलिया में रहने के लिए जरूरी हैं ये 5 स्किल्स

अगर आप ऑस्ट्रेलिया में बिना किसी टेंशन के रहना चाहते हैं और अपनी पढ़ाई को हिट बनाना चाहते हैं तो इन 5 चीजों पर काम करना अभी से शुरू कर दें. ये स्किल्स ही आपका असली वीजा हैं!

1. रटना छोड़ो, दिमाग लगाना शुरू करो (Critical Thinking)

अपने यहां अक्सर चीजें याद करने पर जोर दिया जाता है, है ना? पर ऑस्ट्रेलिया में यह तरीका नहीं चलेगा. वहां प्रोफेसर उम्मीद करेंगे कि आप किसी भी बात को सीधे-सीधे न मान लें. उनसे सवाल पूछें! अपना पॉइंट ऑफ व्यू उनके सामने रखें!

क्या करें: क्लास में चुपचाप न बैठें. अगर कोई बात समझ न आए तो बिना डरे पूछें. किसी भी टॉपिक को सिर्फ पढ़ें नहीं, बल्कि सोचें कि ‘ऐसा क्यों है?’ और ‘इसका दूसरा पहलू क्या हो सकता है?’. वहां क्रिटिकल थिंकिंग ही आपको A ग्रेड दिलाएगी.

2. अपनी जिंदगी के मालिक खुद बनो (Self-Reliance & Practical Skills)

भारत में मां-बाप या घरवाले कई काम संभाल लेते हैं. लेकिन ऑस्ट्रेलिया में ऐसा नहीं होगा. पराए देश को अपना बनाने के लिए आपको वन-मैन आर्मी बनना पड़ेगा. वहां दोस्त, रिश्तेदार और पड़ोसी भी किसी की मदद करने के लिए जल्दी नहीं आते हैं.

क्या करें: अभी से खाना बनाना सीख लो! हां, मैगी नहीं, दाल-रोटी या चावल जैसी चीजें! अपने पैसे मैनेज करना सीखो. किराए, बिजली के बिल और किराने के सामान का हिसाब-किताब खुद रखो. बजट बनाना सीखो ताकि महीना खत्म होने से पहले ही आपकी जेब खाली न हो जाए.

3. इंग्लिश से आगे बढ़ो, दिल की बात कहो (Effective Communication)

आपको इंग्लिश बोलनी आती है, यह अच्छी बात है. ऑस्ट्रेलिया जैसी जगह पर सर्वाइव करने के लिए फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करना जरूर है लेकिन आपकी जिंदगी उसी पर नहीं टिक सकती है. असली कला है अपनी बात को साफ और असरदार तरीके से सामने रख पाना.

क्या करें: सिर्फ दोस्तों से ही नहीं, बल्कि अपने प्रोफेसर, पार्ट-टाइम बॉस और बैंक वालों से भी कॉन्फिडेंस के साथ बात करो. लोगों से दोस्ती करके उनका कल्चर समझो. इसे ही नेटवर्किंग कहते हैं और यह आपको नौकरी ढूंढने में भी बहुत काम आएगी.

4. कल्चरल शॉक झेलना सीखो (Cultural Adaptability & Resilience)

ऑस्ट्रेलिया में कई चीजें आपको अजीब लग सकती हैं. लोगों के बात करने का तरीका, खाने-पीने की आदतें.. यहां तक कि वहां का मौसम भी. इसे ही कल्चरल शॉक कहते हैं.

क्या करें: कल्चर सीखने और समझने के लिए फ्लेक्सिबल बनना जरूरी है. नई चीजें सीखने और आजमाने के लिए तैयार रहो. अगर शुरुआती दिनों में कुछ मुश्किल लगे तो घबराओ मत. हार मत मानो! वहां के लोकल लोगों और इंटरनेशनल दोस्तों से बात करो. यह समझो कि ‘जब आए हो, तो सब अपनाओ!’

5. काम और पढ़ाई का बैलेंस (Work Ethic)

लगभग हर इंटरनेशनल स्टूडेंट वहां पार्ट-टाइम जॉब करता है. इससे पॉकेट मनी निकल आती है और भविष्य में नौकरी के लिए तैयार होने में भी मदद मिलती है. यह एक अलग ही ट्रेनिंग मानी जाती है.

क्या करें: अगर आपको कोई जॉब मिलती है तो वहां ईमानदारी से काम करें. समय पर पहुंचें, जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे अच्छी तरह से निभाएं. ऑस्ट्रेलियाई काम का माहौल थोड़ा सख्त होता है. अगर आपके वर्क एथिक्स ठीक होंगे तो आपकी पढ़ाई और करियर, दोनों के लिए दरवाजे खुलेंगे.

बस इन 5 बातों को गांठ बांध लो. आपकी ऑस्ट्रेलिया की यात्रा सुपरहिट रहेगी!

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