घर पर मक्खन जैसा गाढ़ा दही जमाना है? आजमाएं राजस्थान का देसी पारंपरिक तरीका, स्वाद भी मिलेगा जबरदस्त – Rajasthan News

Last Updated:October 13, 2025, 06:48 IST
Dahi Jamane Ka Paramprik Tarika: पुराने समय में मिट्टी के मटके में दही जमाना एक सामान्य परंपरा थी, जो आज भी राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में जीवित है. मिट्टी के मटके में जमा दही स्वादिष्ट और सेहतमंद होता है. यह शरीर को ठंडक देता है, पाचन शक्ति बढ़ाता है और गैस, एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करता है. मटके के सूक्ष्म छिद्र नमी और तापमान को संतुलित रखकर दही को गाढ़ा और प्राकृतिक बनाते हैं.
पुराने समय में मिट्टी के मटके में दही जमाने की परंपरा बेहद आम थी. भगवान श्रीकृष्ण की कहानियों में भी मटकी का उल्लेख मिलता है. आज भी राजस्थान की गांवों में यह परंपरा जीवित है, जबकि शहरों में लोग स्टील या प्लास्टिक के बर्तनों का उपयोग करते हैं. मटके में जमा दही स्वाद में लाजवाब और सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. यह न सिर्फ शरीर को ठंडक देता है बल्कि पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है.
ग्रामीण महिला ललिता देवी बताती हैं कि मिट्टी के मटके में दही जमाने की प्रक्रिया बेहद सरल होती है. इसे बनाने के लिए सबसे पहले दूध को चूल्हे पर गर्म किया जाता है, फिर उसे ठंडा होने दिया जाता है. जब दूध हल्का गर्म रह जाए तब उसमें एक चम्मच दही या छाछ डाल दी जाती है. मटके को ढककर रातभर बिना छेड़े रखा जाता है. सुबह गाढ़ा, स्वादिष्ट और मलाईदार दही तैयार मिल जाता है.
जिससे दही गाढ़ा बनता है. स्टील या प्लास्टिक के बर्तन की तुलना में मिट्टी का मटका दही को ठंडा और प्राकृतिक बनाए रखता है. आज भी कई बड़े रेस्टोरेंट और होटलों में इसी तरीके से दही बनाया जाता है.
स्वाद के साथ-साथ मिट्टी के मटके में जमा दही सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी है. आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार के अनुसार, इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और आयरन जैसे प्राकृतिक पोषक तत्व अधिक मात्रा में बने रहते हैं. मटके की मिट्टी दही के खट्टेपन को कम करती है और इसे लंबे समय तक ताजा रखती है. यह दही शरीर में ठंडक और ऊर्जा दोनों प्रदान करता है.
इसके अलावा, मिट्टी में मौजूद खनिज पदार्थ दही में मिलकर उसकी पौष्टिकता बढ़ाते हैं. इसमें पाए जाने वाले प्रोबायोटिक बैक्टीरिया पाचन को सुधारते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं. इस दही के सेवन से गैस, एसिडिटी और पेट से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं. मटके वाला दही नियमित खाने से शरीर में ताकत और स्फूर्ति बनी रहती है.
मिट्टी के मटके में दही जमाने का एक और फायदा यह है कि इसके पोषक तत्व नष्ट नहीं होते. मटके के सूक्ष्म छिद्र नमी और तापमान को संतुलित रखते हैं. इससे दही में एल्कलाइन गुण विकसित होते हैं जो शरीर के एसिड को संतुलित करते हैं. इस कारण मटके का दही पेट को ठंडक और आराम प्रदान करता है, जबकि फ्रिज वाला दही ऐसा नहीं कर पाता. मिट्टी के मटके में जमा दही फ्रिज के दही से कई गुना अधिक अच्छा माना जाता है.
ग्रामीण महिला ललिता देवी ने बताया कि आधुनिक जीवनशैली ने हमें हमारी देसी परंपराओं से दूर कर दिया है. लेकिन मिट्टी के मटके में जमा दही सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि प्राकृतिक स्वास्थ्यवर्धक उपाय है. मिट्टी के बर्तन में बनने वाला दही केवल स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत और संस्कृति तीनों का संगम है. खास बात ये है कि इसे बनाने में कोई एक्स्ट्रा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है.
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October 13, 2025, 06:48 IST
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घर पर ऐसे जमाएं मक्खन जैसी मलाईदार दही, स्वाद और सेहत दोनों के लिए रहेगा बेस्ट