Rajasthan

Importance of Zakat in Ramadan: रमजान में जकात का महत्व: गरीबों और जरूरतमंदों की मदद

Last Updated:March 19, 2025, 12:44 IST

Ramadan 2025: रमजान केवल भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं है. रोजा रखकर और अल्लाह की इबादत के साथ-साथ गरीबों की मदद करना भी एक इबादत है. जकात हर मालदार मुसलमान पर फर्ज है. X
जकात
जकात देना हर मुस्लिम का होता है फर्ज

हाइलाइट्स

रमजान में जकात देना फर्ज है.हर मालदार पर सम्पति का ढाई फीसदी जकात देना जरूरी.जकात गरीबों, विधवाओं, अनाथों की मदद के लिए दी जाती है.

बाड़मेर. इस्लामी किताबों में कहा गया है, जब तुम्हारे ऊपर कोई मुश्किल आए तो सदका देकर इसका सौदा कर लिया करो. यानी इसके जरिए मुश्किलों से निजात के रास्ते खुल जाते हैं. माहे-ए-रमजान में इसकी अदायगी की वजह यह बताई जाती है कि इस माह हर नेकी का बदला 70 गुना तक बढ़ जाता है. यह दान गरीबों, विधवाओं, अनाथों और असहाय व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है.

रमजान केवल भूखे-प्यासे रहने का नाम नहीं है. रोजा रखकर और अल्लाह की इबादत करते हुए एक मुसलमान शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होता है. रमजान में अल्लाह हर अच्छे काम के लिए सामान्य दिनों की अपेक्षा सत्तर गुना अधिक पुण्य देता है. इस्लाम में जिन पांच चीजों को फर्ज किया गया उसमें जकात भी शामिल है. हर मालदार पर ढाई फीसदी जकात निकालना फर्ज होता है.

ढाई फीसदी जकात देना जरूरीइस्लाम में जकात का ढाई फीसदी फर्ज किया गया है. मौजूद धनराशि के अलावा साढ़े सात सौ से अधिक सोना, 52 तोला से अधिक चांदी होने पर मौजूदा मालियत के हिसाब से ढाई फीसदी जकात निकालनी होती है. ऐसा नहीं है कि एक साल निकाल दिया और अगले साल नहीं निकाला जाएगा. जकात तब तक निकाली जाएगी जब तक आप मालदार हैं. इस्लाम धर्म में सबसे ज्यादा जकात रमजान के पाक महीने में अदा की जाती है. इस्लाम में जकात एक प्रकार का दान होता है. बाड़मेर जामा मस्जिद के पेश ईमाम हाजी लाल मोहम्मद सिद्दिकी लोकल18 से बातचीत करते हुए बताते हैं कि हर मालदार पर सम्पति का ढाई फीसदी जकात देना फर्ज है. जकात देने का का मुख्य उद्देश्य समाज में आर्थिक दूरियों को कम करना और जरूरतमंदों की सहायता करना है. यह दान गरीबों, विधवाओं, अनाथों और असहाय व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है.


Location :

Barmer,Barmer,Rajasthan

First Published :

March 19, 2025, 12:37 IST

homedharm

गरीबों की मदद भी एक इबादत…मुश्किलें टालती है जकात, हर योग्य मुस्लिम पर फर्ज

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj