रिश्तों में सुधार या… कनाडा के नए PM कार्नी की इंडिया के बारे में क्या है राय? ट्रूडो वाली दुश्मनी होगी खत्म?

Last Updated:April 30, 2025, 15:02 IST
Canada New PM Mark Carney: कनाडा को मार्क कार्नी के रूप में नया प्रधानमंत्री मिल चुका है. मगर, इंतजार इस बात का है कि क्या भारत का कनाडा के साथ रिश्ते सुधरेंगे? क्या कनाडा-भारत एक बार मिलकर काम करेंगे? तो चलिए …और पढ़ें
कार्नी का इंडिया के बारे में क्या राय है?
हाइलाइट्स
कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी भारत संग रिश्ते सुधारना चाहते हैं.कार्नी का उद्देश्य भारत संग व्यापारिक संबंध मजबूत करना है.कार्नी ने भारत के साथ CEPA को फिर से शुरू करने पर जोर दिया.
Canada New PM Mark Carney: कनाडा में जस्टिन ट्रूडो के शासन का अंत हो गया है. लिबरल पार्टी की सरकार बन रही है. नेता हैं- मार्क कार्नी, वह प्रधानमंत्री भी हैं. मगर, एक बात जेहन में आती है कि क्या ट्रूडो के समय भारत-कनाडा के खराब हुए रिश्तों में सुधार आएगी? आखिर कार्नी का भारत के साथ क्या संबंध हैं. पेशे से बैंकर कार्नी का रूख के बारे में बात करें तो वह कई मौकों पर इशारा कर चुके हैं कि उनका प्रमुख उद्देश्य या प्राथमिकता भारत के साथ रिश्तों को सुधारना है. बताते चलें कि प्रधानमंत्री बनने से पहले वह भारत के दौरे पर आ चुके हैं.
कार्नी ने चुनाव अपने चुनाव अभियान और सत्ता में आने के बाद बार-बार कहा है कि भारत के साथ रिश्तों को फिर से बनाना और मजबूत करना उनकी प्राथमिकता है. कार्नी का मानना है कि कनाडा को अपने व्यापारिक रिश्तों को उन देशों के साथ बढ़ाना चाहिए, जो समान लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करते हैं. उन्होंने कहा कि भारत इसमें एक अहम साझेदार हो सकता है. उन्होंने कहा, ‘कनाडा-भारत रिश्ता कई स्तरों पर बेहद महत्वपूर्ण है. जैसे व्यक्तिगत, आर्थिक और रणनीतिक.’ कार्नी ने कहा कि व्यापारिक रिश्तों में साझा मूल्यों का होना जरूरी है. वह इन रिश्तों को बेहतर बनाने के अवसर तलाशना चाहते हैं.
खटास दूर करना चाहते हैं- कार्नीकार्नी के दृष्टिकोण पर गौर करें तो वह जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान भारत-कनाडा रिश्तों में आई खटास को दूर करना चाहते हैं. ट्रूडो के समय खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर लगाए गए बेबुनियाद आरोपों ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया था. इस घटना के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया, व्यापारिक वार्ताएं रोक दी गईं थीं और भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं भी अस्थायी रूप से बंद कर दी थीं. भारत ने कनाडा पर खालिस्तानी अलगाववादियों को पनाह देने का आरोप लगाया, जिससे रिश्ते और बिगड़ गए.
भारत संग व्यापार पर जोरकार्नी ने दोनों देशों के बीच पूर्व के मुद्दों पर सीधा टिप्पणी करना उचित नहीं समझा. उनके बयानों से लगता है कि वह अतीत के विवादों को पीछे छोड़कर रिश्तों को नई दिशा देना चाहते हैं. वह भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने, खासकर Comprehensive Economic Partnership Agreement (CEPA) को फिर से शुरू करने की संभावना पर जोर दे रहे हैं. मार्क कार्नी के भारत के प्रति विचार उनकी आर्थिक और कूटनीतिक समझ को दर्शाते हैं. वह एक पूर्व बैंकर और बैंक ऑफ इंग्लैंड व बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर रह चुके हैं.
दोस्ती बनी रहेगी2017 में, वह बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर के रूप में मुंबई में महिंद्रा ग्रुप के मुख्यालय का दौरा कर चुके हैं. वह तत्कालीन चांसलर ऑफ द एक्सचेकर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आए थे. इसके अलावा वह ब्रूकफील्ड एसेट मैनेजमेंट के बोर्ड में भी रहे है. यह भारत में रियल एस्टेट, नवीकरणीय ऊर्जा और इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश करता है. तो जाहिर सी बात है कि उनकी भारत के प्रति नजरिया दोस्ती वाला ही रहेगा.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 30, 2025, 14:34 IST
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रिश्तों में सुधार या… कनाडा के PM कार्नी की इंडिया के बारे में क्या है राय?