In Dausa’s Tiwari crematorium, women worshiped all night, a unique ritual was completed with Bhasma Aarti.

Last Updated:February 27, 2025, 09:10 IST
महाशिवरात्रि पर जहां पूरे देश में शिवालयों में पूजा-अर्चना की गई. वहीं दौसा के तिवाड़ी श्मशान घाट स्थित शिव मंदिर में कुछ अनोखा देखने को मिला. यहां श्रद्धालुओं ने पूरी रात चार पहर की पूजा की और श्मशान से भस्म ल…और पढ़ेंX
दौसा का श्मशान घाट में महादेव जी की पूजा
महाशिवरात्रि पर जहां पूरे देश में शिवालयों में पूजा-अर्चना की गई. वहीं दौसा के तिवाड़ी श्मशान घाट स्थित शिव मंदिर में कुछ अनोखा देखने को मिला. यहां श्रद्धालुओं ने पूरी रात चार पहर की पूजा की और श्मशान से भस्म लाकर भस्म आरती का आयोजन भी किया.
हिंदू धर्म में श्मशान घाट को रहस्यमयी और विशेष स्थान माना जाता है, लेकिन दौसा के इस मंदिर में महिलाओं ने भी पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ पूरी रात शिव अराधना की.
पूजा का आयोजन चार पहरों में हुआप्रथम पहर: शाम 6:30 बजे से 9:30 बजे तकद्वितीय पहर: रात 9:30 बजे से 12:30 बजे तकतृतीय पहर: रात 12:30 बजे से 3:45 बजे तकचतुर्थ पहर: सुबह 3:45 बजे से 7:00 बजे तक
भस्म आरती बनी मुख्य आकर्षणश्रद्धालुओं ने श्मशान की भस्म से महादेव की भस्म आरती की, जो शिव आराधना की अनूठी परंपरा मानी जाती है. इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक विधानों का पालन किया गया.
श्मशान में महिलाओं का प्रवेशसामान्यत: श्मशान घाट में महिलाओं का प्रवेश वर्जित माना जाता है, लेकिन इस मंदिर में शिव की विशेष कृपा मानी जाती है, जिस कारण महिलाएं भी पूजा में शामिल हुईं. उन्होंने भगवान शिव के भजन गाए और पूरी रात भक्ति में लीन रहीं. यहां महिलाओं के द्वारा पुजार चना भी की गई जो चर्चा का विषय बनी रही.
महाशिवरात्रि की खास पूजादौसा के इस विशेष शिव मंदिर में होने वाली यह पूजा हर साल चर्चाओं में रहती है. श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां पूजा करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और शिव कृपा से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
शिव की भक्ति में डूबी रातमहाशिवरात्रि पर तिवाड़ी श्मशान घाट में हुए. इस अद्भुत आयोजन ने श्रद्धालुओं को एक अलौकिक अनुभव दिया. शिवभक्तों की आस्था और भक्ति से यह श्मशान घाट एक रात के लिए शिवलोक जैसा नजर आया.
Location :
Dausa,Rajasthan
First Published :
February 27, 2025, 09:10 IST
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दौसा के तिवाड़ी श्मशान घाट में महिलाओं ने पूरी रात की पूजा, जानें मान्यता