हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री विवाद पर बनी सहमति, मानकों की दोबारा जांच तक निर्माण कार्य बंद, इंटरनेट सेवा ठप

हनुमानगढ़. राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी क्षेत्र के राठीखेड़ा गांव में निर्माणाधीन एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर चले आंदोलन में उस समय राहत की सांस ली गई, जब जिला कलेक्ट्रेट में अधिकारियों, भाजपा नेताओं और किसान प्रतिनिधिमंडल के बीच लंबी वार्ता के बाद सहमति बन गई. किसानों की मुख्य शिकायत फैक्ट्री से होने वाले प्रदूषण की थी, जिस पर प्रशासन ने फैक्ट्री के सभी मानकों की दोबारा समीक्षा (रिव्यू) करने का आश्वासन दिया. रिव्यू पूरा होने तक फैक्ट्री का निर्माण कार्य पूरी तरह बंद रहेगा. हालांकि, टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट सेवा आज चौथे दिन भी बहाल नहीं की गई, जिससे स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
वार्ता जिला कलेक्ट्रेट के सभागार में हुई, जहां मीडिया को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से मीडिया से दूरी बनाए रखी. वार्ता में एडीजीपी वीके सिंह, आईजी बीकानेर रेंज हेमंत शर्मा, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक (एसपी) सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. भाजपा की ओर से सादुलशहर विधायक गुरवीर सिंह बराड़ समेत अन्य नेता शामिल हुए. किसान प्रतिनिधिमंडल ने प्रदूषण फैलने की आशंकाओं को विस्तार से रखा और फैक्ट्री के पर्यावरणीय मानकों पर सवाल उठाए.
विधायक गुरवीर बराड़ का प्रयास लाया रंग
विधायक गुरवीर बराड़ के विशेष प्रयासों से वार्ता सकारात्मक दिशा में बढ़ी और अंततः सहमति बनी. प्रशासन ने किसानों की शंकाओं को दूर करने का वादा किया. अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यदि रिव्यू में कोई अनियमितता पाई गई तो उचित कार्रवाई की जाएगी. किसानों ने आश्वासन मिलने पर रिव्यू पूरा होने तक शांतिपूर्ण आंदोलन करने का फैसला लिया. इससे पहले 10 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद तनाव चरम पर था, जब किसानों ने फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी थी और कई वाहनों में आग लगा दी थी. वार्ता के बाद किसान नेताओं ने बताया कि सहमति से उन्हें राहत मिली है.
अब फैक्ट्री से प्रदूषण नहीं फैलेगा, इसकी गारंटी के लिए मानकों की फिर से जांच होगी. किसानों ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन जारी रखेंगे, लेकिन कोई उग्रता नहीं दिखाएंगे. इस सहमति से 17 दिसंबर को प्रस्तावित महापंचायत के स्थगित होने की संभावना है. किसान नेता अंतिम निर्णय लेंगे, लेकिन फिलहाल माहौल शांतिपूर्ण है.
इंटरनेट सेवा आज भी बंद रहने से लोगों में नाराजगी
दूसरी ओर, टिब्बी में इंटरनेट सेवा आज भी बंद होने से लोगों में नाराजगी है. कल वार्ता में सहमति बनने के बावजूद सेवा बहाल नहीं की गई. इंटरनेट बंद होने से ऑनलाइन बैंकिंग, सरकारी कार्य, शिक्षा और अन्य जरूरी काम प्रभावित हो रहे हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि हिंसा के बाद अब स्थिति सामान्य है, फिर भी इंटरनेट क्यों बंद है? एहतियात के तौर पर फैक्ट्री परिसर में पुलिस का जाब्ता तैनात है. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में इलाका शांत है और बाजार-दुकानें खुली हुई हैं. यह विवाद लंबे समय से चल रहा था.
किसान ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड की फैक्ट्री से भूजल प्रदूषण, हवा की गुणवत्ता खराब होने और कृषि पर बुरा असर पड़ने की आशंका जता रहे थे. 10 दिसंबर की हिंसा में दर्जनों लोग घायल हुए थे, कई वाहन जले थे और पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. उसके बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाई, लेकिन भाजपा विधायक की मध्यस्थता से बातचीत का रास्ता खुला.
किसानों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है
जिला प्रशासन का कहना है कि फैक्ट्री को सभी आवश्यक मंजूरियां मिली हुई हैं, लेकिन किसानों की शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है. रिव्यू के लिए विशेष टीम गठित की जाएगी, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञ शामिल होंगे. किसान नेताओं ने प्रशासन के रवैये की सराहना की और कहा कि यदि वादे पूरे हुए तो आंदोलन समाप्त हो जाएगा. फिलहाल टिब्बी में शांति है और लोग सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं. इंटरनेट सेवा जल्द बहाल होने की उम्मीद है. इस सहमति से इलाके में राहत का माहौल है. किसान अपने खेतों में व्यस्त हो रहे हैं और प्रशासन कानून-व्यवस्था बनाए रखने में जुटा है. आगे रिव्यू रिपोर्ट पर सभी की नजरें टिकी हैं. यदि सब कुछ ठीक रहा तो यह विवाद शांतिपूर्ण तरीके से सुलझ जाएगा.



