भारत-पाकिस्तान में इस समाज के लोग 8 दिन तक अपने घर में नहीं बनाते हैं खाना, चौंकाने वाली है इसके पीछे की वजह

Last Updated:March 08, 2025, 14:31 IST
पहले लोग घरों में रोटी बनाते थे और सब्जी बाहर से लाते थे लेकिन अब बदलते समय में रिश्तेदार, नातेदार और मित्र, संबंधी घर पर खाना पहुंचाते हैं.X
जोशी जाति के घरों में होलाष्टक से धुलंडी तक महिलाएं खाना नहीं बनाती है.
हाइलाइट्स
होली के 8 दिन पहले से जोशी जाति के घरों में खाना नहीं बनता है.बीकानेर, राजस्थान और पाकिस्तान में जोशी जाति इस परंपरा को निभाती है.होलाष्टक से धुलंडी तक घरों में छौंक नहीं लगता है.
बीकानेर. बीकानेर की होली अल्हड़ मस्ती और अलग रीति रिवाज के कारण पूरी दुनिया में फेमस है. यहां एक ऐसी परंपरा है जिसका निर्वहन करीब सैकड़ों साल से चला आ रहा है. बीकानेर में चोवटिया जोशी जाति है जिनके आठ दिनों तक घरों की रसोई में किसी भी तरह का छौंक नहीं लगता है यानी खाना नहीं बनता है. इस जोशी जाति के घरों में होलाष्टक से धुलंडी तक महिलाएं खाना नहीं बनाती है. यह परंपरा राजस्थान सहित पूरे देश के अलावा पाकिस्तान के सिंध प्रांत में रहने वाले जोशी जाति के लोग आज भी निभा रहे है.
जोशी समाज के दिलीप जोशी ने बताया कि होली के 8 दिन पहले यानी कि होलाष्टक लगने के साथ ही बीकानेर में जोशी जाति के लोगों के घरों में छौंक नहीं लगता है. दरअसल, घरों में किसी भी प्रकार से कोई भी सब्जी और दूसरी चीज जिसमें छौंक लगती हो वह नहीं बनाई जाती है. बदलते समय में जोशी जाति के लोग होलाष्टक के बाद घरों में खाना नहीं बनाते हैं. वर्तमान पाकिस्तान में रहने वाले जोशी जाति के लोग विभाजन के बाद भी वहां रहे और आज भी इस परंपरा को निभाते हैं. इसके अलावा बीकानेर जैसलमेर जोधपुर और प्रदेश के अन्य भागों से विश्व के दूसरे देशों में रहने वाले जोशी जाति के लोग भी इस परंपरा को निभाते हैं. वे बताते हैं कि अगर घर में किसी भी चीज की जरूरत हो तो वो पहले ही लाकर रख देते हैं. इस दौरान नए कपड़े और नई चीजें भी नहीं खरीदी जाती है. साथ ही कपड़ों पर इस्त्री भी नहीं की जाती है वो भी पहले ही करवाकर रख लेते है. जिससे इन आठ दिनों में कोई काम ना करना पड़े.
इसके पीछे की है ये वजहवे बताते हैं कि पोकरण के पास स्थित मांडवा में होलिका दहन के समय जोशी जाति के हरखो नाम के व्यक्ति की गोद में उनका बच्चा भालचंद था. जो एकदम से होलिका दहन में गिर गया. उस समय उनकी पत्नी अपने घर में सब्जी बना रही थी. हरखो जी की पत्नी को जब पता चला कि उनका बच्चा होलिका में गिर गया तो वो वहां आकर सती हो गई. इसके बाद इस समाज के लोगों के घरों में नया पकवान और नए कपड़े व नया काम शुरू नहीं होता है. जोशी जाति के लोग होलाष्टक के दिन 12 बजे के बाद धुलंडी के दिन दोपहर तक अपने घरों में छौंक नहीं लगाते हैं. हालांकि, पहले लोग घरों में रोटी बनाते थे और सब्जी बाहर से लाते थे लेकिन अब बदलते समय में रिश्तेदार, नातेदार और मित्र, संबंधी घर पर खाना पहुंचाते हैं.
Location :
Bikaner,Bikaner,Rajasthan
First Published :
March 08, 2025, 14:31 IST
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भारत-पाकिस्तान में इस समाज के लोग 8 दिन तक अपने घर में नहीं बनाते हैं खाना