मेवाड़ में अफीम के पौधों के पत्तों से बनाई जाती है सब्जी, औषधीय गुणों से होती है भरपूर! जानें इसकी रेसिपी

Last Updated:February 28, 2025, 11:17 IST
Poppy Leaf Curry Recipe: क्या आप जानते हैं, मेवाड़ क्षेत्र में सालो से अफीम के छोटे पौधों के पत्तों से एक व्यंजन बनाया जाता है, जिसके काफी औषधीय गुण भी होते हैं. यहां के एक किसान निंबाराम बताते हैं, कि हमारी खे…और पढ़ेंX
अफीम के छोटे पौधों के पत्तों की सब्जी की रेसिपी
हाइलाइट्स
मेवाड़ में अफीम के पत्तों से स्वास्थ्यवर्धक सब्जी बनाई जाती है.अफीम के पत्तों की सब्जी पाचन में सहायक और शरीर को गर्मी देती है.अफीम के पत्तों की सब्जी मेवाड़ की समृद्ध संस्कृति का हिस्सा है.
उदयपुर:- राजस्थान का मेवाड़ क्षेत्र अफीम की खेती के लिए प्रसिद्ध है. कई जिलों में बड़े पैमाने पर यहां अफीम की खेती की जाती है, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि यहां के किसान अफीम के पत्तों से एक विशेष प्रकार की सब्जी भी तैयार करते हैं. यह पारंपरिक व्यंजन सालों से यहां के ग्रामीण इलाकों में बनाया जा रहा है और इसे कई औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है.
भटेवर के किसानों की अनूठी परंपराउदयपुर जिले के भटेवर कस्बे के रहने वाले किसान निंबाराम बताते हैं कि उनके परिवार में पीढ़ियों से अफीम के पत्तों की सब्जी बनाई जा रही है. वे कहते हैं, “हमारी खेती में अफीम सिर्फ दवा के लिए नहीं होती, बल्कि इसके पत्ते भी उपयोगी होते हैं. बचपन से हमने देखा है कि अफीम के छोटे पौधों के पत्तों से स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक सब्जी बनाई जाती है.
कैसे बनती है यह खास सब्जीअफीम के पत्तों की सब्जी बनाने की प्रक्रिया काफी रोचक होती है. सबसे पहले छोटे-छोटे हरे पत्तों को इकट्ठा किया जाता है और अच्छी तरह धोया जाता है. इसके बाद इन्हें उबाल लिया जाता है, ताकि इनमें मौजूद नशीले तत्व नष्ट हो जाएं. उबालने के बाद पत्तों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लिया जाता है. इसके बाद कढ़ाई में तेल गर्म करके राई, जीरा और लहसुन का तड़का लगाया जाता है. फिर प्याज, टमाटर, हल्दी, लाल मिर्च और नमक डालकर मसाला तैयार किया जाता है. और आखिरी में कटे हुए अफीम के पत्ते डाले जाते हैं और धीमी आंच पर पकाया जाता है. इस तरह यह पारंपरिक सब्जी तैयार होती है, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक भी होती है.
औषधीय गुणों से भरपूर व्यंजनस्थानीय किसानों के अनुसार, यह सब्जी कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है. यह पाचन में सहायक होती है और शरीर को गर्मी प्रदान करती है. यही कारण है कि सर्दियों में इसका सेवन अधिक किया जाता है. कुछ किसान इस सब्जी को सुखाकर भी रखते हैं, ताकि इसे सालभर इस्तेमाल किया जा सके.
अफीम की खेती और परंपरामेवाड़ क्षेत्र में चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, मंदसौर (मध्य प्रदेश) और नीमच जैसे जिलों में अफीम की खेती बड़े पैमाने पर होती है. सरकारी लाइसेंस के तहत किसान अफीम उगाते हैं, जिसका उपयोग मुख्य रूप से दवाओं में किया जाता है. हालांकि, इसकी पत्तियों से बनने वाली सब्जी स्थानीय समुदायों के लिए एक पारंपरिक भोजन बन चुकी है, जो कई सालों से बनाई और खाई जा रही है.
संस्कृति और स्वाद का अनूठा संगमअफीम के पत्तों की सब्जी मेवाड़ की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का अनूठा उदाहरण है. जहां एक ओर यह व्यंजन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, वहीं दूसरी ओर यह बताता है कि किस प्रकार स्थानीय समुदाय अपनी खेती को पूर्ण रूप से उपयोग में लाकर पारंपरिक व्यंजनों को जीवंत बनाए रखते हैं.
Location :
Udaipur,Rajasthan
First Published :
February 28, 2025, 11:17 IST
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मेवाड़ में अफीम के पत्तों से बनाई जाती है सब्जी! जानें रेसिपी और इसके लाभ
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.