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प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम में 20% महिलाओं में दिखते हैं गंभीर लक्षण, डेली लाइफ होती है बाधित, 5 पोषक तत्व PMS को करेंगे कम

What is premenstrual syndrome: महिलाओं को हर महीने पीरियड्स आना एक नेचुरल प्रॉसेस है, लेकिन इसके साथ कई तरह की शारीरिक तकलीफें भी झेलनी पड़ती हैं. मासिक धर्म के पहले दो दिन तो अधिकतर महिलाएं पेट, कमर, जांघों, सिर दर्द से गुजरती हैं, लेकिन पीरियड्स आने से कुछ दिनों पहले भी कई तरह की शारीरिक समस्याएं होनी शुरू हो जाती हैं. समझ लीजिए कि ये तकलीफ, दर्द इस बात का इशारा करती हैं कि अब आपको कुछ दिनों में पीरियड्स आ सकते हैं. इसे प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (premenstrual syndrome) कहते हैं. इसमें कई लक्षण तो ऐसे होते हैं जो डेली रूटीन लाइफ को भी बाधित कर देती हैं. यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो इसे आप कुछ खास पोषक तत्वों को अपनी डाइट में शामिल करके प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) के लक्षणों को कम कर सकती हैं.

क्या है प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम?पीएमएस या प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम उन लक्षणों का नाम है जो महिलाएं अपने मासिक धर्म से पहले के हफ्तों में अनुभव कर सकती हैं. अधिकांश महिलाओं को कभी न कभी पीएमएस होता है. न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के बारे में एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें वे लिखती हैं कि प्रजनन आयु (reproductive age) की लगभग 48% महिलाओं को पीएमएस का अनुभव होता है. साथ ही इनमें से लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं के लिए प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के लक्षण इतने गंभीर होते हैं कि उनकी दिनचर्या तक बाधित हो जाती है.

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