Rajasthan

In Rajasthan, the crop will be swaying with solar | राजस्थान में सूरज की रोशनी से लहलहाएगी फसल…देखिए VIDEO

AgriCom

जयपुर

Published: February 11, 2022 07:59:32 pm

भवनेश गुप्ता
जयपुर। प्रदेश में बनने वाली कृषि विद्युत वितरण कंपनी का नाम ‘एग्रीकॉम’ (उपनाम) सुझाया गया है। इस कंपनी के जरिए सरकार का फोकस 15 लाख किसानों को सौर उर्जा (सूरज की रोशनी से बनने वाली बिजली) के जरिए दिन में ही बिजली उपलब्ध कराना और सालाना 16500 करोड़ रुपए के सब्सिडी बोझ 50 से 70 फीसदी तक कम करना है। सौर उर्जा के जरिए मौके पर बिजली उत्पादन होगा और उसी बिजली से मोटर चलाकर फसल की सिंचाई की जाएगी।
इसके लिए केन्द्र सरकार की कुसुम योजना (कंपोनेंट ए व सी) को पूरी तरह लागू कराने पर रहेगा। इसकी जिम्मेदारी भी इसी कंपनी को देना प्रस्तावित किया गया है। सरकार की ओर से कंपनी गठन को लेकर तैयार किए गए कंसेप्ट नोट में यह सामने आया है। सरकार आगामी बजट से पहले कंपनी गठन की तैयारी में है।

सब्सिडी का बोझ कम करने की भी कवायद है नई कंपनी
-दस साल में 31 प्रतिशत बढ़ गई सब्सिडी : कंसेप्ट नोट में बताया गया है कि किसानों को बिजली बिल में दी जा रही सब्सिडी राशि पिछले दस साल में 31 प्रतिशत तक बढ़ गई है। वर्ष 2010-11 में सब्सिडी राशि 548 करोड़ रुपए थी, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 16545 करोड़ रुपए तक पहुंच गई।

solar_farming.jpg

-अब 70 फीसदी तक कम करने पर फोकस : ज्यादातर कृषि कनेक्शनधारियों को अभी ग्रिड के जरिए ही बिजली सप्लाई की जा रही है। कुसुम ए में किसानों की बंजर भूमि प सोलर प्लांट लगाना और कुसुम सी योजना में उनके 7.5 हॉर्सपावर के पंप सेट को संचालन सौर उर्जा से करना है। सरकार की सभी कृषि कनेक्शनधारियों को अब रात की बजाय दिन में ही बिजली सप्लाई देने की घोषणा है और 15 जिलों में यह काम शुरू हो चुका है। जब दिन में ही सौर उर्जा से बिजली मिलेगी तो सरकार स्तर पर दी जा रही सब्सिडी की जरूरत कम होती जाएगी।

यह कर रहे दावा, आशंका-केवल कागजों में नहीं रह जाए
-किसान के खेत में सोलर प्लांट और सोलर युक्त पंप सेट लगेंगे तो उनसे किसान की भी कमाई होगी। कुसुम ए योजना में किसान सोलर के जरिए बिजली बनाकर ग्रिड में सप्लाई करता है तो उसे 3.14 रुपए प्रति यूनिट की दर से भुगतान मिलता है।
-ग्रिड से बिजली सप्लाई कम होगी तो डिस्ट्रीब्यूशन लॉस भी घटेगा। इससे बिजली चोरी और छीजत दोनों में कमी आएगी।
-सौर उर्जा मिलेगी तो डिस्कॉम्स को इनके लिए ज्यादा बिजली खरीदने की जरूरत नहीं होगी। इससे बिजली खरीद दर कम देनी होगी।
(सरकार की पिछली बजट घोषणा थी, लेकिन अब तक गठन प्रक्रिया शुरू नहीं होने पर मुख्यमंत्री नाराजगी जता चुके हैं। ऐसे में तत्काल कागजी प्लानिंग की गई। ऐसे में इसके पूरी तरह धरातल पर उतरने पर आशंका है)

फैक्ट फाइल
-41 प्रतिशत बिजली खपत कृषि में है
-19 हजार करोड़ रुपए सालाना बिजली बिलिंग है कृषि श्रेणी में-
-3 हजार करोड़ रुपए ही ले रहे कृषि उपभोक्ता से
-5.55 रुपए प्रति यूनिट है कृषि बिजली दर
-90 पैसे प्रति यूनिट दर से ही की जारी बिलिंग
-4.65 रुपए प्रति यूनिट सरकार दे रही सब्सिडी
-16500 करोड़ रुपए सरकार बतौर सब्सिडी दे रही

newsletter

अगली खबर

right-arrow

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj