गर्मियों में इस तरह मुर्गियों की करें देखभाल, अंडा देने की क्षमता में हो जाएगी वृद्धि, मृत्यु दर में भी आएगी कमी

Last Updated:April 03, 2025, 18:25 IST
Summer Poultry Farming Tips: गर्मियों में अधिकतर मुर्गियां परेशान हो जाती है. इस दौरान अंडा देने की क्षमता घट जाती है बल्कि मृत्यु दर भी बढ़ जाती है. वहीं खाने की मात्रा को बरकरार रखने के लिए आहार में प्रोटीन, व…और पढ़ें
गर्मी में मुर्गियों की देखभाल करें.
हाइलाइट्स
गर्मियों में मुर्गियों को ठंडा पानी दें और पोल्ट्री फॉर्म ठंडा रखें.आहार में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल की मात्रा बढ़ाएं.मुर्गियों को सुबह-शाम ठंडे मौसम में टहलने दें.
श्रीगंगानगर. स्वस्थ एवं निरोग पक्षी ही सफल मुर्गीपालन का आधार है. गर्मियों में अधिकतर मुर्गियां परेशान हो जाती है, क्योंकि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाती है, मुर्गियों में ना सिर्फ अंडा देने की क्षमता घट जाती है बल्कि मृत्यु दर भी बढ़ जाती है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह मुर्गियों का खाना कम कर देना है. आहार कम खाने से अंडा उत्पादन कम होने के साथ-साथ अंडों का आकार भी छोटा हो जाता है एवं अंडों के ऊपर का कवच कमजोर व पतला हो जाता है. जिससे मुर्गी पालक को काफी हानि होती है.
जब मुर्गीशाला का बाहरी तापमान 39 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक होने लगता है, तब मुर्गियां बहुत परेशान हो जाती हैं. इसमें मुर्गियां चोंच खोलकर हांफती हैं और कमजोर हो जाती हैं तथा लड़खड़ाने लगती है. जिसके बाद लकवा होने से मर जाती है. इसलिए, मुर्गियों को तेज गर्मी से बचाने के लिए यह उपाय किए जाने चाहिए.
प्रोटीन, विटामिन और मिनरल की मात्रा अधिक दें
गर्मी के मौसम में आहार खपत में कमी आ जाती है. आहार में प्रोटीन, विटामिन व मिनरल की मात्रा ज्यादा होनी चाहिए ताकि कम खाने पर भी आवश्यक पोषक तत्व मुर्गी को प्राप्त हो सके. गर्मी में अंडों का छिलका पतला होने से बचाने के लिए आहार में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा दें. इसके लिए दाने में ऑस्टो कैल्शियम लिक्विड पानी में दिया जा सकता है. गर्मी में मुर्गियों में पानी की खपत दोगुनी हो जाती है. इसके लिए मुर्गी घर में हर समय स्वच्छ एवं ठंडा जल उपलब्ध रहना आवश्यक है. पानी के बर्तन मिट्टी के होने चाहिए, क्योंकि इसमें पानी ठंडा रहता है. गर्मी में मुर्गी के बिछावन (लीटर) की मोटाई 2 इंच से अधिक नहीं हो. यदि लीटर पुराना हो गया हो, तो उसे हटाकर नया लीटर काम में लें.
सुबह-शाम खुले स्थान में टहलने दें
मुर्गियां ठंडे समय में दाना खाना पसंद करती है. दिन की रोशनी के अलावा बिजली की रोशनी सुबह के ठंडे मौसम में ज्यादा दें. मुर्गियों को सुबह-शाम ठंडे मौसम में टहलने दें. कुक्कुट शाला की छत की बाहरी परत पर सफेद पेंट कर दें, जिससे सूर्य की किरणें छत से टकराकर वापस लौट जाएं. छत पर एस्बेस्टास की शीट भी लगाई जा सकती है ताकि छत गरम होने से बच सके. पोल्ट्रीफार्म की खिड़कियों से उसे 3-5 फीट की दूरी पर टाट के पर्दे लगाकर एवं उनमे पानी का छिड़काव करके मुर्गीघर को ठंडा किया जा सकता है. यदि फोगर्स की सुविधा उपलब्ध हो तो इसके द्वारा भी कुक्कुट शाला का तापमान कम किया जा सकता है. आवश्यकता पड़ने पर पंखे एवं कूलर का भी उपयोग किया जा सकता है.
मूर्गियों को हीट-स्ट्रोक से ऐसे बचाएं
हीट-स्ट्रोक लक्षण वाली मुर्गियों के बचाव के लिए मुर्गियों को चिल्ड वाटर मुंह में डालें. मुर्गियों में ठंडा पानी का छिड़काव करें एवं इलेक्ट्राल पाउडर का उपयोग पानी के साथ किया जा सकता है. इण्डियन हर्ब्स का जीट्रेस प्रयुक्त किया जाए तो यह सभी प्रकार के तनावों व हीट-स्ट्रोक का समाधान कर देता है.
Location :
Ganganagar,Rajasthan
First Published :
April 03, 2025, 18:25 IST
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गर्मियों में इस तरह मुर्गियों की करें देखभाल, बढ़ जाएगी अंडा उत्पादन क्षमता