इंतहा हो गई इंतजार की! सुविधाओं के अभाव में किसान और व्यापारी बेहाल, न जानें कब मिलेगी बुनियादी चीज

पुष्पेंद्र मीना/ दौसा- गीजगढ़ कस्बे की गौण मंडी को कृषि उपज मंडी समिति में क्रमोन्नत किए हुए तीन वर्ष हो गए हैं, लेकिन अब तक यार्ड और सड़कों का निर्माण शुरू नहीं हुआ है. इसकी वजह से मंडी में गंदगी, झाड़ियां और अव्यवस्था का आलम है. इन हालातों में 40 से अधिक लाइसेंसधारी व्यापारियों ने दुकानें खोलने में रुचि नहीं दिखाई, जिससे किसान केवल 7-8 दुकानों पर ही अपना अनाज बेच पा रहे हैं.
व्यापारियों ने खुद के खर्चे पर करवाई बिजली-पानी की व्यवस्थामंडी में कोई सरकारी व्यवस्था न होने के कारण व्यापारियों ने अपने स्तर पर बिजली, पानी और सफाई का इंतजाम किया है. गौण मंडी के अध्यक्ष राजूराम रामगढ़िया ने बताया कि साल 2012 से मंडी संचालन शुरू हुआ था और तब से अब तक कई बार अधिकारियों को पत्र लिखे गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
बजट में घोषणा के बावजूद काम अधूरातत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2023 के बजट में गीजगढ़ गौण मंडी को कृषि उपज मंडी समिति में क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी. इसके बावजूद, न तो साफ-सफाई की व्यवस्था हुई और न ही बुनियादी ढांचे का विकास हुआ.
झाड़ियां, पेड़ और टूटी चारदीवारी बनीं मुसीबतमंडी में बनी दुकानों के आगे बड़ी-बड़ी कंटीली झाड़ियां और पेड़ उग आए हैं. चारदीवारी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है, जिससे चोरी का डर बना रहता है. व्यापारी मानते हैं कि अगर बुनियादी सुविधाएं मिले, तो अन्य व्यापारी भी यहां व्यापार करने आ सकते हैं.
गंदगी का अंबार, आसपास के लोग भी फैला रहे गंदगीमंडी के आस-पास के लोग और पास में स्थित खटीक समाज के लोग मंडी में कचरा और मीट के अवशेष डालते हैं, जिससे बदबू और गंदगी का माहौल बना रहता है. व्यापारियों की मांग है कि साफ-सफाई की नियमित व्यवस्था की जाए.
सड़क, बिजली और पानी की व्यवस्था भी नहींमंडी में ना तो सड़क बनी है, ना बिजली की व्यवस्था है और ना ही पीने के पानी का प्रबंध. व्यापारी टैंकर मंगवाकर पानी की व्यवस्था करते हैं. अनाज की तुलाई के समय अंधेरा हो जाता है और रोशनी की कमी से परेशानी होती है.
सैकड़ों किसान आते हैं, लेकिन बैठने तक की व्यवस्था नहींप्रत्येक दिन सैकड़ों किसान अपनी फसल लेकर मंडी आते हैं, लेकिन उनके बैठने या ठहरने की कोई सुविधा नहीं है. पलदारों को भी ठहरने की जगह नहीं मिलती. यदि सरकार बुनियादी व्यवस्थाओं पर ध्यान दे, तो मंडी को एक बड़ी और सफल व्यापारिक जगह में बदला जा सकता है.