Rajasthan

एमडी ड्रग्स की जद में राजस्थान! ताबड़तोड़ कार्रवाई में एक के बाद एक फैक्टरियां पकड़ी जा रही

जयपुर. राजस्थान तेजी से सिंथेटिक ड्रग्स मेफेड्रोन (एमडी) के निर्माण का हब बनता जा रहा है. पुलिस और एनसीबी की संयुक्त कार्रवाइयों में पिछले कुछ महीनों में कई अवैध फैक्टरियां ध्वस्त की गई हैं. दूरदराज के गांवों, पोल्ट्री फार्म और फार्महाउस की आड़ में चल रही इन लैब्स से करोड़ों रुपये की ड्रग्स बनाई जा रही थी. गुजरात से केमिकल सप्लाई और अंतरराज्यीय नेटवर्क के जरिए यह जाल फैला हुआ है. हालिया कार्रवाइयों ने ड्रग माफिया को बड़ा झटका दिया है.

सबसे ताजा मामला झुंझुनूं जिले का है. महाराष्ट्र की मीरा-भायंदर-वसई-विरार (एमबीवीवी) पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल ने 14 दिसंबर को नांद का बास गांव में पोल्ट्री फार्म की आड़ में चल रही एमडी फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया. यहां से करीब 10 किलो तैयार एमडी, पूर्ववर्ती केमिकल और विदेशी मशीनरी जब्त की गई, जिसकी कीमत करीब 100 करोड़ रुपये आंकी गई है. मुख्य आरोपी अनिल विजयपाल सिहाग को गिरफ्तार किया गया. वहीं 17 दिसंबर को राजस्थान पुलिस ने फैक्ट्री को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. झुंझुनूं एसपी ब्रिजेश ज्योति उपाध्याय ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट के तहत ऐसी जगह उपलब्ध कराना भी अपराध है, इसलिए अवैध निर्माण को जमींदोज किया गया.

जोधुपर में पकड़ी गई थी हाइटेक लैब

इससे पहले 7 दिसंबर को जोधपुर जिले के शेरगढ़ क्षेत्र में सोइंतारा गांव के पास गुजरात एटीएस और राजस्थान पुलिस ने एक हाईटेक एमडी लैब पकड़ी. यहां से 40 लीटर लिक्विड एमडी और 17 किलो पाउडर जब्त हुआ. इसके अलावा छह आरोपी गिरफ्तार किए गए, जिनमें मास्टरमाइंड मोनू परमानंद ओजा शामिल है. केमिकल की सप्लाई गुजरात से हो रही थी. नवंबर में सिरोही जिले के रेवदर क्षेत्र में दांतराई गांव के फार्महाउस पर एनसीबी और पुलिस ने छापा मारा. यहां से सैकड़ों किलो केमिकल बरामद हुए, जिनसे 100 किलो एमडी बनाई जा सकती थी.जिसकी अनुमानित कीमत 40 करोड़ आंकी गई. यहां भी कार्रवाई में मास्टरमाइंड राम समेत पांच आरोपी गिरफ्तार हुए.

बाड़मेर में भी फैला हुआ है एमडी का जाल

बाड़मेर में भी एमडी का जाल फैला हुआ है. जुलाई 2025 में सेडवा थाना क्षेत्र के धोलकिया गांव में एनसीबी जोधपुर और बाड़मेर पुलिस ने अवैध फैक्ट्री पकड़ी गई थी. यहां से 39 किलो एमडी मिक्स्ड लिक्विड और विभिन्न केमिकल जब्त हुए, जिनसे 100 करोड़ की ड्रग्स बन सकती थी. पहले भी बाड़मेर के रामसर क्षेत्र में ऐसी फैक्ट्री पकड़ी जा चुकी है. बॉर्डर से सटे इलाकों का फायदा उठाकर माफिया यहां लैब सेटअप कर रहे हैं. पुलिस की तमाम कार्रवाई में एक चीज जो निकलकर आई कि गुजरात से फेक कंपनियों के जरिए केमिकल सप्लाई हो रही है.

राजस्थान से बड़े शहरों में हो रही थी ड्रग्स की सप्लाई

राजस्थान के दूरदराज इलाकों सिरोही, जालोर, जोधपुर, बाड़मेर और झुंझुनूं में हाईटेक लैब्स बनाई जा रही हैं. ड्रग्स मुंबई, दिल्ली और अन्य मेट्रो शहरों में सप्लाई की जा रही थी. कुछ मामलों में दाऊद गैंग से लिंक भी सामने आए हैं. राजस्थान पुलिस और एनसीबी की टीमें अलर्ट पर हैं. डीजीपी के मुताबिक नशा मुक्त राजस्थान के लिए लगातार ऑपरेशन चल रहे हैं. अंतरराज्यीय नेटवर्क को तोड़ने के लिए अन्य राज्यों के साथ कोऑर्डिनेशन बढ़ाया गया है. ताबड़तोड़ कार्रवाइयां ड्रग माफिया पर लगाम कस रही हैं, लेकिन जाल की गहराई बताती है कि चुनौती अभी बाकी है. युवाओं में एमडी का बढ़ता इस्तेमाल चिंता का विषय है.

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