प्रदेश की स्कूलों में अब पानी के लिए बजेगी घंटी, शिक्षक दिलाएंगे याद, विद्यालयों को दिए गए ये आदेश

Last Updated:April 17, 2025, 15:37 IST
प्रदेश के स्कूलों में गर्मी से बचाव के लिए वाटर बेल व्यवस्था शुरू की गई है. हर घंटे बच्चों को पानी पीने की याद दिलाई जाएगी. कक्षाओं में पंखों की व्यवस्था और स्वच्छ पेयजल सुनिश्चित किया जाएगा.
हीटवेव से बचाव के लिए शिक्षा विभाग ने वाटर बेल जैसी व्यवस्थाएं शुरू करने के निर्
हाइलाइट्स
स्कूलों में पानी के लिए घंटी बजेगी.शिक्षक बच्चों को पानी पीने की याद दिलाएंगे.गर्मी से बचाव के लिए वाटर बेल व्यवस्था.
बीकानेर. गर्मी के बचाव के लिए प्रदेश की स्कूलों में अब बच्चों के लिए पानी के लिए घंटी भी बजेगी. प्रदेश के स्कूलों में बच्चों का गर्मी और हीट वेव से बचाव के लिए शिक्षा विभाग ने वाटर बेल जैसी व्यवस्था शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इसके तहत एक-एक घंटे के अंतराल पर विद्यार्थी पानी का सेवन आवश्यक रूप से करें, इसके लिए शिक्षक बच्चों को याद दिलाएंगे. इसके पीछे उद्देश्य है कि बच्चे ज्यादा से ज्यादा पानी पीते रहे. उनके शरीर में पानी की कमी नहीं हो.
शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने बताया कि गर्मी में बच्चों के हीट वेव और गर्मी की चपेट में आने की आशंका रहती है. ऐसे में शिक्षकों को दायित्व सौंपा गया है कि बच्चे पानी का सेवन करते रहे, इसकी निगरानी करें. इसके लिए वाटर बेल बजाने जैसी व्यवस्था भी कर सकते हैं. शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र भेजकर गर्मी में स्कूली बच्चों के बचाव के पुख्ता प्रबंध रखने के लिए कहा है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में कक्षाओं में पर्याप्त हवा के लिए पंखों की व्यवस्था की जाए.
ये दिए गए निर्देशविद्यालयों में कक्षा संचालन कक्षों में ही किया जाए. खुले परिसर/बरामदे में कक्षा संचालन/शिक्षण कार्य नहीं किया जाए, जहां सीधे ही धूप और लू बच्चों को प्रभावित करती हो. साथ ही विद्यालय स्तर पर आयोजित समस्त गतिविधियों यथा प्रार्थना सभा, मिड-डे-मील, खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों इत्यादि का संचालन कक्षा-कक्ष और छायादार स्थान पर ही किया जाए. विद्यालयों में विद्यार्थियों और कर्मियों के लिए स्वच्छ एवं पर्याप्त पेयजल की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. किसी भी आपात स्थिति और निर्जलीकरण (डी-हाईड्रेशन) की स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार पेटी का संधारण किया जाना है, जिसमें ORS की उपलब्धता भी आवश्यक है. आवश्यकतानुसार इसका उपयोग किया जाएगा. आवागमन में प्रयुक्त साधनों/वाहनों और बाल-वाहिनियां खुली नहीं होनी चाहिए ताकि विद्यार्थी तेज धूप के सम्पर्क में नहीं आए. आने जाने की यात्रा के अतिरिक्त समय में बाल वाहिनियों को छायादार स्थान पर खड़ा रखें, जिससे वे अनावश्यक गर्म न हो. बाल वाहिनियों में स्वच्छ पेयजल की भी पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
Location :
Bikaner,Bikaner,Rajasthan
First Published :
April 17, 2025, 15:37 IST
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प्रदेश की स्कूलों में अब पानी के लिए बजेगी घंटी, शिक्षक दिलाएंगे याद