करौली के इस शक्तिपीठ में 9 दिन नहीं बदले जाते मां के वस्त्र, स्नान ना कराने और पोछा ना लगाने की ये है कहानी
रिपोर्ट- मोहित शर्मा
करौली: शक्ति और भक्ति के 9 दिनों के महापर्व शारदीय नवरात्रि का समापन हो गया. हम आपको उत्तर भारत के ऐसे प्रसिद्ध शक्तिपीठ की एक अनोखी मान्यता के बारे में बताने जा रहे हैं जो राजस्थान के सभी शक्तिपीठों से बिल्कुल अलग है. राजस्थान के करौली में स्थित इस शक्तिपीठ का नाम कैलादेवी आस्थाधाम है. यह एक ऐसा शक्तिशाली चमत्कारी आस्थाधाम है जहां की मान्यता है कि कैलादेवी त्रिकूट पर्वत पर साक्षात विराजमान हैं. मान्यता है कि शारदीय नवरात्रियों के 9 दिन इस शक्तिपीठ में न तो मां स्नान करती हैं और ना ही उनकी पोशाक बदली जाती है. मान्यता इतनी अद्भुत है कि इस मंदिर में 9 दिन तक पोछा तक भी नहीं लगता है.
बताया जाता है कि जब से कैला मां यहां विराजी हैं तभी से निरंतर इस परंपरा को शारदीय नवरात्रि में निभाया जा रहा है. जानकारों का कहना है कि नवरात्रि के शुभारंभ वाले दिन ही जो खास पोशाक-गहने मां को पहनाए जाते हैं उन्हीं में मां 9 दिन तक अपने भक्तों को दर्शन देती है. इसके बाद नवरात्रि के समापन वाले दिन नवमी तिथि के दिन ही कैला माता को स्नान कराकर उन्हें नई पोशाक धारण कराई जाती है.
9 दिन लड़ी थी मां ने लड़ी थी राक्षसों से लड़ाईइस मान्यता के बारे में राज्याचार्य पंडित प्रकाश जती बताते हैं कि नवरात्रि के पर्व पर ऐसी मान्यता है और इसके बारे में दुर्गासप्तती में भी आया है. मान्यता है कि इस दौरान देवताओं के बाद राक्षसों ने मां पर भी प्रहार किया था. जिसके बाद मां ने राक्षसों को युद्ध में पराजित किया था. जती बताते हैं कि युद्ध के कारण इस समय संक्रमण काल मानते हुए यह मान्यता निभाई जाती है.
राज्याचार्य पंडित जती के अनुसार इसी वजह से कैला देवी में मां के मठ में शारदीय नवरात्रि में ना पोछा लगता है और ना ही मां को स्नान कराकर उनकी पोशाक बदली जाती है. कैलादेवी देवी आस्थाधाम में इस दौरान सिर्फ मां को प्रसन्न करने के लिए विद्वान पंडितो द्वारा 9 दिन तक पाठ किए जाते हैं.
संग्राम चलने के कारण नवमी को होते हैं मां के स्नानराज्याचार्य पंडित प्रकाश चंद जती के अनुसार कैलादेवी आस्था धाम में शारदीय नवरात्रों की शुभारंभ के दिन के बाद मां का स्नान, मान्यता अनुसार नवमी तिथि को कराया है. जती का कहना है कि इस समय संग्राम चलने के कारण भक्त भी यहां मां की विशेष आराधना करते हैं और अपने इच्छित फल की प्राप्ति के लिए मां की चौखट पर लाखों की संख्या में धोक भी लगाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 13, 2024, 21:16 IST