Rajasthan

इस गांव में होता है बेशुमार दूध, बेचकर लखपति बन सकते हैं लोग, फिर भी नहीं बेचते एक भी बूंद, आखिर क्यों?

आज के समय में लोगों को जहां मुनाफा दिखता है, वो वहीं व्यापार शुरू कर देते हैं. चंद पैसों के लिए धोखा करने में भी बाज नहीं आते. सिर्फ पैसा ही कई लोगों के लिए सर्वोपरि हो गया है. लेकिन इस जमाने में आज भी एक ऐसा गांव है, जहां के लोगों के लिए उनकी परंपरा और रिवाज पैसों से बढ़कर है. इस गांव में इतना दूध होता है कि उसे बेचकर इस गांव के कई लोग मालामाल हो सकते हैं. लेकिन परंपरा की वजह से ये लोग दूध को मुफ्त में बांट देते हैं.

हम बात कर रहे हैं राजस्थान के कुसमा मालीपुरा गांव की. इस गांव में सांखला माली जाति के लोग रहते हैं. गांव में हर दिन करीब तीन सौ लीटर दूध होता है. लेकिन उसे ये लोग बेचते नहीं हैं. गांव वालों का मानना है कि दूध बेचना बेटे को बेचने जैसा है. ऐसे में ये पाप वो नहीं कर सकते. ग्रामीण इतने दूध का दही बनाकर उसका छाछ बना लेते हैं. इसके बाद छाछ को मुफ्त में बांट देते हैं लेकिन बेचते नहीं हैं.

भगवान राम से जुड़ा है रिश्ताकुसमा मालीपुरा गांव भगवान राम के मंदिर की वजह से विख्यात है. कहा जाता है कि इस गांव का निर्माण भगवान राम के पुत्र कुश के वंशजों ने करवाया था. इस कारण ही गांव का नाम कुसमा पड़ा है. इस गांव में सांखला जाति के लोग रहते हैं. ये लोग आज भी अपने पूर्वजों के बताए नियमों को मानते हैं और उसी के अनुरूप चलते हैं. उनके पुरखों के मुताबिक, दूध बेचना बेटे को बेचने जैसा है. ऐसे में वो ये पाप नहीं कर सकते.

मुफ्त में बांट देते हैं दूध-छाछगांव में सांखला माली जाति के करीब पच्चीस परिवार रहते हैं. इनके पास तीन सौ लीटर तक दूध एक दिन में जमा हो जाता है. ऐसे में बेचने की जगह वो इसका दही बनाकर सबको मुफ्त में छाछ पिला देते हैं. इसके अलावा दूध से निकले घी को भी भगवान के दीपक में या स्वयं इस्तेमाल के लिए यूज करते हैं. इनका मानना है कि अगर दूध बेचा गया तो इससे घर में गरीबी बढ़ती है. इस गांव में गर्मियों में छाछ के लिए लोगों की भीड़ लगती है. गांव में आने वाले किसी भी शख्स को खाली हाथ नहीं भेजा जाता. सबको जी भरकर छाछ पिलाया जाता है.

Tags: Ajab Gajab, Indian Village Stories, Khabre jara hatke, Shocking news, Sirohi news, Weird news

FIRST PUBLISHED : September 28, 2024, 13:47 IST

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