मुसीबत की घडी में ये महिला बनी देवदूत, खुद सही तकलीफ, मधुमक्खियों के हमले से 10 लोगों को बचाया
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पाली:- अगर आप भी कहीं मंदिर के आस-पास पेड़ के नीचे पूजा, हवन या फिर धुआं इत्यादि करते हैं, तो सबसे पहले यह जरूर जान लीजिएगा कि कहीं उस पेड पर मधुमक्खियों का छत्ता तो नहीं बना हुआ है, क्योंकि पाली में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां एक पेड़ के नीचे धूप बत्ती करने के दौरान धुआं पेड़ के ऊपर लगे मधुमक्खियां के छत्ते तक पहुंच गया. मधुमक्खियों के काटने से 10 लोग घायल हो गए. अचानक हुए इस घटनाक्रम से सभी घबरा गए. मगर इस मुश्किल घड़ी में भी खुद की परवाह किए बगैर एक 47 साल की महिला गिरिजा ने हिम्मत दिखाई और वापस दौड़कर न केवल पेड़ के नीचे गई, बल्कि कार की चाभी को उठाया और खुद घायल होते हुए भी 20 किलोमीटर का सफर तय करते हुए खुद से ड्राइव करके सभी घायलों को अस्पताल लेकर पहुंच गईं. पाली के बांगड़ अस्पताल पहुंचकर गिरिजा ने खुद के साथ-साथ सभी का उपचार शुरू कराया.
ऐसे मधुमक्खियों ने किया हमला इस घटना के शिकार हुए ऋषिपाल ने जानकारी देते हुए कहा कि सोडावास गांव के निकट जूना रावला सोडावास सरगोडा करणी माता मंदिर परिसर में प्रसादी करने गए हुए थे. इस दौरान पेड़ के नीचे धूप कर नारियल चढ़ा रहे थे. धूप का धुआं इस दौरान पेड़ पर बैठे मधुमक्खियों के छज्जे तक पहुंच गया, जिससे मधुमक्खियां बिखर गईं और उनपर हमला कर दिया. मधुमक्खियों के हमले से बचने के लिए सब इधर-उधर चिल्लाते हुए भागने लगे.
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जान की परवाह किए बगैर बचाई दूसरों की जान इस हादसे के दौरान लोग जब इधर-उधर भागने लगे, तो इस दौरान कार की चाभी भी पेड़ के नीचे गिर गई. लेकिन बहन गिरिजा ने इस मुश्किल घड़ी में भी हिम्मत दिखाई और कार की चाभी लेने के लिए वापस उस पेड़ के नीचे गईं, जहां मधुमक्खियां का छत्ता लगा हुआ था और फिर कार खुद ड्राइव कर सभी को इलाज के लिए पाली के बांगड़ हॉस्पिटल लेकर पहुंची.
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FIRST PUBLISHED : October 10, 2024, 16:54 IST