बहरावंडा के कच्चे पपीता की डिमांड है बहुत, कमाई होती है लाखों में, जानिए इसकी खेती का तरीका और खर्च

Last Updated:March 06, 2025, 08:32 IST
Papaya cultivation: अगर आप किसान हैं, तो पपीता की खेती आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. बहरावंडा के पपीते की काफी जगह डिमांड है. इसकी मात्र से 1 से दो बीघा की खेती में आप एक से दो लाख रुपये आसानी से बचा सकते…और पढ़ेंX
पपीता के पेड़
हाइलाइट्स
पपीता की खेती से 1 बीघा में 1-2 लाख की कमाई होती हैबहरावंडा के पपीते की दिल्ली और अन्य शहरों में डिमांड हैपपीता की खेती 8-10 महीने में पूरी होती है
दौसा:- यदि आप किसान हैं, और पैसा कमाना चाहते हैं, तो पपीता की खेती भी फायदेमंद है. इसके जरिए किसान आसानी से 1 बीघा में ही एक से दो लाख तक की कमाई कर सकते हैं. दरअसल जिले के बहरावंडा में सबसे अधिक पपीता की खेती की जाती है. यहां के किसान जमीन किराए पर भी लेकर या जमीन मालिक और अन्य मजदूर के साथ मिलकर पपीता की खेती करते हैं और लाखों रुपए साल भर में कमा लेते हैं. पपीता की बिक्री वह अन्य शहरों में भी करते हैं. ऐसे में आप यदि पपीता की खेती करना चाहते हैं, तो किसान से ही जानते हैं, कि पपीता की खेती के लिए कितना पैसा चाहिए होता है और क्या- क्या इंतजाम करने पड़ते हैं.
हजारों रुपए होते हैं खर्च पपीता की खेती मेंबहरावंडा की किसान बनवारी ने बताया, कि जब पपीता की खेती की शुरुआत होती है, तो पपीता का बीज अन्य बाजारों से लेकर आते हैं और बीज की कीमत भी काफी होती है. वे बताते हैं, कि पपीता का बीज 4 हजार का मात्र 10 ग्राम ही आ पाता है. पेड़ों को लगाने के लिए भी मजदूर करने पड़ते हैं. आगे किसान बनवारी बताते हैं, कि जब पपीता का पेड़ लगाया जाता है तो एक दूसरे पेड़ से काफी दूर होते हैं क्योंकि यह जब बड़े होते हैं तो उनके पत्ते बड़े इतने हो जाते हैं कि लोगों को निकालने में भी परेशानी होती है. इसके चलते पेड़ों की दूरी रखी जाती है और फल भी पपीता के पेड़ में खूब आता है.
एक पेड़ में 50 से 60 किलो आता है पपीताकिसान बनवारी लाल बताते हैं कि पपीता के एक पेड़ पर 50 से 60 किलो फल आता है, और जब यह फल आता है तो पेड़ों का बड़ा ध्यान रखना पड़ता हैं. 50 से 60 किलो वजन होने के कारण पेड़ कई बार टूट कर नीचे गिरने का खतरा बना रहता है. जब पेड़ टूट कर नीचे गिर जाता है तो किसान को नुकसान होता है, इसके लिए लगातार बगीचे की निगरानी की जाती है. और समय-समय पर पेड़ में पानी देने का काम भी किया जाता है, जिससे फल अच्छे आएं और अच्छे से पक सकें.
दिल्ली व कई शहरों में बिकता है पपीताबहरावंडा के किसान रामजीलाल रामकिशोर बनवारी लाल बताते हैं, कि बहरावंडा से दिल्ली, हाथरस सहित अन्य शहरों में भी यहां के कच्चे पपीता को ले जाया जाता है. कच्चे पपीता की आसानी से बिक्री हो जाती है. किसान ने बताया कि कच्चा पपीता को चेरी बनाने के लिए काम में लिया जाता है.
8 से 10 महीने खेती करते हैं किसानबहरावंडा में पपीता तैयार होने के बाद अन्य शहरों में बिक्री के लिए जाता है, लेकिन यहां किसान पपीता की खेती मात्र 8 से 10 महीने ही करते हैं. एक बीघा भूमि में एक किसान की लगभग एक से 2 लाख रुपए तक की कमाई हो जाती है.
Location :
Dausa,Rajasthan
First Published :
March 06, 2025, 08:32 IST
homeagriculture
बहरावंडा के पपीता की डिमांड है बहुत, कमाई होती है लाखों में, जानें इसकी खेती