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हीट स्ट्रोक का बढ़ा खतरा, राजस्थान सरकार ने तैयार की खास एंबुलेंस, TACO तकनीक से होगी लैस

जयपुर: राजस्थान में बढ़ती गर्मी और पिछले महीने 150 से ज्यादा हीटस्ट्रोक के मामले सामने आने के बाद सरकार और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. विभाग ने हीटस्ट्रोक के इलाज के लिए TACO तकनीक पर एजुकेशनल वीडियो बनाना भी शुरू कर दिया है. ताकि लोग देखकर किसी भी हीटस्ट्रोक पीड़ित की मदद कर सकें. साथ ही सरकार के तहत चलने वाली सभी एंबुलेंस को निर्देश दिए गए हैं कि वे आइस बॉक्स, आइस पैक और एक तिरपाल साथ रखें. ताकि हीटस्ट्रोक के केस आने पर तुरंत इसका उपयोग कर सकें.

क्या होती है TACO तकनीक

TACO तकनीक में तिरपाल के चारों कोनों को उठाकर एक झोली बनाई जाती है, जिसमें मरीज को ठंडे पानी और बर्फ में सीने तक डुबोया जाता है, और फिर हल्के से हिलाया जाता है ताकि शरीर ठंडा हो सके.कर्मचारी एक प्लास्टिक तिरपाल पकड़ते हैं, जिसमें ठंडा पानी भरा जाता है और मरीज बीच में बैठता या लेटता है.

सभी टेक्नीशियनों को दी गई TACO की ट्रेनिंग

EMRI-GHS, जो सरकार की एम्बुलेंस चलाने वाली कंपनी है, उसके राज्य प्रमुख मधुसूदन भोमिया ने कहा, “हमने एम्बुलेंस में तैनात इमरजेंसी मडेकिल टेक्नीशियन (EMT) को TACO से इलाज करने की ट्रेनिंग दी है.” उन्होंने कहा, “एम्बुलेंस में मरीजों को ORS और ग्लूकोज देने की भी व्यवस्था की गई है.”स्वास्थ्य विभाग के राज्य नोडल अधिकारी (जलवायु परिवर्तन) डॉ. नरोत्तम शर्मा ने कहा, “सभी एम्बुलेंस के लिए आइस बॉक्स और आइस पैक साथ रखना अनिवार्य है. गर्मी की लहर से जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं. हीटस्ट्रोक के मरीजों को तुरंत इलाज की जरूरत होती है। हमने सभी मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी एम्बुलेंस में TACO के लिए आइस पैक और तिरपाल हो. ऐसे मरीजों को तुरंत अस्पताल ले जाना जरूरी है. हमने अस्पतालों में ऐसे मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था की है.”

हीटस्ट्रोक से कैसे करें बचाव

हीटस्ट्रोक से बचने के लिए खूब पानी पिएं. दिनभर ढेर सारा पानी या लिक्विड जैसे की नींबू पानी, ओआरएस, लस्सी पिएं. भले ही आपको प्यास ना लगे. शराब, चाय, कॉफी या बहुत मीठे ड्रिंक से बचें, क्योंकि ये शरीर को और डिहाइड्रेट कर सकते हैं. साथ ही हल्के और ढीले कपड़े पहनें. जैसे कि हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े पहनें, जो हवा पास होने दें. बाहर जाते समय टोपी, छाता या दुपट्टा इस्तेमाल करें. सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक धूप में बाहर निकलने से बचें, क्योंकि इस समय गर्मी सबसे ज्यादा होती है.छायादार जगहों पर रहें और बाहर काम कम करें. घर को ठंडा रखें. खिड़कियों पर पर्दे, अखबार या गत्ते लगाएं ताकि धूप अंदर न आए. पंखे, कूलर या AC का इस्तेमाल करें और रात में खिड़कियां खोलकर हवा आने दें.

हीटस्ट्रोक के लक्षणों पर ध्यान दें

अगर सिरदर्द, चक्कर, उल्टी, तेज बुखार या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत छाया में जाएं, ठंडा पानी पिएं और नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें. बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखें. बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को गर्मी से ज्यादा खतरा होता है. हल्का और ताजा खाना खाएं. फल, सब्जियां, सलाद और हल्का भोजन खाएं. भारी, तला-भुना या बासी खाना खाने से बचें. पशुओं का भी ध्यान रखें. मौसम की जानकारी रखें और गर्मी की चेतावनियों पर ध्यान दें. लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

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