Increased Pressure On Gehlot Government To Reduce Vat On Petrol – पंजाब ने कम किया वेट, अब गहलोत सरकार पर बड़ा चौतरफा दबाव
संगठन के नेताओं ने भी की मुख्यमंत्री से चर्चा,पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा चर्चा के बाद सीएम ले सकते हैं वेट कम करने का फैसला
जयपुर। पेट्रोल-डीजल पर वेट कम करने से इनकार कर चुकी गहलोत सरकार पर अब दबाव बढ़ने लगा है। रविवार रात कांग्रेस शासित पंजाब राज्य की ओर से पेट्रोल-डीजल पर वेट कम करने के बाद अब गहलोत सरकार पर भी एकाएक दबाव बढ़ा है। विपक्ष के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वेट कम को लेकर चर्चा की है।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने भी पूरी तैयारी कर ली है कि अगर गहलोत सरकार पेट्रोल डीजल रेट कम नहीं करती तो फिर उसके खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा। ऐसे में सरकार पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से केंद्र सरकार को दो बार पत्र लिखकर पेट्रोल-डीजल की दरें और कम करने की मांग की गई है।
पीसीसी चीफ डोटासरा से करेंगे चर्चा
सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से पेट्रोल-डीजल पर वेट कम करने को लेकर चर्चा करेंगे। बताया जाता है कि सोमवार शाम या फिर मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा के बीच बैठक होगी, जिसमें वेट कम करने को लेकर चर्चा होगी। कहा जा रहा है कि पीसीसी चीफ डोटासरा से चर्चा के बाद ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वेट कम करने या नहीं करने का फैसला लेंगे।
संगठन के साथ सबसे बड़ी परेशानी
इधर राज्य की गहलोत सरकार की ओर से वेट कम नहीं करने को लेकर सबसे बड़ी परेशानी प्रदेश कांग्रेस के सामने हैं। प्रदेश कांग्रेस की ओर से 14 से 29 नवंबर तक प्रदेश के सभी जिला और ब्लॉक लेवल पर महंगाई और पेट्रोल डीजल की बढ़ती दरों के खिलाफ जन जागरण अभियान जैसे कार्यक्रम किए जाएंगे, जिसमें जनता के बीच जाकर केंद्र की नीतियों और पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर जागरूक किया जाएगा, जिसके बाद से चर्चा इस बात की है कि जब सरकार ही वेट कम नहीं कर रही तो फिर जनता के बीच जाकर कैसे उन्हें समझाएंगे?
अभियान से पहले हो वेट कम
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि सरकार को जन जागरण अभियान की शुरुआत होने से पहले वेट कम कर देना चाहिए जिससे कि कार्यकर्ता पूरी शिद्दत के साथ जनता के बीच जाकर केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों का विरोध कर कर पाएं।गौरतलब है कि केंद्र की ओर से पेट्रोल और डीजल की दरें कम करने के बाद कई राज्यों ने वेट कम करके जनता को राहत दी है तो वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फिलहाल वेट कम करने से इनकार कर दिया है।
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