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गेहूं की फसल के लिए मौसम प्रतिकूल, रोगों का बढ़ा खतरा, प्याज और टमाटर का ऐसे करें अच्छा उत्पादन

Agency: Rajasthan

Last Updated:February 11, 2025, 11:44 IST

Disease in Wheat Farming : गेहूं और सरसों की फसलों में रोगों की संभावना बढ़ी, नियमित निगरानी जरूरी. गेहूं में रतुआ और सरसों में एफिड नियंत्रण के लिए विशेषज्ञों ने डाइथेन एम-45 और इमिडाक्लोप्रिड के छिड़काव की सल…और पढ़ेंX
गेहूं
गेहूं की फसल 

हाइलाइट्स

गेहूं में रतुआ नियंत्रण के लिए डाइथेन एम-45 का छिड़काव करें.सरसों में एफिड नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव करें.प्याज-टमाटर में रोग नियंत्रण के लिए नियमित निगरानी करें.

सीकर. इस मौसम में गेहूं और सरसों सहित अन्य फसलों में विभिन्न रोगों के प्रकोप की संभावना रहती है. ऐसे में फसल की नियमित निगरानी पर अधिक ध्यान देना चाहिए. अगर फसल में रोगों का प्रकोप दिखता है तो उसका तुरंत निवारण करें. उसके नियंत्रण के लिए ये काम करें…

एग्रीकचर एक्सपर्ट बजरंग सिंह ने बताया कि गेहूं की फसल में रोगों, विशेषकर रतुआ का ध्यान रखें. काला, भूरा अथवा पीला रतुआ आने पर फसल में डाइथेन एम-45 का छिड़काव 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से करें. पीला रतुआ के लिए 10 से 20 डिग्री सेल्सियस तापमान अनुकूल रहता है. 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान होने पर रोग का फैलाव नहीं होता. भूरा रतुआ के लिए 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ नमीयुक्त जलवायु, जबकि काला रतुआ के लिए 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के साथ नमीरहित जलवायु अनुकूल रहती है. सरसों एफिड द्वारा अधिक संक्रमित होने की संभावना रहती है. इस कीट को नियंत्रित करने के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल का 1.0 मिली प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें.

प्याज-टमाटर में छिड़कावइस मौसम में प्याज की समय से बोई गई फसल में थ्रिप्स के आक्रमण और परपल ब्लोस रोग की निगरानी जरूरी है. रोग के लक्षण पाए जाने पर डाएथेन- 45-एम का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी का किसी चिपकने वाले पदार्थ जैसे टीपोल आदि (1 ग्राम प्रति एक लीटर घोल) में मिलाकर छिड़काव करें. यह छिड़काव आसमान साफ होने पर करें. टमाटर की फसल में फलछेदक कीट के नियंत्रण के लिए फेरोमोन प्रपंच को 3-4 प्रपंच प्रति एकड़ की दर से लगाएं. इसके अलावा मैथी, मटर, जीरा, और धनिया पाउडर फफूंदी के हमले से प्रभावित हो सकते हैं. इस रोग में पत्तियों पर सफेद चूर्ण दिखाई देता है. ऐसे में डिनोकैप 48 ईसी का 1.0 मिली या डेफेनकोनाजोल का 0.5 मिली प्रति लीटर पानी या धूल गंधक का 25 किग्रा प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव करें.

खेतों में देसी खाद डाले इस सप्ताह तापमान बढ़ने की संभावना को देखते हुए भिंडी की अगेती बुवाई के लिए खेतों को पलेवा कर देसी खाद डालकर तैयार करें. कद्दूवर्गीय सब्जियों, मिर्च, टमाटर, बैंगन आदि की बुवाई पौधाशाला में कर सकते हैं. तैयार टमाटर, मिर्च, कद्दूवर्गीय सब्जियों के पौधों की रोपाई कर सकते हैं.


Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

February 11, 2025, 11:44 IST

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गेहूं की फसल के लिए मौसम प्रतिकूल, रोगों का बढ़ा खतरा, ऐसे करें निवारण

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