Rajasthan

विकलांग लोगों के लिए वर्षों पहले भगवान बनकर जन्मी जयपुर की यह संस्था, यूएनओ भी कर चुका जयपुर फुट की तारीफ!

Last Updated:December 16, 2025, 18:57 IST

जयपुर में स्थित भगवान महावीर विकलांग समिति के जनक और संस्थापक पद्म विभूषण डॉ. देवेन्द्र राज मेहता ने इसकी की शुरुआत 1975 में की थी, जयपुर फुट जयपुर की खास पहचान बन गई और संस्था अब तक लाखों विकलांग लोगों को कृत्रिम हाथ पेर लगा चुकी हैं.जयपुर फुट ने विकलांग लोगों की दी नई उड़ान

वैसे तो जयपुर अपनी ऐतिहासिक इमारतों और कला-संस्कृति के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, लेकिन जयपुर की चिकित्सा सेवाएं भी दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं, जहाँ केवल हॉस्पिटल ही नहीं, बल्कि कुछ ऐसी संस्थाएं भी हैं जो वर्षों से लोगों के जीवन में नई उड़ान भर रही हैं. ऐसे ही जयपुर में स्थित भगवान महावीर विकलांग समिति, जो खासतौर पर अपने जयपुर फुट तकनीकी के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यहाँ से अब तक लाखों लोगों ने अपने जीवन में कृत्रिम हाथ-पैर लगाकर नई शुरुआत की है. जयपुर फुट दुनिया का एकमात्र नॉन-आर्टिकुलेटेड फुट है, जो पर्याप्त मोबिलिटी और तीनों प्लेन यानी डॉर्सी-फ्लेक्शन, इनवर्जन/एवर्जन और ट्रांसवर्स रोटेशन प्रदान करता है.

डॉ. देवेन्द्र राज मेहता के सपने ने भरा लोगों के जीवन में उमंग

जयपुर में स्थित भगवान महावीर विकलांग समिति के जनक और संस्थापक पद्म विभूषण डॉ. देवेन्द्र राज मेहता ने इसकी शुरुआत 1975 में की थी. जयपुर फुट जयपुर की खास पहचान बन गई और संस्था अब तक लाखों विकलांग लोगों को कृत्रिम हाथ-पैर लगा चुकी है. हर दिन सड़क दुर्घटनाओं में लोग अपने हाथ-पैर खो देते हैं और हमेशा के लिए विकलांग जीवन जीने को मजबूर हो जाते हैं. यहां तक कि विकलांगता से लोगों में जीवन जीने तक की इच्छा खत्म हो जाती है, लेकिन वर्षों से जयपुर फुट ने ऐसे लोगों के जीवन को नई उड़ान दी है. खासतौर पर विकलांगों के लिए जयपुर फुट को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि इसका एक ही डिज़ाइन कई तरह की गतिविधियां करने देता है.

विकलांग लोगों के लिए स्वग हैं यह संस्था

आपको बता दें, जयपुर फुट की तकनीक इतनी खास है कि विकलांग लोगों को जयपुर फुट लगने के बाद वे आसानी से चल-फिर सकते हैं और काम कर सकते हैं. भगवान महावीर विकलांग समिति द्वारा हर दिन दिव्यांगों को कृत्रिम पैर, कैलीपर्स, बैसाखियां, व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल और सुनने के लिए कान की मशीन निशुल्क उपलब्ध करवाई जाती हैं. इसलिए देश के कौन-कौन से लोग यहां जयपुर फुट लगवाने के लिए आते हैं. जयपुर फुट खासतौर पर ऐसे विकलांग लोगों के लिए है, जिनके पैर न होने या पैर में किसी प्रकार की दिक्कत के कारण वे चल-फिर नहीं सकते. उनके लिए जयपुर फुट का कृत्रिम पैर, जो पैर के हर हिस्से में कहीं से भी लगाया जा सकता है, विकलांग लोगों को चल-फिरने में मदद करता है और रोजमर्रा के कामों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता.

Add as Preferred Source on Google

विदेशों तक हैं जयपुर फुट की डिमांड, 42 देशों तक बिखरा जयपुर फुट का जादू

जयपुर फुट न सिर्फ भारत तक सीमित रहा है, बल्कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश, इराक, सीरिया, सूडान, डोमिनिकन रिपब्लिक, सहित दुनिया के 42 देशों में 111 कैंप लगाकर 44 हजार से अधिक दिव्यांगों को कृत्रिम हाथ-पैर लगा चुका है. इसलिए संयुक्त राष्ट्र महासभा सहित तमाम दुनिया की बड़ी संस्थाएं जयपुर फुट की इस तकनीक और सेवा की तारीफ करती हैं. भगवान महावीर विकलांग समिति ख़ासतौर पर विदेशों में ऑन-द-स्पॉट कैंप आयोजित करता है.

इस तकनीक से तैयार होता हैं जयपुर फुट

आपको बता दें, जयपुर फुट/लिंब एक प्रोस्थेटिक्स है, जिसमें कस्टम-मेड सॉकेट के लिए पॉलीमर का इस्तेमाल होता है, जो खास तौर पर डिज़ाइन किए गए जयपुर फुट की टेक्नोलॉजी में इस्तेमाल होने वाले फुट से अलग से जुड़ा होता है. घुटने के ऊपर से पैर कटे लोगों के लिए ज़्यादातर एक खास जॉइंट होता है, जिसे जयपुर-नी कहते हैं, जिसे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, USA और BMVSS ने मिलकर बनाया है. अगर बात करें जयपुर फुट के इस्तेमाल और फायदों की, तो घुटने के नीचे पैर गंवाने वाला व्यक्ति जयपुर फुट के साथ आम तौर पर समतल या ऊबड़-खाबड़ ज़मीन पर चल सकता है, दौड़ सकता है, बैठ सकता है, उकड़ू बैठ सकता है, चढ़ सकता है, तैर सकता है, नाच सकता है. साथ ही, चलने-फिरने में मदद करने के अलावा, जयपुर फुट बहुत हल्का और टिकाऊ होता है, जिसका रखरखाव आसान है. जयपुर फुट तीन से चार साल तक चलता है। इसके बाद इसे बदला जा सकता है.

दुनियाभर ने माना जयपुर फुट का लोहा

आपको बता दें, भगवान महावीर विकलांग समिति द्वारा जयपुर फुट की तकनीक को दुनियाभर से तारीफें मिलती रहती हैं. भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्षों और बड़ी-बड़ी संस्थाओं के लोग जयपुर फुट तकनीकी का लोहा मानते हैं. क्योंकि लोगों को निःशुल्क कृत्रिम हाथ-पैर और अन्य चीजों की सुविधा, जो बाजारों में लाखों रुपए में मिलती है, वह काम भगवान महावीर विकलांग समिति फ्री में करती है. संस्था को दुनियाभर से कई अवार्डों से सम्मानित किया जा चुका है और जयपुर फुट अब एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्था है, जिसके साथ लाखों लोग जुड़े हैं.

ऐसे निःशुल्क लगावा सकते हैं जयपुर फुट

जयपुर के मालवीय नगर में जयपुर फुट का मुख्य केंद्र है, जहाँ हर दिन लोगों के लिए जयपुर फुट तैयार किए जाते हैं. कोई भी विकलांग व्यक्ति जयपुर और BMVSS के अन्य केंद्रों पर जाकर निःशुल्क सेवाएं प्राप्त कर सकता है. इसके लिए संस्थान में अपॉइंटमेंट लेने की ज़रूरत नहीं है. लोगों का कृत्रिम हाथ-पैर लगवाने के लिए सिर्फ कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, विकलांगता प्रमाण पत्र आदि की आवश्यकता पड़ती है, और लोग तुरंत अपने लिए अंग यहाँ से ले सकते हैं. जयपुर के अलावा, जयपुर फुट तैयार करने के लिए अलग-अलग जगहों पर फैक्ट्री लगाई हुई है, जहाँ लोगों की विकलांगता के हिसाब से उनके लिए कृत्रिम हाथ-पैर तैयार किए जाते हैं.

First Published :

December 16, 2025, 18:57 IST

homerajasthan

जयपुर फुट भगवान महावीर विकलांग समिति की अनोखी तकनीक और सेवाएं

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj